मंगलवार, अक्टूबर 3, 2023

भाषा किसे कहते हैं? भाषा की परिभाषा, रूप और प्रकार।

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भाषा किसे कहते हैं? (Bhasha Kise Kahte hain): भाषा एक ऐसा साधन है जिसकी मदद से हम अपने विचार जो हमारे मन में होते हैं, उन्हें दूसरों को व्यक्त करते हैं। हमारे मुख से निकलने वाली वाचक ध्वनियों से हम एक दूसरे को अपने विचार या बात बता पाते हैं उसे भाषा कहते हैं।

Bhasha kise kahate hain, भाषा

भाषा की परिभाषा – Bhasha kise kahte hain ?

भाषा की कई तरह की परिभाषा हम दे सकते हैं और समझ सकते हैं की भाषा क्या है? और भाषा किसे कहते हैं? (bhasha kise kahte hai) नीचे दी गयी कुछ परिभाषाओं से आप ये समझ सकते हैं:

  • भाषा हमारी मुख से न निकलने वाले वाचक ध्वनियों से बनी शब्द या वाक्यों के का समूह है जिनकी मदद से हम अपनी बाद या अपने मन के विचारों को दूसरे व्यक्ति के सामने रख सकते हैं या व्यक्त कर सकते हैं।
  • एक ऐसा साधन जिसकी मदद से व्यक्ति अपने विचार किसी दूसरे व्यक्ति के सामने रखता है और उन विचारों को व्यक्त करने के लिए जिन शब्दों और वाक्यों के समूह का उपयोग किया जाता है उसे भाषा कहते हैं।
  • अपने मन के विचारों को बोलकर व्यक्त करना और बोलने में उपयोग होने वाली वाचक ध्वनियाँ जिनसे शब्द और वाक्य बनते हैं उन शब्द और वाक्यों के समूह को भाषा कहा जाता है।

वाचक ध्वनियां और स्वर एक सुसज्जित व्यवस्था में मिलकर शब्दों के का निर्माण करते हैं, और शब्दों से वाक्यों का निर्माण किया जाता है जिनसे कोई भी व्यक्ति अपने विचार दूसरे को समझा पता है या व्यक्त कर पता है। इन शब्दों और वाक्यों के उच्चारण से एक बात किसी दूसरे व्यक्ति को बताई जाती है, जिसे बोली, भाषा, ज़बान आदि भी कहा जाता है।

Human Language Families

पूरे संसार में हज़ारों प्रकार की भाषाएँ मौजूद हैं और अलग अलग जगह पर अलग अलग भाषाएँ बोली जाती है। किसी भी साधारण व्यक्ति के लिए भी अपनी भाषा को छोड़कर किसी दूसरी भाषा को समझना आसान नहीं होता। बचपन से ही हम किसी समाज या देश की भाषा बोलते हैं और उसे अच्छी तरह समझते हैं, इसका कारण है कि हम बचपन से ही उस भाषा को सुनने वह बोलने में अभ्यस्त रहते हैं।

किसी भी भाषा की अनेकों उपभाषा हो सकती है और एक भाषा कई तरह की लिपियों में भी लिखी जा सकती है। या दो या दो दो से अधिक भाषाओं की एक लिपि हो सकती है।

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बोली, विभाषा और भाषा में अंतर

भाषा और बोली में मौलिक अंतर बता पाना आसान नहीं है क्यों की बोली एक भाषा का ही छोटा रूप होता है। लेकिन बोली और भाषा में अंतर क्षेत्र के विस्तार और व्यवहार पर निर्भर करता है।

  • बोली और भाषा में बहुत कम अंतर होता है बोली भाषा की एक छोटी इकाई है। बोली को हम एक बोल-चाल वाली भाषा या लहजे के रूप में समझ सकते हैं जो अलग अलग जगह पर भिन्न हो सकती है। इसको हम एक उदाहरण से आसानी से समझ सकते हैं – किसी भी एक बात को कहने के लिए एक व्यक्ति जो किसी A गाँव में रहता है उसका लहजा किसी दूसरे व्यक्ति जो किसी B गाँव में रहता है से अलग हो सकता है। यह लहजा थोड़ी दूरी पर बदलता रहता है और भाषा की इस चोटी इकाई को बोली कहते हैं।
  • विभाषा बोली का एक विस्तृत रूप होता है जिसे किसी प्रांत या उप-प्रांत में बोला जाता है। किसी एक वि-भाषी क्षेत्र में अलग अलग बोली स्थानीय भेदों के आधार पर मिलती हैं।
  • भाषा, विभाषा का विकसित और आदर्श रूप होता है जिसे किसी देश या अलग अलग देशों में बोला जाता है।

भाषा के प्रकार / भाषा के भेद

भाषा के तीन प्रकार या भेद होते हैं –

1. कथित भाषा / मौखिक भाषा : जो हम एक दूसरे को बोलकर अपने विचार व्यक्त करते हैं या सुनते हैं, उसे कथित भाषा या मौखिक भाषा कहा जाता है।

कथित भाषा का उदाहरण: जब दो व्यक्ति बोलकर आपस में बात करते हैं और विचारों को एक दूसरे तक पहुँचते हैं तो ये कथित भाषा है। 

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2. लिखित भाषा : लिखित भाषा का वो रूप होता है, जिसे लिख कर या पढ़ कर विचारों का आदान प्रदान किया जाता है।

लिखित भाषा का उदाहरण: जैसे आप अब हिंदी डेटा वेबसाइट पर दी गयी जानकारी को पढ़ और समझ रहे हैं। यह लिखित भाषा है। लिखित भाषा का उपयोग एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक अपने विचारों को पहुँचने में भी किया जाता है।

3. सांकेतिक भाषा : सांकेतिक भाषा में विचारों को संकेतों और इशारों से आदान प्रदान किया जाता है। इन संकेतों के लिए शरीर के अंगो का उपयोग किया जाता है। सांकेतिक भाषा में ध्वनि का उपयोग भी किया जाता है।

सांकेतिक भाषा का उदाहरण: 1. जो व्यक्ति बोल नहीं पाते वो अपनी बात इशारों से कहते हैं। 2. ट्रैफ़िक पुलिस का सिपाही अपने इशारों से गाड़ियों को आने जाने या रुकने का निर्देश डेटा है। 3. फ़ुटबाल खेल में रेफ़री सिटी बजाकर खिलाड़ियों को निर्देश देता है।

भाषा के रूप – Bhasha ke Roop

भाषा के अनेकों रूप हैं और भाषा को न केवल उस शक्ति से पहचाना जाता है जिसके साथ उस भाषा से कविताओं और कहानियों का निर्माण किया गया है कि बल की भाषा व सामाजिक संदर्भों और उद्देश्यों को साकार करने की क्षमता रखती है।

विश्व की अन्य भाषाओं में आजीविका का माध्यम बनने की विशेषताओं के साथ भाषा का एक नया आयाम भी उभर रहा है और इसके अनेकों रूप में सामने आएँ है।

जैसे: राज्यभाषा, राजभाषा, राष्ट्रीय भाषा, संपर्क भाषा, बोलचाल की भाषा, और मानक भाषा आदि।

1. राज्यभाषा किसे कहते हैं ?

किसी भी राज्य की प्रदेश सरकार द्वारा उस राज्य के प्रशासनिक कार्यों को करने के लिए जिस भाषा का उपयोग उस राज्य में किया जाता है उसे राज्यभाषा कहते हैं।

राज्यभाषा उस राज्य के अधिकांश लोगों द्वारा बोली और समझी जाती है, अगर कोई भाषा उस राज्य के अधिकांश व्यक्ति नहीं समझ पाते या नहीं बोल पाते तो उसे राज्यभाषा नहीं रखा जा सकता। प्रशासन की दृष्टि से राज्य में राज्यभाषा को महत्व दिया जाता है।

2. राजभाषा किसे कहते हैं?

किसी भी देश में राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में बोली जाने वाली मुख्य भाषाओं को महत्व देकर उन्हें देश की मुख्य भाषाओं में सम्मिलित कर लिया जाता है तो उसे राजभाषा कहते हैं। जैसे भारतीय संविधान में हिंदी भाषा के अलावा 22 भाषाओं को राजभाषा के रूप में सम्मिलित किया गया है।

Bhasha kise kahate hain, भाषा, भारत की राष्ट्र भाषा

दूसरे शब्दों में जिस भाषा का सरकार के कार्यों में या प्रशासनिक कार्यों में उपयोग होता है उसे राजभाषा कहते हैं। राजभाषा और राष्ट्रभाषा को कई व्यक्ति एक समान मानते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। राष्ट्रभाषा और राजभाषा में अंतर होता है और दोनों एक दूसरे से अलग है।

राजभाषा को इंग्लिश में ऑफिशियल लैंग्वेज  (official language) कहते हैं।

लेकिन कोई एक भाषा किसी भी देश की राजभाषा और राष्ट्रभाषा दोनों हो सकती है और हिन्दी इसका एक उचित उदाहरण है।

3. राष्ट्र भाषा किसे कहते हैं ?

हर स्वतंत्र देश की एक सर्वसम्मति से चुनी गई भाषा होती है जो राष्ट्रभाषा कहलाती है। किसी भी देश की संस्कृति साहित्य और इतिहास की प्रेरणा राष्ट्रभाषा में निहित होती है। किसी भी देश में अलग अलग भाषा में बोलने वाले व्यक्तियों के बीच में एक पारस्परिक विचार विनिमय करने वाली भाषा को राष्ट्रभाषा कहते हैं।

राष्ट्र भाषा को इंग्लिश में नैशनल लैंग्वेज (National Language) कहते हैं।

दूसरे शब्दों में जब किसी भाषा को राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार कर लिया जाता है और उस भाषा का उपयोग देश भर में विचारों का आदान प्रदान करने में और राजकीय कार्यों को करने के लिए उपयोग होता है उसे राष्ट्रभाषा कहते हैं।

राष्ट्रीय भाषा की विशेषताएँ

  1. राष्ट्रभाषा किसी भी राष्ट्र या देश में बोली जाती है और इसका प्रभाव पूरे देश में होता है। इसका उपयोग पूरे देश में व्यक्तियों द्वारा एक दूसरे के विचार को सुनने या व्यक्त करने में किया जाता है।
  2. देश का साहित्य इतिहास और संस्कृति राष्ट्रभाषा में निहित होती है।
  3. राष्ट्रभाषा किसी भी देश में सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा होती है और यह है बहुसंख्यक व्यक्तियों द्वारा उपयोग में लाई जाती है।

4. संपर्क भाषा किसे कहते हैं ?

विश्व भर में अनेक भाषाओं का अस्तित्व है लेकिन जिस भाषा के माध्यम से व्यक्ति से व्यक्ति या राज्य से राज्य या एक देश में रहने वाले व्यक्ति किसी अन्य देश की व्यक्तियों से संपर्क स्थापित करते हैं या बातचीत करते हैं उससे संपर्क भाषा कहा जाता है।

ऐसा ज़रूरी नहीं है की एक राज्य में बोली जाने वाली भाषा किसी दूसरे राज्य में रहने वाले व्यक्ति को समझ में आए। तो इसलिए एक ऐसी भाषा जो किसी दूसरी देश में रहने वाले व्यक्ति से या फिर किसी दूसरी भाषा बोलने यह समझने वाले व्यक्ति से संपर्क बनाने में मदद करती है या संपर्क का साधन बनती है ऐसी भाषा को संपर्क भाषा कहा जाता है।

भारत देश में हिंदी ऐसी भाषा है जो एक सम्पर्क भाषा के तौर पर प्रतिष्ठित होती जा रही है भारत के राज्यों में अलग अलग भाषाएँ बोली जाती है लेकिन हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसे हर राज्य का व्यक्ति समझता है और बोलता है। अगर हम भारत देश की बात करें तो हिन्दी एक संपर्क भाषा है और अगर हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बात करें तो इंग्लिश एक अंतरराष्ट्रीय संपर्क भाषा है।

5. बोलचाल की भाषा किसे कहते हैं ?

बोलचाल की भाषा को हम एक बोली की तरह समझ सकते हैं। जब कई व्यक्तियों और बोलियों का लगातार या पारस्परिक संपर्क एक दूसरे के साथ होता है तब बोलचाल की भाषा का विस्तार होता है।

आपस में मिलती जुलती बोली या उपभाषाओं का उपयोग करके जब बोल चाल होता है या विचार का आदान प्रदान किया जाता है तो इसे बोलचाल की भाषा कहते हैं।

6. मानक भाषा किसे कहते हैं ?

किसी भी भाषा की स्थिर रूप को मानक भाषा कहा जाता है। हिन्दी अंग्रेज़ी फ्रेंच गरी और संस्कृत इत्यादि मानव भाषाओं का ही उदाहरण है।

मानक भाषा को सामाजिक प्रतिष्ठा का भी प्रतीक माना जाता है क्योंकि मानक भाषा का संबंध इसकी संरचना से न होकर सामाजिक स्वीकृति से होता है।

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Rashvinder
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मैं Rashvinder Narwal टेक्निकल फील्ड में एक्सपर्ट हूं और कंटेंट राइटिंग के साथ-साथ SEO में भी एक्सपर्टीज रखता हूं। मैं हमेशा जनरल नॉलेज और ज्ञानवर्धक टॉपिक्स के साथ ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर भी रिसर्च करता रहता हूं और उससे संबंधित लेख इस वेबसाइट पर पब्लिश करता हूं। मेरा मकसद हिंदी डाटा वेबसाइट पर सही जानकारी को लोगों तक पहुंचाना है।
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