जो लोग ग्लूटेन संबंधी बीमारी से ग्रस्त हैं उन्हें ग्लूटेन फ्री आटे की आवश्यकता होती है। गेहूं से एलर्जी एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज को ग्लूटेन फ्री आटा खाना पड़ता है और ग्लूटेन फ्री आटे से बनी चपाती का ही सेवन करना पड़ता है। इस पोस्ट में हमने ग्लूटेन फ्री आटे के बारे में जानकारी दी है और ग्लूटेन फ्री अनाज की लिस्ट भी आपको यहां पर मिलेगी।
ग्लूटेन फ्री क्या होता है
जैसे जैसे वर्तमान समय में विज्ञान तरक्की कर रहा है, वैसे वैसे ही विभिन्न प्रकार की डाईट का भी पता लग रहा है जो की हमारी सेहत के लिए बहुत लाभदायक है। ऐसी ही एक डाईट है ग्लूटेन फ्री डाईट अर्थात ऐसा खाना जो ग्लूटेन मुक्त है। दरअसल ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है। ग्लूटेन एक लसलसा पदार्थ होता है। यह हमारे शरीर में खाने को एक साथ बनाये रखने में सहायक होता है। यह गेहूं, राई, जौ, ज्वार और जई जैसे खाने के पदार्थों में ज्यादा पाया जाता है। ग्लूटेन हमारे शरीर में वजन बढाने के अलावा और भी बिमारियाँ पैदा कर सकता है।
भारत में बहुत बड़ी संख्या में लोग इस प्रकार के खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल करती है। इनकी रोटी, पूरी, परांठे आदि बनके खाते हैं। इससे हमारे शरीर को बहुत हानि पहुँचती है। विशेषज्ञ कहते हैं की ग्लूटेन से खासकर उन लोगों को ज्यादा नुक्सान होता है जिन लोगों को गेहूं से एलर्जी होती है या फिर जिनको सिलिएक बिमारी होती है। ग्लूटेन में ग्लीयाडीन नामक तत्त्व होता है जो इसको खतरनाक बनाता है।
जब कोई सिलिएक रोग वाला व्यक्ति या गेहूं से या ग्लूटेन से एलर्जी रखने वाला व्यक्ति ग्लूटेन युक्त भोजन ग्रहण कर लेता है तो हमारा शरीर ग्लूटेन को अपना दुश्मन समझता है। यहीं से मुसीबत पैदा होनी शुरू हो जाती है और पाचन सम्बन्धी रोगों के अलावा और भी अलग अलग रोगों से हम ग्रस्त हो जाते हैं।
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ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थ से सबसे ज्यादा हानि सिलिएक रोगी को होती है। क्योंकि सिलिएक रोग में रोगी के शरीर में ग्लूटेन प्रोटीन पूर्ण रूप से पचने में कठिनाई होती है। इससे हमारे शरीर की छोटी आंत में म्युकोसा लेयर में सुराख हो जाते हैं और हमारी छोटी आंत में नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।
ग्लूटेन हमारे शरीर में वजन बढ़ने की समस्या पैदा कर देता है जिससे और भी बीमारियाँ जन्म ले लेती हैं। इसलिए डॉक्टर हमें ग्लूटेन फ्री खाना खाने की सलाह देते हैं। ग्लूटेन फ्री खाना वजन को कम करने में अहम् भूमिका निभाता है। इसलिए हमें ग्लूटेन फ्री खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
आइये अब विस्तारपूर्वक ग्लूटेन फ्री खाद्य पदार्थों और ग्लूटेन फ्री आटा बनाने की विधि और सामग्री के बारे में जानें।
यह ज़रूर पढ़ें: प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग
ग्लूटेन मुक्त आटा सामग्री
- जई
- ज्वार
- नारियल
- भूरे चावल
- टैपिओका
- आलू का मंड
- साबूदाना मंड
ग्लूटेन फ्री आट्टा कैसे बनाये
ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से सिलिएक रोग वाले लोगों को बहुत हानि पहुँचती है। इसलिए हमें ग्लूटेन मुक्त खाद्य पदार्थ खाना चाहिए। हम ग्लूटेन फ्री आटा बनके खा सकते हैं। ग्लूटेन फ्री आटा बनाने के लिए हमें कुछ विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है। लेकिन यह सब सामग्री घर पर लाकर हम घर पर ही यह आटा बना सकते हैं।
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ग्लूटेन फ्री आटा बनाने के लिए हमें चाहिए –
- 1/2 कप आलू का मंड (Potato Starch),
- 1/4 कप साबूदाना मंड (Sago Starch),
- 1/2 कप भूरे चावल का आटा (Brown Rice Flour),
- 1।4 कप चावल का आटा (Rice Flour)
- और यथा-अनुसार पानी।
इस सब सामग्रियों को मिला लें, बस ग्लूटेन फ्री आटा तैयार हो जाएगा।
इस आटे से हम पैनकेक, केक और मौफिन्स भी बना सकते हैं। ग्लूटेन आटे को लचीला बना देता हैं और अगर आप ग्लूटेन फ्री आटा बनायेंगे तो आटे में लचीलापन नहीं होगा। अगर आपको इस आटे को लचीला बनाना है तो आप बाजार से जैथन गम लाकर आटे में मिला सकते हैं। इससे यह आटा लचीला हो जाएगा। बाजार में कई प्रकार के ग्लूटेन फ्री आटे मौजूद हैं। हम इन आटों को घर पर भी बना सकते हैं।
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ग्लूटेन फ्री आटे की सामग्रियों के गुण:
- जई आटा: यह आटा प्रोटीन, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इस आटे में ग्लुकेन नाम का फाइबर मौजूद होता है जो की घुलनशील होता है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है। सिलिएक रोग वाले लोगों, डायबिटीज वाले लोगों और वजन कम करने वाले लोगों के लिए यह आटा बहुत अच्छा रहता है। इस आटे से हम ब्रैड, बिस्किट और अन्य चीजें भी बना सकते हैं।
- ज्वार आटा: यह आटा लाल और सफ़ेद रंग का होता है। यह आटा पीसकर बनाया जाता है। इस आटे में प्रोटीन, विटामिन बी, फोस्फोरस, आयरन, पोटेशियम और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। इससे पाचन क्रिया मजबूत होती है। खाने में इसका स्वाद मीठा होता है। इससे हम ब्रैड, केक, कुकीज और मफिन्स बना सकते हैं।
- नारियल का आटा: इसका आटा नारियल को सुखाकर फिर उसे पीसकर बनाया जाता है। इस आटे में थोड़ी मिठास होती है और नारियल का स्वाद भी होता है। ग्लूटेन से एलर्जी वाले लोगों के लिए बहुत अच्छा विकल्प है। इसमें भरपूर मात्रा में उच्च फाइबर और उच्च फैट होता है।
- टैपिओका आटा: इस आटे में प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाईड्रेट भारुपुर मात्रा में होता है जिससे हमें वजन को कम करने में बहुत सहायता मिलती है। कसावा की जड़ से एक तरल पदार्थ निकलता है जिससे यह आटा बनाया जाता है। इस आटे से ब्रैड बने जा सकती हैं। यह आटा स्तार्च्युक्त सफ़ेद रंग के पाउडर के रूप में होता है। इस आटे को सूप या सौस को गाढा करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- भूरे चावल का आटा: इस आटे को भी पीसकर बनाया जाता है। इस आटे में पोषक तत्वों के साथ साथ स्वाद भी होता है। इस आटे को भी हम सौस को गाढ़ा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ साथ हम इस आटे को चिकन और मछली बनाने में भी इस्तेमाल करते हैं। मुख्यतः यह आटा नुडल्स बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके साथ साथ हम इस आटे से रोटी, ब्रैड, केक आदि भी बना सकते हैं।
ग्लूटेन फ्री अनाज के फ़ायदे
- वजन कम करने में सहायक
- पाचन क्रिया को मजबूत करता है
- आँतों को स्वस्थ रखता है
- छोटी आंत की म्युकोसा लेयर में सुराख होने से बचाता है
- ग्लूटेन से एलर्जी वाले रोगियों के लिए लाभदायक
- सिलिएक रोग वाले लोगों के लिए आवश्यक
- शरीर की पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है
- डायबिटीज को नियंत्रित करने में सहायक होता है
- गेहूं से एलर्जी में सहायक
ग्लूटेन फ्री डाइट –
ग्लूटेन फ्री डाईट का अर्थ है अपके खाने से उन खाद्य पदार्थों को हटाना जो ग्लूटेन से युक्त होते हैं। गेहूं, जौ और सूजी जैसे खाद्य पदार्थों में अधिक मात्रा में ग्लूटेन मौजूद होता है जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक होता है। इसलिए हमें ग्लूटेन फ्री डाईट का सेवन करना चाहिए।
दरअसल यह डाईट कोई नव प्रचलित फैशनेबल डाईट या वजन करने वाली डाईट नहीं है, बल्कि यह विशेष समस्या के समाधान के लिए इस्तेमाल की जाती है। हालांकि इससे हमारा वजन भी कम किया जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से यह डाईट उन लोगों के लिए ज्यादा उपयोगी है जिनको ग्लूटेन से एलर्जी है या फिर जिनको सिलिएक रोग है।
अगर आपको यह रोग है या ग्लूटेन से एलर्जी है तो आपको अपनी डाईट से सम्बंधित निम्नलिखित सावधानियां रखनी चाहिए:
- हमें अपनी डाईट से गेहूं से बने उत्पाद हटा देने चाहिए। क्योंकि गेहूं में अत्याधिक मात्रा में ग्लूटेन पाया जाता है। गेहूं से बने ब्रेड, ब्रैड केक, गेहूं से बना पास्ता इत्यादि।
- हमें जौ, कुसकुस और सूजी को भी अपनी डाईट से हटा देना चाहिए।
- हमें किसी भी प्रकार का प्रोसेस्ड फ़ूड जो की ग्लूटेन युक्त होता है उसको इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- हमें राई का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
ग्लूटेन फ्री डाईट में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए:
- सब्सजियों में करेला, तोरी। तोरई, लोकी, कुंदरू। टिंडोरी, चिचिंडा, टिंडा, भिन्डी और सब प्रकार की हरी सब्जियां जो ग्लूटेन फ्री हों
- मछली, मछली, अंडा आदि जो ग्लूटेन फ्री हों।
- फलों में संतरा, अंगूर, मौसंबी, केला, नारंगी, निम्बू, चेरी, पपीता, क्रेंबेरी, जामुन, ब्लैक बेरी, अनानास और वो सब फल जो ग्लूटेन फ्री हों
- अनाज में हम चावल, क्विनोवा, अरारोट, बाजरा, शरबत, टैपिओका, बाजरा, ज्वार, काला चना, लाल चना, हरा चना, मूंगफली चना और वो सब अनाज जो ग्लूटेन फ्री हों
- बिन्स में हम पिंटो, नेवी, बैकआइड, किडनी, ब्रौड, फ्रेंच, क्लस्टर
- आटे और स्टार्च में हम मक्का का आटा, आलू का आटा, मकई का आटा, बादाम आटा, टैपिओका आटा, नारियल आटा और छोलों का आटा
- तेलों में जैतून का तेल, मक्का तेल, सूरजमुखी का तेल, सोयाबीन का तेल, मूंगफली का तेल और सब प्रकार के वनस्पति तेल जो ग्लूटेन फ्री हों
- बीज और नट्स में सन बीज, अखरोट, चिया और सब प्रकार के नट्स और बीज जो ग्लूटेन मुक्त हों
- पेय पदार्थों में हम ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं
अगर आप ग्लूटेन फ्री डाईट को अपनाने रहें हैं तो इससे पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। क्योंकि अगर हम अपनी डाईट में कुछ ग्लूटेन युक्त अनाजों, फल सब्जियों, दुग्ध उत्पादों इत्यादि का सेवन नहीं करेंगें तो हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। जैसे अगर हम फाइबर से भरपूर गेहूं का सेवन बंद कर देंगे तो हमारे शरीर में फाइबर की कमी हो सकती है।
वर्तमान में हर कोई अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। लेकिन वजन कम करने के लिए या फिर ग्लूटेन फ्री डाईट अपनाने के लिए आप अपने आप अपनी डाईट की योजना ना बनाएं। आप पहले किसी डाईट विशेषज्ञ से सलाह करके ही उसके अनुसार अपनी डाईट की योजना बनाएं।
ग्लूटेन फ्री अनाज लिस्ट
- जंगली चावल (wild rice)
- क्विनावा (Quinova)
- ज्वार का आटा (Sorghum flour)
- रामदाना (Ramdana)
- साबूदाना (Sago)
- अरारोट (Arrowroot)
- दलिया (Oats)
- कुट्टू का आटा (Buckwheat Flour)
- बाजरा (Millet)
- भूरे चावल (Brown Rice)
ग्लूटेन फ्री फल व सब्जियों की लिस्ट
- केला (Banana)
- सेब (Apple)
- नाशपाती (Pear)
- संतरा (Orange)
- अंगूर (Grapes)
- आडू (Goat Fruit)
- प्याज (Onion)
- आलू (Potato)
- मशरूम (Mushroom)
- मक्का (Maize)
- पालक (Spinach)
- गोभी (Cauliflower)
- गाजर (Carrot)
- मूली (Radish)
- ब्रोकली (Broccoli)
ग्लूटेन फ्री दुग्ध उत्पाद की लिस्ट
- दूध
- दही
- पनीर
- क्रीम
ग्लूटेन फ्री प्रोटीन की लिस्ट
- तोफू
- नट्स
- मछली
- लाल मांस
- दाल
- शैल-फिश
- सीड्स
- टेम्फे
ग्लूटेन फ्री पीने के पदार्थों की लिस्ट
- सोडा
- पानी
- स्पोर्ट्स ड्रिंक्स
- एनर्जी ड्रिंक्स
- चाय
- कॉफ़ी
- ग्लूटेन फ्री फलों का जूस
ग्लूटेन फ्री तेल और फैट की लिस्ट
- मक्खन
- नारियल का तेल
- घी
- तिल का तेल
- अवोकाडो का तेल
- सूरजमुखी तेल
- ऑलिव तेल
ग्लूटेन फ्री अन्य पदार्थों की लिस्ट
- काली मिर्च (Black Pepper)
- सेब का सिरका (Apple Cider)
- सफ़ेद सिरका (White Vinegar)
ग्लूटेन के नुकसान
- पेट में दर्द
- त्वचा लाल होना और त्वचा सम्बन्धी समस्या
- पेट फूलना
- साँस लेने में दिक़्क़त होना
- एलर्जी