रविवार, अक्टूबर 1, 2023

कालसर्प दोष: फायदे, नुकसान, लक्षण, रामबाण उपाय

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राहु और केतु की स्थिति से हम जान सकते हैं कि “कालसर्प दोष क्या है?” आपने ज्योतिष या किसी अन्य व्यक्ति को अनेकों बार कालसर्प के बारे में कहते हुए सुना होगा, इस पोस्ट में कालसर्प दोष के बारे में सभी बातों को अच्छे से समझाया है यदि आप भी कालसर्प दोष के बारे में जानना चाहते हैं या आपके सवाल हैं कि कालसर्प दोष क्या है, कालसर्प कैसे होता है, कालसर्प दोष के लक्षण, कालसर्प दोष के लाभ, कालसर्प दोष के नुकसान या कालसर्प दोष के लिए रामबाण इलाज क्या है? तो आप यह सब यहां पर जान सकते हैं।

कालसर्प दोष

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु और केतु की स्थिति पर निर्भर करता है कि कालसर्प दोष है या नहीं। वैसे कालसर्प का होना या ना होना विवादास्पद है क्योंकि कई ऐसे ज्योतिष हैं जो कालसर्प योग को नहीं मानते हैं।

कालसर्प दोष क्या है ?

ज्योतिष शास्त्र के जानकार ही कुंडली देखकर कालसर्प दोष के बारे में बता सकते हैं। जब कुंडली में राहु और केतु एक दूसरे के सामने आ जाते हैं जिस कारण सभी ग्रहों की स्थिति राहु और केतु के बीच में होती हैं, तब काल सर्प योग बनता है।

अगर जन्म कुंडली में सभी ग्रह है राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं तो इसे कालसर्प दोष कहते हैं।

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राहु को काल यानी मृत्यु के नाम से जाना जाता है, और केतु को सर्प का देवता कहा जाता है इसीलिए जब जन्म कुंडली में राहु और केतु एक दूसरे के सामने आते हैं और बाकी सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं इससे कालसर्प योग बनता है जिसे कालसर्प दोष कहा जाता है। 

राहु – केतु : राहु और केतु दोनों राक्षस थे जिन्होंने अमरता देने वाला अमृत पी लिया था जिस कारण यह दोनों अमर हो गए। लेकिन अमृत पीने के बाद भी राहु और केतु की प्रवृत्ति राक्षस जैसे ही रही।

राहु और केतु की राक्षस जैसे स्वभाव के कारण ही सभी ग्रहों का इन दोनों द्वारा घर आ जाना अच्छा नहीं माना जाता और जब यह स्थिति किसी की कुंडली में होती है तो उस व्यक्ति को कालसर्प से ग्रसित कहा जाता है।

कालसर्प दोष के लक्षण

  • असफलता – कालसर्प दोष से ग्रसित व्यक्ति या महिला को जीवन में हर क्षेत्र में असफलता का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपको भी अलग-अलग क्षेत्रों में असफलता का सामना करना पड़ता है तो आप किसी ज्योतिष शास्त्र के ज्ञाता से अपनी कुंडली दिखा सकते हैं, ताकि आपको यह ज्ञात हो कि आप कालसर्प से ग्रसित हैं कि नहीं। 
  • शुभ कार्यों का न होना – कालसर्प होने के कारण घर में शुभ कार्यों के होने में अभाव अभाव होता है। जब आप घर में किसी मंगल कार्य को करने की सोचते हैं तो उसमें बाधा उत्पन्न होती हैं।
  • तनाव – परिवार के साथ झगड़ा बना रहता है और परिवार में खुशियों की कमी होती है, इसके साथ साथ परिवार के सदस्यों के साथ तनाव भरी स्थिति बनती है। 
  • धन के मामले में धोखा – कालसर्प से ग्रसित व्यक्ति या महिला को सगे संबंधियों द्वारा ही धन के मामले में धोखा मिलता है। 
  • रोग – कालसर्प दोष के कारण स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता और शरीर हमेशा रोगों से घिरा रहता है।
  • व्यापार -व्यापारी व्यक्ति को समय-समय पर व्यापार करने में मुश्किलें उत्पन्न होंगी और लगातार घाटे का सामना भी करना पड़ सकता है।
  • संतान प्राप्ति- कालसर्प दोष के कारण संतान प्राप्ति में मुश्किलें आती हैं और संतान की उन्नति होने में भी अड़चनें पैदा होती हैं।
  • स्वप्न में सांप का दिखना – जातक को अक्सर सपने में सांप का दिखाइए देना कालसर्प दोष के लक्षण या संकेत में से एक है।
  • मुंडन – सपने में मुंडन होना या दिखना कालसर्प दोष के लक्षण में से एक है।
  • डूबना – कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति स्वपन में अपने आप को नदी आदि में डूबते हुए देखता है।

कालसर्प दोष के नुकसान

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पिछले जन्म में किए गए बुरे कर्मों के कारण मनुष्य को कालसर्प दोष एक शाप की तरह भोगना पड़ता है। कालसर्प होने के अनेकों नुकसान हैं इसमें व्यक्ति हर समय परेशान रहता है घर व्यापार आदि में परेशानी बनी रहती हैं।

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संतान की तरफ से भी कभी सुख की प्राप्ति नहीं हो पाती और हमेशा मानसिक तनाव बना रहता है इसके साथ-साथ समय-समय पर बुरे सपने आते हैं। अक्सर सपने में सांप का दिखाई देना मुंडन होना पानी में डूब जाना या खुद की मृत्यु दिखाई देती हैं।

कालसर्प दोष के उपाय

भगवान विष्णु की पूजा – कालसर्प दोष से ग्रसित व्यक्ति को प्रतिदिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए ऐसा करने से कुंडली में स्थित कालसर्प के कारण पड़ने वाला बुरा असर कम होता है।

कोयले का पानी में प्रवाह – शनिवार के दिन बहते हुए पानी में कोयले के टुकड़ों का प्रवाह करना चाहिए, अगर आप हर शनिवार कोयले के टुकड़ों का बहते जल में प्रवाहित करते हैं तो इससे काफी लाभ मिलता है। 

मसूर दाल और नारियल – बहते हुए पानी में मसूर दाल और साबुत नारियल को प्रवाहित करने पर अनेकों परेशानियां खत्म होती हैं और जो भी अड़चनें आपके जीवन में आ रही हैं वह खत्म होती हैं। 

शिव की पूजा – भगवान शिव की पूजा कालसर्प दोष को ख़त्म करने के लिए एक रामबाण उपाय है, सुबह भगवान शिव की पूजा करने से और शाम को भगवान शिव जी की आरती करने से कालसर्प खत्म होता है। 

पीपल की पूजा – शनिवार के दिन पीपल की पूजा करने से कालसर्प दोष से होने वाले नुकसान में कमी आती है और पीपल की पूजा कालसर्प दोष में बहुत उत्तम मानी जाती है इसके साथ साथ पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है।

श्री कृष्ण प्रतिमा – यदि आप विवाहित हैं और वैवाहिक जीवन में संकटों का सामना कर रहे हैं जैसे रिश्तो में दरार या घर में कलेश आदि तो आपको अपने घर पर भगवान कृष्ण की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए, भगवान कृष्ण की मोर पंख मुकुट धारण की हुई प्रतिमा को घर में स्थापित करने से और उसकी प्रतिदिन पूजा करने से कालसर्प दोष के कारण होने वाले घर के क्लेश खत्म होते हैं। 

महामृत्युंजय का जाप – महामृत्युंजय का जाप करने से और प्रतिदिन भगवान शिव पर जल चढ़ाने से कालसर्प खत्म होता है अगर आप श्रावण मास में महामृत्युंजय जाप करते हैं तो यह कालसर्प दोष के रामबाण उपाय में से एक है। आपको हर रोज भगवान शिव पर जल में थोड़ा कच्चा दूध मिलाकर पतली धार लगाते हुए जल चढ़ाना चाहिए।

कालसर्प दोष का 1 रामबाण उपाय – वैसे तो कालसर्प को ख़त्म करने या कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए अनेकों तरीके मौजूद हैं, लेकिन अगर कालसर्प का एकमात्र रामबाण उपाय आप करना चाहते हैं तो वह है भगवान शिव की आराधना। प्रतिदिन भगवान शिव पर जल चढ़ाना चाहिए और सुबह शाम भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए सुबह के समय में भगवान शिव की पूजा और शाम को भगवान शिव की आरती करनी चाहिए इसके साथ साथ महामृत्युंजय का जाप करने से कालसर्प दोष खत्म होता है।

कालसर्प दोष के फायदे

कालसर्प हमेशा नुकसान करें ऐसा नहीं होता काल सर्प दोष के कारण अनेकों प्रकार के लाभ भी होते हैं, जो राहु और केतु की स्थिति के कारण होता है। 

  • कालसर्प दोष से ग्रसित जातक की कुंडली में अगर राहु लाभकारी स्थिति में हो तो वह जातक अपने जीवन में बहुत बड़ी सफलता हासिल करता है।
  • कालसर्प से ग्रसित जातक अधिक मेहनती ईमानदार और साहस भरे हो सकते हैं और इसी कारण वह अपने जीवन में सफलता को प्राप्त करते हैं, उनके जीवन में सफलता प्राप्त करने में थोड़ी मुश्किलें जरूर आती हैं लेकिन अंततः वह अच्छी सफलता को प्राप्त करते हैं।
  • अपने जीवन में जोखिम उठाना या जोखिम उठाने को तैयार रहना कालसर्प दोष के कारण होता है, और जो व्यक्ति अपने जीवन में जोखिम उठाने से नहीं डरता वह अपार सफलता को प्राप्त करता है। 
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कालसर्प का प्रभाव अच्छा भी हो सकता है जो कुंडली में उसकी स्थिति पर निर्भर है। अगर किसी व्यक्ति के जन्मांक में कालसर्प दोष मतलब राहु और केतु की स्थिति अच्छे स्थान पर हैं तो रंक व्यक्ति भी राजा बन जाता है।
  • कालसर्प के मुख में शुक्र ग्रह शुभ स्थिति में विराजमान हो तो यह बहुत शुभ माना जाता है, ऐसे व्यक्ति को स्त्री सुख मिलता है और वैवाहिक जीवन भी अच्छा दिखता है।
  • अगर कालसर्प के मुख्य में बुध ग्रह विराजमान हो तो यह बहुत शुभ माना जाता है और ऐसी स्थिति बनने पर व्यक्ति बहुत अच्छी शिक्षा लेता है और अपने जीवन में ऊंचाइयों को छूता है। 
  • शनि ग्रह की स्थिति अगर कालसर्प के मुख में हो तो यह बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है ऐसे व्यक्ति का दिमाग दूसरों के मुकाबले बहुत तेज होता है।

पढ़ें: Hanuman ji ki aarti – हनुमान जी की आरती हिंदी में ।


Disclamer – सभी जानकरियाँ, जो इस पोस्ट में दी गयी हैं, वो इंटरनेट पर मौजूद जानकारी के आधार पर हैं, इसमें hindidata या hindidata का कोई भी लेखक इसकी ज़िम्मेवारी नहीं लेता।

Rashvinder
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मैं Rashvinder Narwal टेक्निकल फील्ड में एक्सपर्ट हूं और कंटेंट राइटिंग के साथ-साथ SEO में भी एक्सपर्टीज रखता हूं। मैं हमेशा जनरल नॉलेज और ज्ञानवर्धक टॉपिक्स के साथ ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर भी रिसर्च करता रहता हूं और उससे संबंधित लेख इस वेबसाइट पर पब्लिश करता हूं। मेरा मकसद हिंदी डाटा वेबसाइट पर सही जानकारी को लोगों तक पहुंचाना है।
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