Agneepath Scheme – Agniveer kya hai ?
Agneepath scheme explained in hindi – अग्निपथ योजना के तहत जो भी सैनिक सेना में भर्ती होगा उसकी नौकरी 4 साल ही होगी और उसके बाद 75 फ़ीसद सैनिकों को सेना की नौकरी से सेवानिवृत कर दिया जाएगा। अग्निपथ योजना में भर्ती होने वाले सैनिकों को अग्निवीर कहा जाएगा।
भारतीय सेना में ये अब तक का सबसे बड़ा बदलाव है, और सभी सेनाओं में जैसे थल सेना, वायु सेना और नेवी में अग्निपथ योजना के तहत ही सेनिकों की भर्ती होगी।
- Agneepath Scheme – Agniveer kya hai ?
- अग्निपथ योजना क्या है ?- Agneepath scheme in hindi – detailed
- अग्निवीर के लिए योग्यता – Agneepath scheme eligibility
- अग्निवीर की सैलरी – Salary of Agniveer
- अग्निवीरों को मिलने वाली सुविधाएँ – Benifits for Agniveer Soldier
- अग्निपथ योजना के लाभ – Agniveer ke fayde
- अग्निपथ योजना की हानियाँ
- अग्निपथ योजना शुरू करने के कारण -Reasons to start Agneepath
- निष्कर्ष – Conclusion of Agneepath scheme
- Agneepath Yojana in Hindi से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब:
अग्निपथ योजना क्या है ?- Agneepath scheme in hindi – detailed
भारत की तीनों सेनाएँ थल सेना ने भी ओर वायु सेना में सैनिकों की भर्ती सिर्फ़ चार साल के लिए होगी और इन सभी सैनिकों की भर्ती अग्निपथ योजना के तहत होंगी। जो भी सैनिक अग्निपथ स्कीम के तहत भर्ती होंगे उन्हें अग्निवीर का नाम दिया जाएगा।
Agneepath scheme in hindi – भारत सरकार और भारतीय सेना ने ये फ़ैसला लिया है की सेना की सभी भर्तियाँ अग्निपथ के तहत होंगी जिसमें भर्ती होने वाले 75% सैनिकों को 4 साल के लिए सेना में रखा जाएगा और उन्हें रिटायर कर दिया जाएगा। और बचे हुए 25% सेनिकों को स्थायी तौर पर सेना में नौकरी मिलेगी। जिन भी सैनिकों को अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किया जाएगा उन्हें अग्निवीर का नाम दिया जाएगा।
4 साल से बाद अग्निवीर की नौकरी
इस योजना के तहत जिन सैनिकों को नियुक्त किया जाएगा उन सैनिकों में से 75 फ़ीसदी सैनिकों को घर भेज दिया जाएगा और बाक़ी बची 25 फ़ीसदी सैनिकों को स्थाई सैनिक के तौर पर नियुक्त होंगे। अग्निपथ योजना में अग्नि वीरों को स्थायी नौकरी के लिए एक आवेदन देना होगा और उस आवेदन के बाद सभी सैनिकों में से 25 फ़ीसदी सैनिकों को स्थायी तौर पर सेना में नौकरी दी जाती है।
अग्निवीर योजना के अंतर्गत यह योजना सिर्फ़ जवानों के लिए लागू की है और अग्निपथ स्कीम के तहत ऑफ़िसर रैंक इसमें नहीं।
अग्निवीर के लिए योग्यता – Agneepath scheme eligibility
- अग्निवीर बनने के लिए आपकी आयु कम से कम 17.5 और अधिक से अधिक 21 वर्ष होनी चाहिए।
- जनरल ड्यूटी से लिए शैक्षणिक योग्यता कम से कम 10वीं कक्षा पास है और विभिन्न पदों के लिए 10वीं और 12वीं पास माँगी गयी है।
अग्निवीर की सैलरी – Salary of Agniveer
अग्निवीर की सैलरी ( Agniveer Salary ) पहले स्सल 30 हज़ार होगी जो दूसरे साल बढ़कर 33 हज़ार हो जाएगी। इसके बाद तीसरे साल में 36.5 और चौथे साल में 40 हज़ार होगी।
अग्निवीर की सैलरी में से 30 फ़ीसदी यानी 9 हज़ार रुपए अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जमा हो जाएँगे और सरकार अपनी तरफ़ से भी 9 हज़ार रुपए अग्निवीरों के अग्निवीर कॉर्प्स फंड ( Agniveer Corpus Fund ) में डालेगी।
अग्निवीरों को मिलने वाली सुविधाएँ – Benifits for Agniveer Soldier
अग्निवीर को पेन्शन नहीं दी जाएगी लेकिन सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा। जो भी 30 फ़ीसदी पैसा काटा जाएगा, वो पैसा 4 साल बाद जो सैनिक सेवानिवृत होंगे उन्हें मिलेगा जिसकी राशि 11.71 लाख होगी।
इसके अलावा उन्हें दूसरी नौकरी शुरू करने में भी मदद सरकार की तरफ़ से दी जाएँगी।
4 साल के बाद सेवानिवृत हुए सैनिकों को राज्य सरकार में और केंद्र सरकार में नौकरी देने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ साथ 48 लाख रुपए का बीमा कवर भी सैनिकों को दिया जाएगा।
अग्निपथ योजना के लाभ – Agniveer ke fayde
- अग्निपथ योजना / Agneepath Scheme के अनेकों लाख युवाओं को मिलेंगे। अग्निपथ योजना के तहत जिन सैनिकों की भर्तियां होंगी इनमें से 75 फ़ीसदी सैनिकों को सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा और उसके उपरांत नई भर्तियां निकाली जाएगी।
- ऐसा करने से युवाओं को सेना में भर्ती होने का अवसर प्राप्त होगा और ज़्यादा से ज़्यादा नौकरियां युवाओं को दी जा सकेंगी।
- अग्नि वीर सैनिक राज्य और केंद्र की नौकरियां पाने में सक्षम होंगे और उन्हें राज्य सरकार और केंद्र सरकार की नौकरियों में छूट प्राप्त होगी।
- सेना में नौजवान सैनिकों की संख्या बढ़ेगी जो अभी सैनिकों की औसतन आयु 30 वर्ष है वो घट कर कम होगी।
- सेना के बजट का ज़्यादातर हिस्सा सेना को बेहतर करने में लगाया जाएगा।
अग्निपथ योजना की हानियाँ
- 75 फ़ीसदी सैनिकों को 4 साल बाद सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा।
- 75 फ़ीसदी सेवानिवृत्त हुए सैनिकों को पेन्शन नहीं दी जाएगी।
- सैनिकों को 4 साल के उपरांत दूसरी नौकरी तलाश करनी होगी।
- सिर्फ़ 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी जो सैनिक के लिए उपयुक्त नहीं होती। क्योंकि एक सैनिक को जंग लड़ने के लिए तैयार होने के लिए कम से कम 3 से 5 साल की ट्रेनिंग की ज़रूरत होती है।
लेकिन अग्निवीरों को नयी नौकरियाँ पाने में मदद और छूट प्राप्त होगी, और जो 25 फ़ीसदी सैनिक स्थायी होंगे उन्हें आगे ट्रेनिंग दी जाएगी, और अब जो ट्रेनिंग भारतीय सेना में होती है उसमें सुधार होगा ताकि कम समय में ही सैनिकों को ओर अच्छी ट्रेनिंग दी जाए।
अग्निपथ योजना शुरू करने के कारण -Reasons to start Agneepath
- भारतीय सेना के सैनिकों की औसत आयु 30 वर्ष के लगभग है। सरकार व भारतीय सेना की इच्छा है की जो औसतन आयी 30 वर्ष है उसे कम किया जाए, ताकि भारतीय सेना में नौजवान सैनिकों की संख्या ज़्यादा हो और सेना हमेशा फ़िट रहे।
- भारतीय सेना के बजट का लगभग 80% हिस्सा सैनिकों की तनख़्वाह और पेन्शन में जाता है और सेना को तकनीकी रूप से मज़बूत और आधुनिक बनाने में बजट कम पड़ जाता है।
निष्कर्ष – Conclusion of Agneepath scheme
अग्निपथ योजना सरकार की तरफ़ से शुरू की गई एक सराहनीय योजना है, जिसका फ़ायदा युवाओं को मिलेगा और उन्हें सेना में भर्ती होने का मौक़ा मिलेगा। इस तरह से सरकार अधिक से अधिक नौकरियाँ युवाओं को दे सकेगी।
इस योजना के ख़िलाफ़ कुछ जगह पर लोगों ने रोष भी जताया, लेकिन भारतीय सेना और सरकार अग्निपथ योजना को वापस नहीं लेगी और उन्होंने इसे जारी रखने का फ़ैसला लिया है। जो देश हित में है, हमें भी इस फ़ैसले का सम्मान करना चाहिए और अग्निपथ Scheme को बढ़ावा देना चाहिए ताकि ज़्यादा से ज़्यादा नौजवानों को इसका फ़ायदा मिले और सेना भी आधुनिक तौर पर मज़बूत हो।
Agneepath Yojana in Hindi से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब:
Agniveer ki age Limit कितनी है?
Agniveer की age limit 17.5 वर्ष से 21 वर्ष है, जिसे पहले साल 23 साल तक बढ़ाने का फ़ैसला लिया गया है।
Agneepath yojana क्या है?
सेना में भर्ती होने पर पहले सैनिकों को स्थायी तौर पर नौकरी मिलती थी, लेकिन अब Agneepath योजना के तहत भर्ती होने वाले 75 % सैनिकों को रिटायर कर दिया जाएगा और बचे हुए 25% को ही स्थायी तौर पर नौकरी दी जाएगी।
Agneepath yojana qualification क्या है?
अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर को जनरल ड्यूटी पद के लिए 10 वीं और दूसरे पदों के लिए 10वीं और 12वीं होना अनिवार्य है।
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