रविवार, अक्टूबर 1, 2023

वैश्विक परिवार दिवस – Global Family Day (01 जनवरी)

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वैश्विक परिवार दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

वैश्विक परिवार दिवस, Global Family Day

वैश्विक परिवार दिवस हर वर्ष 1 जनवरी को मनाया जाता है। विश्व में शांति और एकता का प्रसार करना ही इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है। इस दिवस को इसलिए मनाया जाता है ताकि समाज और परिवार को एकता के सूत्र में बांधने के लिए विश्व में जागरूकता फैलाई जा सके।

आज के समय सब अकेले जीवन व्यतीत करना पसंद करने लग गए हैं और परिवार के बड़े बुजुर्गों को अपने साथ रखने में उनको अपनी निजता का हनन लगता है। संयुक्त परिवार एक वरदान होता है यह बात आगे चलकर सबको समझ भी आ जाती है।

वैश्विक परिवार दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई?

वैश्विक परिवार दिवस को मनाने की शुरुआत कब से हुई इसके विषय में कोई प्रमाण नहीं मिलते हैं परंतु 1997 में संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को मनाने की घोषणा की थी और इस दिन को पीस और शेयरिंग डे का नाम भी दिया था। संयुक्त राष्ट्र की इस घोषणा ने ही विश्व में बच्चों के लिए 1997 में शांति और अहिंसा की संस्कृति के अंतरराष्ट्रीय दशक की शुरुआत की।

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शांति में एक दिन का उत्स (One Day of Peace and Sharing) के परिणामस्वरूप ही इस दिवस की शुरुआत मानी जाती है। इसलिए ही इस दिवस को हम वन डे ऑफ पीस एंड शेयरिंग डे कहते हैं।

इस तरह ही स्थानीय और विश्व स्तर पर एकजुटता और शांति के प्रसार को बढ़ावा देने के लिए साल के पहले दिन को वैश्विक परिवार दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई। संयुक्त राष्ट्र की घोषणा भी 1997 में ‘’शांति का एक दिन’’ के विषय के साथ शुरू हुई थी जिसे हर वर्ष के पहले दिन मनाया जाता था।

वैश्विक परिवार दिवस का उद्देश्य

  • विश्व में एकजुट समाज की रचना करने का प्रयास करना।
  • विश्व शांति का प्रसार करना।
  • संयुक्त परिवार की मेहता को लोगों तक पहुंचाना।
  • वैश्विक स्तर पर लोगों का ध्यान परिवार के मुद्दों की तरफ आकर्षित करना।
  • स्थानीय और वैश्विक स्तर पर लोगों को संयुक्त परिवार में ही रहने के लिए प्रेरित करना।

जीवन में संयुक्त परिवार का महत्व

संयुक्त परिवार हमारे जीवन में एक अहम भूमिका निभाता है। एक तरह से संयुक्त परिवार हमारे जीवन में वरदान की तरह है। वर्तमान में लोग एकाकी जीवन जीना पसंद करने लग गए हैं, खासकर नवविवाहित युगल। ऐसे लोग अपने बड़े – बुजुर्गों और संयुक्त परिवार के साथ रहने में अपनी निजता का हनन महसूस करते हैं।

ऐसी सोच ने ही संयुक्त परिवार के जैसी परंपराओं को छिन्न-भिन्न कर दिया है। ऐसा लगता है मानो संयुक्त परिवार जैसी परंपराओं ने सामाजिक ताने-बाने को अलविदा कह दिया हो।

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वर्तमान समय की इस संकीर्ण सोच के चलते ही संयुक्त परिवार टूट रहे हैं, लेकिन एक समय आता है तब ऐसी सोच रखने वाले लोगों को अपनी गलती का एहसास भी होता है। गलतियां करने पर बड़े बुजुर्गों की मीठी फटकार की याद भी आती है। अपने एकाकी जीवन में ऐसे लोगों को संयुक्त परिवार में रहने के फायदे की कमी भी महसूस होने लगती है।

संयुक्त परिवार में परिवार का हर सदस्य एक दूसरे की समस्याओं में सहायक होता है, परिवार के सब सदस्य मिलकर त्योहारों का भरपूर आनंद उठाते हैं, संयुक्त परिवार में एकता की अनुभूति होती है, संयुक्त परिवार में हम जीवन का न्यूनतम निर्वाह कर सकते हैं, संयुक्त परिवार में रहने से अनुशासन बना रहता है। कुल मिलाकर बोलें तो एक सुखी संसार संयुक्त परिवार में ही बसता है। किस्मत वाले लोगों को ही संयुक्त परिवार के सुखों का लाभ मिलता है।


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Rashvinder
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मैं Rashvinder Narwal टेक्निकल फील्ड में एक्सपर्ट हूं और कंटेंट राइटिंग के साथ-साथ SEO में भी एक्सपर्टीज रखता हूं। मैं हमेशा जनरल नॉलेज और ज्ञानवर्धक टॉपिक्स के साथ ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर भी रिसर्च करता रहता हूं और उससे संबंधित लेख इस वेबसाइट पर पब्लिश करता हूं। मेरा मकसद हिंदी डाटा वेबसाइट पर सही जानकारी को लोगों तक पहुंचाना है।
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