आप इन विषयों के बारे में जानेंगे: हर्निया क्या होता है (hernia kya hota hai), हर्निया बीमारी के कारण, हर्निया के प्रकार, हर्निया का इलाज ( Hernia ka desi ilaj ) आदि।
हर्निया एक साधारण सी बीमारी है जिसका संबंध पेट से होता है। आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि उनका हर्निया का ऑपरेशन हुआ है या फिर वह हर्निया बीमारी से ग्रस्त है। हर्निया की बीमारी किसी को भी हो सकती है, चाहे वो पुरुष हो या महिला। आपने भी यह सोचा गोगा कि हर्निया क्या होता है – hernia kya hota hai, लेकिन इसे अगर आसान भाषा में समझें तो यह पेट की मांसपेशियों की कमजोरी के कारण हर्निया की समस्या हो जाती है।
जब किसी इंसान की पेट की आंतें कमजोर हो जाती है तो वो अक्सर वो बाहर निकलने लगती हैं, या उनका आकार बदलकर बड़ा हो जाता है। हर्निया के रोगी को अक्सर खड़ा होने या साँस लेने भी तकलीफ़ हो सकती है।
वैसे हर्निया बीमारी के बहुत से कारण हो सकते हैं, और कई तरह का हर्निया के प्रकार होते हैं। कुछ इस तरह के हर्निया होते हैं जिनको ठीक करने के लिए हर्निया के ऑपरेशन की ज़रूरत नहीं होती। आइए जानते हैं की हर्निया क्या होता है, Hernia kya hai, और हर्निया का इलाज क्या है।
हर्निया क्या होता है ? – Hernia Kya Hai?
इस मानव शरीर के अंदर कुछ अंग खोखले स्थानों पर मौजूद होते हैं। जैसे मानव शरीर में भी एक खोखला स्थान है तो जब भी भीड़ में से कोई अंग जैसे आज या कोई माँसपेशी या कोई भी उठ तक पीठ से बाहर आने लगता हैं तो इस समस्या को हर्निया कहा जाता है। दूसरे शब्दों में – पेट की सभी आँतें वह मांसपेशियां एक झिल्ली से ढकी रहती है लेकिन किसी कारण से यह है झिल्ली फट सकती है और जब पेट के अंग उस झिल्ली से बाहर निकल आते हैं तो उस से हर्निया कहते हैं।
पेट में हर्निया का होना एक आम बात है, लेकिन हर्निया जाँघ के ऊपर वाले हिस्से में, या पेट ओर जाँघ के बीच भी हो सकता है। वैसे तो हर्निया बीमारी जानलेवा नहीं होती, लेकिन अगर हर्निया ज़्यादा जटिल हो तो उसके लिए आपको ऑपरेशन करवाने की ज़रूरत पद सकती है।
हर्निया के प्रकार – Hernia ke Parkar
हर्निया 7 प्रकार का होता है, 1. हाइटल हर्निया 2. इंग्वाइनल हर्निया 3. अंबिलिकल हर्निया 4. वेंट्रल हर्निया 5. इंसिजनल हर्निया
आइए जानते हैं की इन सभी परकार के हर्निया के बारे में और इनके लक्षण, रोकथाम और इलाज के बारे में।
1. हाइटल हर्निया – Hiatal Hernia in Hindi
पेट के ऊपरी हिस्से को सीने से अलग करने के लिए एक मांसपेशी से बनी एक तरह की दीवार होती है और इस डायाफ्राम के अंदर छेद को हाइटल या हाइटस कहा जाता है। इस छेद के अंदर से सिर्फ़ भोजन नली ही निकलती है जो पेट के साथ जुड़ी होती है।
लेकिन जब पेट के ऊपरी हिस्से से कोई भाग इस छेद से निकल कर सिने तक पहुँच जाता है, या भोजन नली का आकार बड़ा हो जाता है और वो सीने की तरफ़ उभर जाता है, तो इसे हाईटल हर्निया कहते हैं। हाईटल हर्निया भी दो प्रकार का होता है।
- पैराएसोफेगल हर्निया:
जब ऊपरी पेट का हिस्सा या आँतें हाईटल छेद से होकर सीने की तरफ़ चला जाता है तो उसे पैराएसोफेगल हर्निया कहते हैं। पैराएसोफेगल हर्निया होना आम बात नहीं है और यह ज़्यादा हानिकारक होता है। क्योंकि इसमें पेट का हिस्सा भोजन नली के साथ हाईटल छेद में फँस जाता है, जिसके कारण खून की सप्लाई भी बँध हो सकती है ऐंठन आ सकती है जो ज़्यादा ख़तरनाक है।इस हर्निया को endoscopy टेस्ट के द्वारा पहचाना जा सकता है। सीने में दर्द, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, भूख लगने पर भी पेट भरा महसूस होना कुछ पैराएसोफेगल हर्निया के लक्षण है। - स्लाइडिंग हाईटल हर्निया:
स्लाइडिंग हाईटल हर्निया होना आम है, ओर यह ज़्यादा ख़तरनाक नहीं होता। भोजन नली में उभार आने के कारण जब भोजन नली हाईटल छेद से सीने की तरफ़ चली जाती है तो उसी स्लाइडिंग हाईटल हर्निया कहते हैं।
हाइटल हर्निया बीमारी के कारण – Hiatal Hernia Causes in Hindi
हाइटल हर्निया होने का कारण मुख्यतः मांसपेशी का कमजोर होना, भूख से ज़्यादा पेट भर कर भोजन करना, या किसी प्रकार की चोट लगना हो सकते हैं। वैसे इस हर्निया के होने के कारण स्पष्ट नहीं होता, लेकिन नीचे दिए गए हाइटल हर्निया होने के कारण हो सकते हैं।
- बढ़ती उम्र के साथ डायाफ़्राम की मांसपेशियों की कमजोरी
- डायाफ़्राम वाले हिस्से में किसी परकार की चोट लगना
- पेट में या आसपास की मांसपेशियों में तनाव रहना, जैसे ज़्यादा भोजन की वजह से, उल्टी, क़ब्ज़, या भारी वजन उठाने के कारण
- मोटापा ज़्यादा होना
हाइटल हर्निया के लक्षण – Hiatal Hernia Symtoms in Hindi
- सीने में दर्द
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
- भूख लगने पर भी पेट भरा महसूस होना
- कलेजे में उभार महसूस होना
- गले में लगातार ऐसिड महसूस होना
हाइटल हर्निया से बचाव
हाइटल हर्निया से कुछ तरीक़े अपनाकर बचा जा सकता है। नीचे कुछ ऐसे तरीक़ों के बारे में हमने बताया है जिनकी मदद से आप हाइडल हर्निया की रोकथाम कर सकते हैं और अपना बचाव कर सकते हैं।
- खाना खाने के बाद आगे की तरफ़ न झुकना:
जब हम पेट भर कर खाना खा लेंगे तो भूलकर भी आगे की तरफ़ न झुक कर हम हाइटल हर्निया से बचाव कर सकते हैं। अगर हम खाना खाने के बाद आगे की तरफ़ झुकते हैं, तो ये हाईटल हर्निया को बढ़वा देगा जो इसे ओर ज़्यादा बुरा बना सकता है। - ढीले कपड़े पहनना:
टाइट कपड़े पहनने से पेट पर दबाव रहता है, जो हाइटल हर्निया को बढ़वा दे सकता है। इसीलिए हमेशा ढीले ढाले कपड़े पहने। - सिर को ऊँचा रख कर सोना:
अगर हम सिर को ऊपर करके सोते हैं तो दबाव नीचे की तरफ़ रहता है, जो हाइटल हर्निया के लिए सही है, इसीलिए हमेशा कोशिश करे की सिर का स्तर ऊँचा रखें। - झुक कर काम ना करना:
ज़्यादातर महिलाओं की दिनचर्या में ज़्यादा सावधान रहने की ज़रूरत है, क्योंकि महिलायें घर के काम जैसे पोछा लगाना, झाड़ू आदि का काम करती हैं, जिसमें उनको झुक कर काम करना होता है। इसलिए ऐसे कामों से बचे।
2. इंग्वाइनल हर्निया – Inguinal Hernia in Hindi
इंग्वाइनल हर्निया पेट के निचले हिस्से में और जाँघ के ऊपर उभरता है। जब भी कोई आँत का हिस्सा झिल्ली से निकालकर पेट की मांसपेशियों में निकल आए जिसके कारण पेट में उभार नज़र आए तो उसे इंग्वाइनल हर्निया कहते हैं। इंग्वाइनल हर्निया का दर्द काफ़ी ज़्यादा होता है, और इसका इलाज समय पर करवाना बहुत ज़रूरी होता है।
इंग्वाइनल हर्निया हर्निया को खाँसते, व छींकते वक्त पहचाना जा सकता है। जब भी कोई व्यक्ति इंग्वाइनल हर्निया से पीड़ित होगा तो खाँसते व छींकते वक्त इंग्वाइनल हर्निया बाहर की ओर उभार लेता है। जिसकी मदद से इंग्वाइनल हर्निया को पहचान सकते हैं।
इंग्वाइनल हर्निया ख़तरनाक तो नहीं होता लेकिन अगर समय पर इलाज नहीं मिले तो इंग्वाइनल हर्निया काफ़ी परेशान कर सकता है।
इंग्वाइनल हर्निया होने के कारण
इन हुई नल हर्निया महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक पाया जाता है और इसकी होने के भिन्न भिन्न कारण हो सकते हैं जैसे अगर आप ज़्यादा भारी सामान उठाते हैं या क़ब्ज़ रहती है तो इंग्वाइनल होने की ज़्यादा संभावना है। नीचे कुछ ऐसे कारण दिए गए हैं, जिनकी वजह से इंग्वाइनल हर्निया हो सकता है:
- जेनेटिक कारण:
अगर आपके माता पिता को भी इन इंग्वाइनल हर्निया कभी हुआ था या है तो भी आपको इंग्वाइनल हर्निया हो सकता है क्योंकि इंग्वाइनल हर्निया जेनेटिकली भी फैल सकता है। - वजन का बढ़ना:
अगर आपका वजन ज़्यादा रहता है और पेट का आकार बढ़ गया है, तो यह आपको इंग्वाइनल हर्निया होने का कारण बन सकता है। - खांसी:
ज़्यादा डीनो तक लगातार ख़ासी होने से आपके पेट पर ओर पेट के निचले हिस्से पर दबाव पड़ता है। अगर आपको ज़्यादा दिन तक ख़ासी है तो इंग्वाइनल हर्निया होने की सम्भावना बध जाती है। - ज़्यादा समय से क़ब्ज़ होना:
वैसे तो क़ब्ज़ से काफ़ी तरह की बीमारियाँ हमारे शरीर में फैल सकती हैं, और इंग्वाइनल हर्निया उनमें से एक है। - उम्र के साथ मांसपेशी का कमजोर होना:
उम्र के साथ हमारे शरीर की मांसपेशी कमजोर हो जाती है। मांसपेशी आदि के कमजोर होने से पेट व जाँघ के नीचे की तरफ़ उभार आ सकता है। - धूम्रपान या शराब का सेवन:
ज़्यादातर वो पुरुष या महिलाएँ इंग्वाइनल हर्निया का शिकार बनती हैं जो धूम्रपान व शराब का सेवन ज़्यादा मात्रा में करती या करते हैं। - प्रेग्नेंसी:
प्रेग्नेंसी के दौरान पेट के निचले हिस्से पर ज़्यादा दबाव होता है, जिसकी वजह से इंग्वाइनल हर्निया हो सकता है।
इंग्वाइनल हर्निया के लक्षण – Inguinal Hernia Symtoms in Hindi
- खाँसते वक्त पेट ओर जाँघ के बीच उभार आना
- अंडकोशों में सूजन
- भार उठाते वक्त पेट ओर जाँघ के बीच उभार आना
- देर तक खड़े होने पर पेट ओर जाँघ के बीच उभार आना
वैसे इनगुइनल का शुरुआत में पहचाना काफ़ी कठिन होता है, लेकिन अगर आपको ऐसे कुछ लक्षण अपने शरीर में दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
इनगुइनल हर्निया से कैसे बचें ?
- अगर आप जिम जाते हैं या एक हैवी वेट लिफ्टर है तो आपको ज़्यादा सावधान रहने की ज़रूरत है। अगर आप अपनी दिनचर्या में ऐसा काम करते हैं जिसमें आपको भारी वज़न उठाना पड़ता है तो आपको उस वजन को सही तरीक़े से उठाना चाहिए था। और अगर आप जिम करते हैं और हैवीवेट लिफ़्ट करते हैं तो उसे सही तकनीक से उठाएँ और उसके लिए आप भी प्रोफैशनल से सलाह ले सकते हैं।
- अगर आपके शरीर का भार बढ़ा हुआ है और पेट आगे की तरफ़ निकला हुआ है तो आप कोशिश करें कि आपका वज़न कम हो गई जिसके लिए आप कसरत कर सकते हैं।
- अक्सर धूम्रपान और शराब का सेवन इन कोई नल हर्निया का मुख्य कारण बनता है यदि आप शराब और धूम्रपान का ज़्यादा सेवन करते हैं तो इनको त्याग कर आप इंग्वाइनल हर्निया से बच सकते हैं।
- अगर आप ज़्यादा दबाव आने पर ही पेशाब आदि जाते हैं तो इससे परहेज़ करें और सही समय पर पेशाब आदि जाएँ।
- अगर आप ज़्यादा भार उठाते हैं तो कोशिश करें की घुटनों पर ज़ोर आए ना की कमर पर।
यह कुछ ऐसे तरीक़े हैं जिनकी मदद से आप इनगुइनल हर्निया से बच सकते हैं और अपने आप को हर्निया होने से बचा सकते हैं।
3. अंबिलिकल हर्निया – Umbilical Hernia in hindi
अंबिलिकल हर्निया को नाभि हर्निया भी बोलते हैं। इसमें नाभि के पास से आँतें पेट की झिल्ली से बाहर आ जाती हैं, और बाहर से नाभि के पास उभरी दिखाई पड़ती हैं। अंबिलिकल हर्निया ज़्यादातर बच्चों में देखा जाता है।
छोटे बच्चों में पेट की मांसपेशियां कमज़ोर होती है जिसकी वजह से अंबिलिकल हर्निया उनकी नाभि के पास देखा जा सकता है। जब वे रो रहे होते हैं तो हमें अंबिलिकल हर्निया उनकी नाभि के पास उभर नज़र आता है। लेकिन यह बच्चे की उमर बढ़ने के साथ अपने आप ठीक हो जाता है।
जब बच्चा 1 साल का होता है तो उसकी पेट की मांसपेशी मज़बूत हो जाती है ओर ये अपने आप सही हो जाता है। लेकिन अगर कोई वयस्क अंबिलिकल हर्निया से ग्रस्त है तो सर्जरी से इसका इलाज किया जा सकता है।
कई बार अंबिलिकल हर्निया में काफ़ी गम्भीर समस्या पैदा हो जाती है, क्योंकि इसके कारण शरीर के कुछ हिस्सों में रक्त प्रवाह रुक जाता है और नाभि के आस पास नीचे धब्बे दिखाई देते हैं। यह वैसे ही होते हैं जैसे चोट लगने पर चमड़ी नीली पड़ जाती है।
अंबिलिकल हर्निया होने के कारण – Causes of Umbilical Hernia in Hindi
- Umbilical Hernia / अंबिलिकल हर्निया ज़्यादातर जन्मजात पाया जाता है। ऐसे बच्चे जिनका जन्म समय से पहले हो ज्ञ हो, ऐसे बच्चों में अंबिलिकल हर्निया होने की ज़्यादा सम्भावना होती है। क्योंकि ऐसे बच्चों की पेट की मांसपेशी मज़बूत नहीं हो पाती और पेट की आँतें नाभि के पास उभरी नज़र आती हैं।
- अगर आपका पहले कभी पेट का ऑपरेशन हुआ है, या कोई सर्जरी हुई है तो ये भी अंबिलिकल हर्निया का कारण बन सकता है।
- उम्र के साथ पेट की मांसपेशी का कमजोर होना भी इसका कारण हो सकता है, लेकिन ऐसा काफ़ी काम देखा गया है।
- महिलाओं में गर्भ के समय यह होने की ज़्यादा सम्भावनाएँ होती हैं, अगर आपका बच्चा पहले सर्जरी से हुआ है तो दूसरे बच्चे के पेट में होने से अंबिलिकल हर्निया उभार सकता है।
अंबिलिकल हर्निया के लक्षण / नाभि हर्निया के लक्षण
- नाभि के पास हल्की सूजन होना: अंबिलिकल हर्निया में नाभि के आस पास सूजन आ जाती है या नीले रंग के निशान दिखाई दे सकते है।
- खाँसते हुए नाभि में दर्द: जब आप खाँसते हैं, तो नाभि में दर्द अंबिलिकल हर्निया का ही लक्षण है, अगर आपको यह लक्षण दिखाई पड़ता है तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- वजन उठाते समय नाभि का बाहर आना: अगर आप वजन उठाते समय नाभि का बाहर आना, या नाभि के आस पास उभार महसूस करते हैं तो ये अंबिलिकल हर्निया के लक्षण हैं।
- शौच के समय नाभि के पास उभार: अगर आप शौच करते समय नाभि में दर्द या उभार या सूजन महसूस करते हैं, तो ये अंबिलिकल हर्निया हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
अंबिलिकल हर्निया से बचाव
वैसे तो यह ज़्यादातर जन्मजात होता है, लेकिन अगर कोई वयस्क अंबिलिकल हर्निया से ग्रस्त है तो इसकी सर्जरी से इसे ठीक किया जा सकता है। एक बार सर्जरी होने पर दोबारा अंबिलिकल हर्निया होने की सम्भावना नहीं होती।
लेकिन इससे बचने के लिए कोशिश करे की ज़्यादा भारी वजन ना उठाएँ, समय पर शौच जाएँ, और क़ब्ज़ ना बनने दें।
4. वेंट्रल हर्निया
वेंट्रल हर्निया में नाभि के ऊपरी हिस्से में उभार आ जाता है। इसमें पेट की आँतें पेट की झिल्ली को पार करके पेट में उभार आती है। पेट की मांसपेशी का कमजोर होना या पुरानी ख़ासी इसका मुख्य कारण होती है।
वेंट्रल हर्निया काफ़ी दर्द देता है, ऐसे तो इसका इलाज सम्भव है ओर सर्जरी से इसे ठीक किया जा सकता है, लेकिन अगर आपको ख़ासी है तो इससे निजात पाना काफ़ी मुश्किल है।
वेंट्रल हर्निया के कारण
- उल्टी: अगर आपको ज़्यादा उल्टी होती है तो वेंट्रल हर्निया होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
- खांसी: खांसी वेंट्रल हर्निया के मुख्य करणो में से एक है, जब हम खाँसते हैं तो पेट की आँतें हमारे पेट की मांसपेशियों पर दबाव डालती है, और अगर ऐसा लगातार होता है तो पेट की झिल्ली फ़ैट जाती है तो आँतें झिल्ली से बाहर आ जाती हैं।
- ज़्यादा वजन उठाना: जब हम लगातार वजन उठाते हैं तो पेट में दबाव बनता है, जिसके कारण पेट की जिली कमजोर पद जाती है। तो अगर आप भारी वजन उठाते हैं या पहले उठाते थे तो ये वेंट्रल हर्निया का कारण बन सकता है।
- गर्भ से होना: महिलाओं को गर्भ के समय पर वेंट्रल हर्निया का सामना करना पद सकता है।
- वजन का बढ़ना: वजन बढ़ने से पेट में हमेशा दबाव बना रहता है, जो वेंट्रल हर्निया को बढ़वा दे सकता है।
- उम्र का ज़्यादा होना: ज़्यादा उम्र में पेट की झिल्ली कमजोर पद जाती है, और थोड़ा बहुत दबाव आने पर भी आंते झिल्ली से बाहर आ सकती है, जो नाभि के ऊपरी हिस्से में हमें उभरी दिखाई देती है।
वेंट्रल हर्निया के लक्षण
- पेशाब या माल त्याग करने पर नाभि के उबर उभार आना या दर्द होना।
- वजन उठाते समय पेट में उभार महसूस होना।
- खाँसते वक्त सूजन या उभार का होना।
- लम्बे समय तक खड़े होने पर पेट के ऊपरी हिस्से में उभार आना।
वेंट्रल हर्निया से बचाव व इसका इलाज
- कभी भी भूख से ज़्यादा खाना ना खाए, क्योंकि ज़्यादा खाना खाने से पेट में दबाव बढ़ जाता है और ये वेंट्रल हर्निया का कारण बन सकता है।
- अगर आप ख़ासी से ग्रस्त हैं तो इसका इलाज करे, ज़्यादा ख़ासी से बार बार पेट पर दबाव बढ़ता है।
- कोशिश करें की आपको लगातार उल्टी ना आए, ज़्यादा उल्टी पेट की मांसपेशियों को कमजोर बना सकती हैं।
- शरीर का वजन बढ़ने से रोके।
- ज़्यादा भर ना उठाए।
अगर कोई व्यक्ति वेंट्रल हर्निया से ग्रस्त है तो इसका सर्जरी से इलाज सम्भव है। इसके लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
5. इंसीजनल हर्निया – Incisional Hernia in Hindi
इंसीजनल हर्निया (Incisional Hernia) को आकस्मिक हर्निया भी कहते हैं। यह तब होता है जब पेट उत्तक सर्जरी वाले घाव से बाहर आ जाते हैं। इस तरह का हर्निया दूसरे हर्निया के मुक़ाबले ज़्यादा ख़तरनाक होता है।
इनसीजनल हर्निया होने का कारण या इसका जोखिम आपकी सर्जरी होने के प्रकार पर निर्भर करता है। इनसीजनल हर्निया का इलाज हमेशा एक अच्छे डॉक्टर से करवाना चाहिए।
ऊपर दिए गए हर्निया के प्रकार थे जिनके बारे में आपने पढ़ा और इनके लक्षण, कारण और बचाव के बारे में आपने जाना। नीचे कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियां हर्निया के बारे में दी गई है।
हर्निया की इंग्लिश में जानकारी पढ़ें
भिन्न-भिन्न हर्निया के चित्र
महिलाओं में हर्निया के लक्षण
महिलाओं और पुरुषों में हर्निया के लक्षण लगभग एक समान होते हैं, फ़र्क सिर्फ़ इतना है की दो महिलाओं की मांस पेशियों पुरुषों की तुलना में अधिक कमज़ोर होती है जिसकी वजह से हर्निया का उभार महिलाओं में ज़्यादा देखा जा सकता है।
लेकिन आप कुछ ऐसे लक्षणों से महिलाओं में हर्निया को पहचान सकते हैं जो निम्नलिखित हैं:
- मल त्याग के समय में खून आना
- सीने में दर्द का होना
- पेट वह जाँघ के हिस्से में सूजन या उभार होना
- दिनचर्या के कारण यह जैसे झाड़ू आदि कामों में पेट में दर्द होना
- हमेशा पेट साफ़ रहना
महिलाओं में हर्निया के कारण
महिलाओं में हर्निया के कारण पुरुषों से अलग हो सकते हैं। वैसे तो ज़्यादातर कारण पुरुषों और महिलाओं में समान पाए जाते हैं लेकिन कुछ ऐसे कारण हैं जो महिलाओं में हर्निया होने को ज़्यादा बढ़ावा देता है।
जब महिलाएँ गर्भ से ही होती है तब महिलाओं में हर्निया होने की ज़्यादा संभावना होती है। गर्भधारण या गरज की नौ महीने की समय में पेट में खिंचाव ज़्यादा होता है जिस वजह से पेट की मांसपेशियां कमज़ोर पड़ जाती है। और ये हैं महिलाओं में हर्निया होने का ज़्यादातर कारण बनता है।
कई महिलाएँ बच्चे को प्राकृतिक तरीक़े से जन्म नहीं दे पाती, जिसके कारण उनकी सर्जरी करनी पड़ती है। पेट की सर्जरी महिलाओं में हर्निया के होने का बहुत बड़ा कारण है।
महिलाओं में हर्निया के कारण:
- ओपन सर्जरी होना
- बच्चे को जन्म देते वक्त पेट की सर्जरी
- गर्भ के कारण पेट में ज़्यादा दबाव होना
- मोटापा
- खान-पान सही ना होना
- उम्र ज़्यादा होना
- झुक कर काम करना
- खांसी या क़ब्ज़ होना
- भूख से अधिक खाना खा लेना
पुरुषों में हर्निया के कारण
पुरुषों में हर्निया के कारण महिलाओं से अलग हो सकते हैं, क्योंकि महिलाओं और पुरुषों की दिनचर्या में काफ़ी अंतर हो सकता है। नीचे कुछ कारण दिए गए हैं:
- धूम्रपान – शराब का अधिक सेवन
- ज़्यादा भार उठाना
- शरीर का भार ज़्यादा होना / मोटापा
- जिम आदि में भार को सही तरीक़े से ना उठाना
- उम्र बढ़ने के साथ साथ पेट की मांसपेशियों में कमजोरी
- क़ब्ज़ का होना
- उल्टी या खांसी का ज़्यादा समय से होना
- पेट में किसी प्रकार की चोट लगना
पुरुषों में हर्निया के लक्षण
महिलाओं ओर पुरुषों में हर्निया के लगभग एक समान लक्षण पाए जाते हैं जो इस प्रकार हैं:
- झुक कर काम ना कर पाना
- ज़्यादा देर खड़े होने पर पेट में उभार या सूजन
- जाँघों ओर पेट के निचले हिस्से में गाँठे
- सिने में दर्द
- नीचे झुकते वक्त पेट के किसी हिस्से का फूलना
- भूख लगने पर भी ज़्यादा ना खाया जाना
- खाँसते वक्त दर्द होना
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