1. गाय पर निबंध (The cow essay in hindi) – 12th Class
गाय का परिचय
गाय एक दुधारू पालतू पशु है। गाय हरा चारा खाती है। दूध देने के अलावा गाय हमारे और भी बहुत सारे काम आती है। भारत के सम्बन्ध में गाय के बारे में कुछ कहना चाहें तो यही कहेंगे की गाय को भारत में पूजा जाता है। गाय को हिन्दू धर्म में माता के रूप में पूजा जाता है।
भारत में गाय को जैसे मंदिर में भगवान को पूजते हैं ऐसे ही गाय की पूजा की जाती है। हिन्दू धर्म में मान्यता है की गाय में सब भगवानों का वास है। भारत में गाय का बहुत पुराना इतिहास है। गाय को हिन्दू धर्म के देवी देवताओं से जोड़कर देखा जाता है। गाय के दूध को किसी औषधि के रूप में भी लिया जाता है।
गाय की शारीरिक रचना
- गाय के दो कान, दो नाक (नथुने), एक मुँह, दो सींग, एक पूंछ, दो आँखें होती हैं।
- गाय के दो थन होते हैं जिनमें से हम दूध निकालते हैं।
- गाय की पूंछ उसको मच्छर व मक्खियाँ उड़ने में मदद करती है।
- गाय की कुछ नस्लों के सर पे सींग नहीं होते।
- गाय मुख्यतः काली, भूरी, लाल और सफ़ेद रंग की भी होती हैं।
- गाय की पैरों के नीचे खुर होते हैं जो उसको ऊबड़ – खाबड़ रास्ते में चलने में सहायक होते हैं।
- गाय की औसत आयु 10 से 15 साल ही मानी गई है।
गाय के लाभ
- गाय से हमें पीने के लिए दूध मिलता है। जो की मनुष्य के लिए एक श्रेष्ठ आहार है।
- गाय के दूध से दही, मक्खन, छाछ, घी, पनीर तथा विभिन्न प्रकार की मिठाई भी बनाई जा सकती है।
- गाय के मूत्र का उपयोग बहुत सी औषधि बनाने में किया जाता है।
- गाय का मूत्र भी अपने आप में एक औषधि मानी जाती है।
- गाय के गोबर के उपले बनते हैं। जिनको जलाकर बहुत से कार्य किया जाते हैं।
- गाय के मरने के बाद उसकी चमड़ी, सींग व हड्डियों से कई सारे उत्पाद बनाए जा सकते हैं।
- गाय का गोबर किसानों के लिए खाद के रूप में भी उपयोगी है।
- गाय का दूध बच्चों के लिए बहुत उपयोगी है।
- गाय का बछड़ा बड़ा होकर बैल बनता है जिसका खेती के कार्यों में बहुत उपयोग होता है।
गाय का महत्व
गाय एक बहुत ही महत्वपूर्ण पशु है। भारत में इसका अत्याधिक महत्व है। प्राचीन काल में जिसके पास ज्यादा गाय होती थी उसको संपन्न व्यक्तियों में गिना जाता था। गायों को प्राचीन काल में शादी के समय दहेज़ के रूप में वर पक्ष को दिया जाता था। गायों को लड़ाई के समय सोने चाँदी को लुटने के जैसे ही लूटा जाता था। हिन्दू धर्म में गाय को मारना या गाय का मांस खाना पाप समझा जाता है। आधिकारिक तौर पर उसके लिए सजा का प्रावधान नहीं है। लेकिन हिन्दू धर्म में ऐसे व्यक्ति को पापी समझा जाता है और उसके लिए सजा का प्रावधान किया गया है। खेती के सम्बन्ध में भी गाय का विशेष महत्व है।
समाज में आवारा गायों के रख रखाव के लिए गौशाला का निर्माण करवाने वाले दानी व्यक्तियों की कोई कमी नहीं है। गौशाला में दान देना समाज में एक पुण्य का काम समझा जाता है। गाय का श्री कृष्ण भगवान से भी गहरा सम्बन्ध है इसलिए ही श्री कृष्ण भगवान को गोपाल के नाम से भी पुकारा जाता है।
गाय की नस्ल
पूरे विश्व भर में गाय की विभिन्न नस्ल पाई जाती हैं जो निम्नलिखित हैं:
- भारत में पाई जाते वाली नस्लों में शामिल हैं साहिवाल, गिर, थारपारकर, लाल सिन्धी, मेवाती, दज्जल, धन्नी और राठी नस्ल।
- विदेशों में पाई जाने वाली नस्लें हैं जैसे: ब्राउन स्विस, होल्स्टीन फ्रीजियन, जर्सी, गर्नशी, आयरसायर, रेडडेन, एंगस, चारोलायास, ब्रान्गास, एवर्दीन इत्यादि।
गाय की वर्तमान स्थिति
आज के वर्तमान समय में कुछ लोग अपने फायदे के लिए गायों को मारते भी हैं और उसका मांस भी बेचते हैं। आज के समय में गायों की स्थित बहुत ही दयनीय हो गई है। आवारा गायों की संख्या बढती जा रही है। इनको भर पेट खाना पीना भी नहीं मिल पता इसलिए सड़कों और गलियों में पड़ा कुछ भी कूड़ा कचरा ये खा लेती हैं और फिर बीमार होकर मर जाती हैं।
निष्कर्ष
गायों की पूजा की जाती है लेकिन आज के समय उनकी स्थिति को देखते हुआ हमें गायों पर और विशेष ध्यान देना चाहिए। गौशाल का ज्यादा संख्या में निर्माण करवाना चाहिए जिससे गायों को सम्भाला जा सके और गायों की हत्या करने पर सख्त दंड का प्रावधान होना चाहिए। हमें गाय की स्थिति के विषय में प्राथमिकता से सोचना चाहिए क्योंकि गाय हमारी आस्था और अर्थव्यवस्था दोनों से सम्बंधित है। ग्रामीण इलाकों में अब भी गायों का बहुत महत्व है।
2. गाय का निबंध ( Cow Essay in Hindi 15 lines ) – 10th class
मेरे घर में एक गाय है, जिसका नाम हमने लक्ष्मी रखा है। वैसे तो गाय एक पशु है, लेकिन हमारे लिए उसकी किसी माता के जैसे पूजा होती है। वास्तविकता तो यह है की गाय को पूरे भारत के हर एक घर में माता के जैसे पूजा जाता है। गाय एल दुधारू और पालतू पशु होती है। मेरे घर पे सफ़ेद रंग की गाय है। लेकिन गाय लाल, भूरी और काले रंग में भी पाई जाती है। गाय का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। गाय का दूध बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। हमारी गाय को एक बच्चा भी है। गाय के बच्चे को बछड़ा कहते हैं। हमारे बछड़े का नाम गोपाल है।
गाय के दो कान, एक मुह, दो आँखें, दो नथुने, चार पैर और एक पूंछ भी है। गाय के दूध को उसके थनों से निकला जाता है। दूध निकालने से पहले उसके बछड़े को दूध पीने दिया जाता है उसके बाद हम गाय का दूध निकलते हैं। गाय जो गोबर करती है उसके उपले बनते हैं। इन उपलों को चूल्हे में आग जलाकर हम अपने घरेलू काम कर सकते हैं। इसके अलावा गाय के गोबर की खाद भी बनती है जो खेतों में उर्वरक के रूप में उपयोग की जाती है।
गाय को गौ, गौ माता भी कह के बुलाते हैं। गाय की बहुत सारी नस्लें हैं। अलग अलग नस्ल की गायों की अलग अलग शारीरिक बनावट या रंग होता हैं। किसी गाय के सींग होते हैं और किसी के नहीं। किसी गाय का रंग सफ़ेद, किसी का भूरा, काला या लाल भी होता है।
हम अपनी गाय को कभी नहीं मारते। क्योंकि गाय को मारना पाप समझा जाता है। हिन्दू धर्म में गाय को मारना पाप है। और इस पाप के लिए दंड भी है। लेकिन फिर भी कुछ आदमी ऐसा करते हैं और गाय का मांस भी खाते हैं। हिन्दू धर्म में माना जाता है की गाय के शरीर में सब देवी देवताओं का निवास है। धार्मिक रूप से भी और गाय के महत्व भी इतने हैं की हमें इनकी सुरक्षा की तरफ विशेष ध्यान देना चाहिए।
गाय पर निबंध ( COW ESSAY IN HINDI )
3. गाय पर निबंध ( Cow ka essay in Hindi ) – 8th Class
गाय का बहुत पुराना इतिहास है। गाय का वर्णन हिन्दू धर्म के पुराणों में भी किया गया है। अन्य देशों की तुलना में भारत में गायों को किसी देवी के जैसे पुजा जाता है। गाय का वैज्ञानिक नाम बॉस इंडिकस (Bos Indicus) या बॉस टॉरस इंडिकस (Bos Taurus Indicus) है। इसके कंधे पर कूबड़ होता हैं। गाय एक शाकाहारी पशु है। गाय हरा चारा और घास फूस खाकर अपना पेट भरती है।
गाय का दूध बहुत गुणकारी होता है। गाय के दूध में भरपूर मात्रा में कैल्सियम और प्रोटीन होता है। गाय के दूध में आर्थेराइटिस बीमारी से लड़ने की शक्ति है। गाय के दूध में बी 2 और बी 12 विटामिन पाई जाती है। गाय का दूध मनुष्यों के लिए बहुत लाभदायक है। खासकर के छोटे बच्चों के मानसिक विकास के लिए यह बहुत लाभदायक है।
गाय का बछड़ा बड़ा होकर बैल बनता है। बैल का खेती के कार्यों में बहुत उपयोग होता है। बैल गाड़ी को खींचने के लिए बैल का उपयोग किया जाता है। इसके साथ साथ ग्रामीण इलाकों में जुटाई के लिए हल चलाने में बैल का उपयोग किया जाता है। गाय के गोबर का भी खेती में खाद के रूप में इस्तेमाल होता है।
गाय के गोबर का भी बहुत उपयोग हम दैनिक कार्यों में करते है। गाय के गोबर का लेप घर की दीवारों पर करने से फंगल नहीं लगती, बैक्टीरिया दूर रहते है। गोबर के उपले बनाकर उनको जलाने से निकले धुएँ से मच्छरों और मक्खियों जैसे कीटों को दूर भगाया जा सकता है। ये उपले घरों में चूल्हों में जलाने के काम भी लिए जाते हैं।
गाय की महता को देखते हुए और गाय की वर्तमान दयनीय स्थिति देखते हुए हमें गाय को संरक्षण प्रदान करना चाहिए। हमें जितनी हो सके ज्यादा से ज्यादा गौशालाओं का निर्माण करना चाहिए। जिससे की आवारा गायों की संख्या कम हो और आवारा एक भी गाय न बच सके, और गायों का पूर्ण रूप से रख रखाव हो सके। धार्मिक रूप से भी गाय का महत्व है और नैतिक रूप से भी हमें पशु पक्षियों की सुरक्षा रखनी चाहिए। इसलिए गायों को संरक्षण देना आवश्यक है।
4. गाय पर निबंध ( Cow essay in hindi 10 lines) – 5th Class
गाय एक पालतू पशु है, जो दूध देती है। मानव अपनी दूध की पूर्ति के लिए जानवरों पर ही निर्भर रहता है, और गाय एक प्रमुख दूध देने वाला पशु है। भारत में गाय को सिर्फ़ पशु के रूप में नहीं, बल्कि एक माँ के रूप में देखा जाता है और गाय को पूजा भी जाता है। गाय को गौ या गौ माता के नाम से भी पुकारा जाता है।
गाय के मूत्र को दवाइयाँ बनाने में उपयोग में लाया जाता है। गाय का दूध बहुत ही पौष्टिक और गुणों से भरपूर होता है। जब बच्चा पैदा होता है, तो डॉक्टर भी गाय का दूध पिलाने की सलाह देते हैं। गाय को भारत में गाँव की रीढ़ की हड्डी माना जाता है, क्योंकि गाय के बच्चे बड़े होकर गाय या बैल बनते हैं। बैल को गाँव में हाल जोतने के काम में लाया जाता है और गाय के गोबर को खेतों में खाद के रूप में उपयोग में लाया जाता है।
आज के आधुनिक दौर में लोगों ने गायों को पालना कम कर दिया है, जिसकी वजह से वो दर-बदर भटकती रहती हैं। ऐसी गायों के लिए आधुनिक और सुव्यवस्थित गौशाला आदि का निर्माण ज़्यादा से ज़्यादा करवाना चाहिए। गाय हमें जीवन प्रदान करने वाली है, इसलिए हमें गाय का हमेशा सम्मान करना चाहिए।
5. गाय पर निबंध – Cow essay in hindi 10 lines
- गाय एक पालतू और दुधारू पशु है।
- गाय का रंग सफ़ेद, भूरा, लाल, चितकबरी, व काला होता है।
- गाय हरी घास, अनाज और चारा आदि खाती है।
- भारत में गाय को माँ के समान माना जाता है।
- गाय की शारीरिक संरचना में चार पैर, दो सींग, चार थन, एक पूँछ, दो आँखे, दो कान, दो नथुने और एक बड़ी पूँछ होती है।
- गाय से हमें दूध प्राप्त होता है।
- गाय के दूध से मक्खन, दही, पनीर व कई परकार की मिठाइयाँ बनायी जाती हैं।
- गाय के गोबर से खाद बनायी जाती है।
- गाय अलग अलग आकार व रंग रूप की होती हैं।
- गाय का सबको सम्मान करना चाहिए।
6. Cow essay in hindi for 2nd Class – 10 lines
- गाय एक जानवर है जिसे पालतू बनाया जा सकता है।
- गाय शाकाहारी होती है और भोजन में हरी घास, अनाज व सूखा चारा खाती है।
- गाय के चार पैर, दो सींग, चार थन, एक पूँछ, दो आँखे, दो कान, दो नथुने और एक बड़ी पूँछ होती है।
- गाय को गौ या गौ माता के नाम से भी पुकारा जाता है।
- यह बहुत ही शांत ओर कोमल होती है।
- किसान गाय का उपयोग दूध के लिए करते हैं।
- गाय के गोबर का उपयोग है तरह से किया जाता है जैसे – बायो गैस और खाद।
- गाय का दूध बहुत गुणकारी होता है।
- गाय के दूध से अनेकों प्रकार की मिठाइयाँ, पनीर आदि बनाया जाता है।
- गाय की हमें रक्षा करनी चाहिए और चारा खिलाना चाहिए।
7. Cow essay for 3rd class in Hindi – 20 lines
- गाय एक पालतू व दुधारू जानवर है, जिसे गौ माता कहकर भी पुकारा जाता है।
- गाय की शारीरिक संरचना में चार पैर, दो सींग, चार थन, एक पूँछ, दो आँखे, दो कान, दो नथुने और एक बड़ी पूँछ होती है। कुछ नस्लों में गाय के सींग नहीं पाए जाते।
- गाय अपनी पूछ का उपयोग मक्खी आदि उड़ाने में करती है।
- इसके दूध को मक्खन, छाछ, घी, मिठाइयाँ आदि बनाने में उपयोग में लाया जाता है।
- गाय के दूध में औषधि के गुण होते हैं, और इसके दूध का उपयोग कई आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है।
- गाय का बछड़ा बड़ा होकर बैल बनता है, और बैल का उपयोग खेती के कामों में किया जाता है।
- हिंदू धर्म के अनुसार, गाय में हर भगवान का वास होता है और गाय बहुत पूजनीय मानी जाती है।
- भारत में पाई जाने वाली गाय की नस्लों में साहिवाल नस्ल को सबसे अच्छा माना जाता है।
- गाय की औसतन उम्र 10-15 वर्ष की होती है।
- गाय के मूत्र से भी कई सारी आयुर्वेदिक औषधी बनायी जाती हैं।
- गाय लगभग सभी प्रकार के मौसम में रह सकती है।
- गाय के गोबर को ईंधन के रूप में भी उपयोग में लाया जाता है।
- काली गाय को श्यामा गौ भी कह कर पुकारते हैं।
- साहिवाल गाय की भारतीय नस्ल है जिसे सबसे ज़्यादा दूध देने वाला माना जाता है।
- गाय का दूध बच्चों के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है।
- हिंदू धर्म में गाय का मारना पाप माना जाता है।
- भारत में सबसे ज़्यादा पाले जाना पशु गाय है।
- गाय विश्व भर में सभी देशों में पायी जाती हैं।
- गाय के दूध को सफ़ेद अमृत भी कहते हैं।
- गाय की हमें रक्षा करनी चाहिए और इनके लिए ग़ौशाला का निर्माण करवाने के लिए सहयोग करना चाहिए।
8. गाय पर निबंध ( Essay on Cow ) – 4th Class
मेरे घर पर दो गाय हैं, एक गाय का रंग सफ़ेद और दूसरी गाय का रंग कला है। सफ़ेद गाय का नाम नंदनी और काली गाय का नाम श्यामा है। हम अपनी दोनो गायों को एक जानवर की तरह नहीं बल्कि एक परिवार के सदस्य की तरह रखते हैं। हमारे घर में दोनो गायों को देवी की तरह पूजा जाता है, वैसे तो पूरे भारत में गाय को देवी के समान माना जाता है।
हमारे पास सफ़ेद ओर काले रंग की गाय हैं, लेकिन गाय भूरी और चितकबरे रंग की भी पायी जाती हैं। गाय के दूध में अनेकों पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं, ओर यह दूध गुणों से भरपूर होता है। हमारे घर में भी गाय का ही दूध पिया जाता है, जो बहुत ही स्वादिष्ट होता है।
हमारे घर में गाय को कभी भी पीटा नहीं जाता और हम बहुत प्यार से उनके साथ रहते हैं। हमें कभी भी गाय को नहीं मारना चाहिए, हिंदू धर्म में इसे पाप समझा जाता है। गाय के मूत्र के उपयोग से अनेकों परकार की औषधी बनायी जाती हैं, और आयुर्वेदिक दवाइयों में गाय के दूध का भी उपयोग होता है। गाय को जीवन दायक पशु समझा गया है, इसे कभी भी नुक़सान नहीं पहचाना चाहिए, और इनके संरक्षण के लिए हमें निरंतर प्रयास करना चाहिए।
9. गाय पर निबंध (Essay on Cow)
‘गाय हमारी माता है’ ऐसी कहावत आपने बहुत बार सुनी होगी। दरअसल यह कहावत इसलिए बनी क्योंकि भारत में गाय को किसी देवी के समान ही पुजा जाता है। गाय का श्री कृष्ण भगवान के साथ संबंध तो आपने सुना ही होगा। भगवान श्री कृष्ण को एक ग्वाले की संज्ञा भी दी गई है। वो गायों को चराने ले जाते थे। कृष्ण भगवान किसी पेड़ की छाया में बैठ के बांसुरी बजते थे और गायें आराम से चरती रहती थी। ऐसी भी और भी बहुत सी कहानियाँ गायों से सम्बंधित होंगी जिनका हिन्दू धर्म के पुराणों में उल्लेख मिलेगा।
विश्व के हर देश में अलग अलग नस्ल की गायें हैं। लेकिन अन्य देशों की तुलना में गायों को भारत में एक सामान्य पशु न मानकर किसी माता के जैसे पुजा जाता है। गाय की दो आँखें, दो कान, दो नथुने, एक मुँह, चार पैर और एक पूंछ होती है। गाय के पैरों में खुर्र होते हैं जो उसको आसानी से चलने में सहायक होते हैं। गाय के सींग भी होते हैं, लेकिन कुछ नस्लों में गाय के सींग नहीं होते हैं।
गाय का हमारे जीवन में धार्मिक, आर्थिक, सामाजिक, शारीरिक हर तरह का महत्व है। गाय की पुजा करने से मन को शांति मिलती है। गाय के दूध से हमारा शारीरिक और मानसिक विकास होता है, तो दूसरी तरफ गाय के दूध के अनेक तरह के उत्पादों का निर्माण करके बेचने से हमें आर्थिक मदद भी मिलती है। जिसके पास ज्यादा गायें होती है उसे समाज में सम्पन्न माना जाता है और उसका सम्मान भी बढ़ता है।
वर्तमान समय में घरों में गायों की संख्या पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। आजकल बहुत कम गाय रखने लग गए हैं लोग। आधुनिकीकरण, मशीनी-करण और शहरीकरण के कारण गायों के महत्व को लोग भूलते जा रहे हैं। जिसकी वजह से गाय आवारा घूमती हुई आपको गलियों या सड़कों पर दिखती होंगी। ऐसी आवारा गायों की गिनती दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।
भारत के अलावा अन्य देशों में गाय एक साधारण दुधारू और पालतू पशु है, और गाय को मार कर उसका मांस भी बेचा जाता है और खाया भी जाता है। वर्तमान समय में भारत में भी ऐसा होने लगा है। कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए गायों को मार कर उसका मांस बेचने लगे हैं और खाने भी लगे हैं, जो की धार्मिक नज़रिए से गलत है। भारत में जिस तरह से गाय को देख जाता है उसको देखते हुये हर एक भारतीय का यह फर्ज बनता है की वो गायों की इस वर्तमान में बनी हुई दयनीय स्थिति को सुधारने में सहयोग करे।
10. गाय पर निबंध (Essay on Cow)
- गाय एक दूध देने वाली शाकाहारी, पालतू पशु है। इससे ऊपर भारत में गाय पशु होने के साथ साथ एक देवी का रूप भी है।
- गाय का गर्भ धारा का काल 283 दिन होता है।
- गाय का वैज्ञानिक नाम ‘बौस टॉरस’ (Boss Taurus) है।
- गाय के दो कान, दो आँख, दो नथुने, एक जीभ, एक पूंछ, चार पैर जिनपे खुर होते हैं, कंधे पर कूबड़ होता है (सिर्फ खास नस्ल में)
- गाय का दूध कैल्सियम, प्रोटीन और विटामिन बी 2 व बी 12 से भरपूर होता है।
- गाय का दूध आर्थेराइटिस बीमारी में बहुत लाभदायक होता है।
- गाय के गोबर के उपले बनते हैं, जो घरेलू कार्यों में बहुत उपयोगी हैं।
- गाय के गोबर को घर की दीवारों पर लेप लगाकर घर का रख रखाव किया जा सकता है।
- गाय का बछड़ा बड़ा होकर बैल बनता है जो किसान के खेती के काम में बहुत काम आता है, जैसे – हल चलाने में, बैल गाड़ी खींचने में, पहले के समय में कुएं से पानी निकालने में जो विधि प्रयोग की जाती थी उसमें भी बैलों का उपयोग होता था सिंचाई कार्यों में।
- व्यापारिक उद्देश्यों के लिए गाय की चमड़ी और हड्डियों से उत्पाद बनके बेचे जा सकते हैं।
- गाय के दूध से बहुत सारे दुग्ध उत्पाद बनके बेचा जा सकता है, जैसे – दही, लस्सी या छाछ, पनीर, खोया, मिठाई, मावा इत्यादि।
- गाय के मूत्र का उपयोग बहुत सारी औषधियों में किया जाता है। गौ मूत्र अपने आप में भी एक औषधि है। कुछ लोग गौ मूत्र को औषधि के रूप में पीते हैं।
- आवारा गायों के लिया गौशाला होती है। जहां आवारा गायों का रख रखाव होता है। ये गौशाला कोई भी व्यक्तिगत रूप से बना जा सकता है, और इन गौशालाओं में लोग दान देते हैं, जो गौशाला में गायों के लिए प्रयोग होता है।
- आज के समय में गायों की स्थिति दयनीय है।
- आधुनिकता की धुन में लोगों ने गाय को महत्व देना बंद कर दिया है जबकि गाय का हमारे जीवन में बहुत महत्व है।
- हमें गाय के महत्वों को ध्यान में रखकर इनके संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए।