शनिवार, सितम्बर 23, 2023

मेडिटेशन क्या है? इसे कैसे करें, प्रकार और फ़ायदे – Meditation in hindi

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आज के समय में जिस प्रकार से हमारी जीवनशैली तनावपूर्ण है, उसमें मेडिटेशन की बहुत अधिक आवश्यकता है। क्योंकि मेडिटेशन हमें रिलैक्स करने में सहायता करता है। जब किन्ही कारणों से इंद्रियां सुस्त पड़ जाती हैं तो मेडिटेशन इसमें सहायता करता है।

आम व्यक्ति जो नहीं जानता कि “मेडिटेशन क्या है?” वह मेडिटेशन को एक प्रार्थना की तरह समझता है। परंतु यह पूर्णता सत्य नहीं है, क्योंकि यह प्रार्थना से अलग एक चीज है जिससे आपको अंदर की शांति यानी आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है। इसका मुख्य उद्देश्य इंसान को जागरूक बनाए रखना है।

मेडिटेशन पर किए गए शोध से हमें यह पता लगता है कि इसकी मदद से व्यक्ति को अस्थाई रूप से तनाव से राहत मिलती है। यही कारण है कि एक्सपर्ट मेडिटेशन करने की सलाह देते हैं ताकि आपको आराम और सुखदायक जीवन के साथ-साथ हेल्दी और एक्टिव लाइफ स्टाइल भी मिले।

जो व्यक्ति नियमित मेडिटेशन करते हैं उन्हें अपने शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने के साथ-साथ भावनात्मक और आत्मिक स्वास्थ्य को भी सुधारने का अवसर प्राप्त होता है। मेडिटेशन के प्रकार अलग-अलग हैं जिन्हें आप अपने हिसाब से चुन सकते हैं। चलिए सबसे पहले जानते हैं कि मेडिटेशन क्या है और इसे आसान भाषा में समझते हैं।

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मेडिटेशन क्या है?

Meditation kya hai?, मेडिटेशन क्या है?
Meditation kya hai?, मेडिटेशन क्या है?

मेडिटेशन को हिंदी में ध्यान कहते हैं जो एक प्रकार का मानसिक व्यायाम है। मेडिटेशन में रिलैक्सेशन, जागरूकता, फोकस आदि शामिल है। जिस प्रकार से कोई भी व्यक्ति अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए शारीरिक व्यायाम करता है उसी प्रकार से मेडिटेशन दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है।

आमतौर पर मेडिटेशन या ध्यान को शांति पूर्वक वातावरण में आंखें बंद करके किया जाता है। इसके अलावा कुछ और अलग तकनीक का उपयोग करके भी हम अभ्यास कर सकते हैं जैसे, माइंडफुलनेस मेडिटेशन, जिसमें व्यक्ति अपने आसपास की चीजों पर ध्यान केंद्रित करता है जिसके निरंतर अभ्यास से फोकस बढ़ाया जाता है। इसके अतिरिक्त कुंडलिनी मेडिटेशन, जेन मेडिटेशन, मंत्र मेडिटेशन इत्यादि भी मेडिटेशन के अलग-अलग प्रकार है।

मेडिटेशन से हम अपनी तनावपूर्ण जिंदगी से छुटकारा पा सकते हैं और अपनी जीवनशैली को अच्छा बना सकते हैं। आज के आधुनिक युग में लाखों-करोड़ों लोग मानसिक रोग से गुजरते हैं। इतने तनावपूर्ण माहौल में रहने से लोगों की जिंदगी अस्त व्यस्त हो जाती है परंतु मेडिटेशन करने से वह अपनी स्थिति को सुधार सकते हैं। इसीलिए हमें अपनी दिनचर्या में मेडिटेशन के लिए समय निकालना अति आवश्यक है।

मेडिटेशन के प्रकार

मेडिटेशन करने के अलग अलग तरीके हैं और कई तरह से आप मेडिटेशन कर सकते हैं। नीचे कुछ मेडिटेशन के प्रकार दिए गए हैं जिन्हें आप अपने हिसाब से चुन सकते हैं कि किस प्रकार का मेडिटेशन आपके लिए उचित है।

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1. अध्यात्मिक मेडिटेशन

आध्यात्मिक मेडिटेशन में धर्म आपको अपने भगवान के साथ एक गहरा संबंध बनाने में सहायता करता है। उदाहरण के लिए हिंदू धर्म में आध्यात्मिक ज्ञान के बारे में बताया जाता है जिसमें आपको यह सुनिश्चित करना है कि आप एक शांतिपूर्ण माहौल में बैठे और अपनी सांसो पर ध्यान केंद्रित करें। बस आपको आंखें बंद करके ध्यान करते हुए अपने विचारों को अपनी सांसो पर केंद्रित करना है।

यदि आप एक आध्यात्मिक व्यक्ति हैं और भगवान पर विश्वास करते हैं तो आप इस तरीके से आध्यात्मिक मेडिटेशन कर सकते हैं।

2. माइंडफुलनेस मेडिटेशन

माइंडफुलनेस एक मेडिटेशन का रूप है जिससे अभ्यास करने वाला व्यक्ति आसपास में हो रही गतिविधि के साथ-साथ महक और ध्वनियों पर अपना ध्यान केंद्रित करता है। माइंडफुलनेस मेडिटेशन करने से जागरूकता और उपस्थित रहने में मदद मिलती है। इसके साथ साथ यह मन और दिमाग को एक जगह पर केंद्रित करने में मदद करता है और शांत रखने में सहायता करता है।

माइंडफुलनेस मेडिटेशन को आप कभी भी और किसी भी समय कर सकते हैं।

3. कुंडलिनी मेडिटेशन

कुंडलिनी मेडिटेशन में आप शारीरिक रूप से सक्रिय होते हैं जिसमें मंत्रों का उच्चारण, गहरी सांस लेने के साथ-साथ कई मोमेंट्स भी शामिल होते हैं। कुंडलिनी मेडिटेशन करने के लिए आपको शुरुआत में एक गुरु की जरूरत होती है और इसके लिए आपको क्लास लेने की आवश्यकता पड़ती है। जब आप किसी प्रशिक्षक या गुरु की मदद से कुंडलिनी मेडिटेशन सीख लेते हैं तो आप इसे आसानी से घर पर भी कर सकते हैं।

4. मंत्र मेडिटेशन

मंत्र शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसका मतलब है मस्तिष्क या अपनी सोच की रक्षा करना या उससे मुक्त होना। इसीलिए मंत्र मेडिटेशन का मतलब होता है कि अपने मन को मुक्त करना या अपनी सोच को मुक्त करना। इसके अभ्यास से अपने मन में से नेगेटिव विचारों को दूर किया जाता है।

मंत्र मेडिटेशन से आपके मन में या मस्तिष्क में चल रहे नेगेटिव विचार दूर होते हैं और आपकी सोच सकारात्मकता की तरफ बढ़ती है।

5. जेन मेडिटेशन

जिस प्रकार से आध्यात्मिक मेडिटेशन में हिंदू धर्म आपको ध्यान लगाने के बारे में बताता है और सहायता करता है उसी प्रकार से जेन मेडिटेशन एक बौद्ध परंपरा का हिस्सा है। परंतु जेन मेडिटेशन को एक गुरु के मार्गदर्शन में करना जरूरी है। जेन मेडिटेशन करने के कुछ स्टेप्स और आसन होते हैं जिन्हें सीखने के लिए आपको ट्रेंड प्रोफेशनल या गुरु की आवश्यकता पड़ती है।

जेन मेडिटेशन करने से दिमाग तेज होता है और तनाव दूर करने में मदद मिलती है।

मेडिटेशन का उद्देश्य क्या है?

मेडिटेशन का उद्देश्य या ध्यान का उद्देश्य वास्तव में किसी प्रकार का लाभ प्राप्त करना नहीं बल्कि किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ध्यान केंद्रित करना ही मेडिटेशन का उद्देश्य है। इसके साथ-साथ मेडिटेशन का उद्देश्य मनुष्य के मन में प्रेम, उदारता, करुणा, क्षमा, धैर्य इत्यादि गुणों को बनाए रखना भी है। आदिकाल से ही मनुष्य ध्यान करता आ रहा है जो एक सही प्रकार से जिंदगी जीने का तरीका है।

मेडिटेशन की मदद से व्यक्ति अपने विचारों और सोचने की शक्ति पर विराम लगाता है और जब वह मेडिटेशन कर रहा होता है तो सभी प्रकार के विचारों से मुक्त होता है। मेडिटेशन का सही मतलब है कि व्यक्ति का केवल एक तरफ ध्यान केंद्रित होना और सभी प्रकार के विचारों और सोचने की शक्ति से मुक्त होना।

मेडिटेशन करने का सही समय क्या है?

दिन में किसी भी समय मैडिटेशन किया जा सकता है। जब भी आप इसे करने के लिए सहज महसूस करें उसी समय आप यह कर सकते हैं ताकि आप अपने विचारों को छोड़कर अपना ध्यान केंद्रित कर सकें।

लेकिन सुबह सूरज उगते समय मेडिटेशन करना सबसे अधिक उचित होता है। मेडिटेशन आपकी इंद्रियों को खोलता है और दिमाग को सक्रिय बनाता है। सुबह के समय मेडिटेशन करने से मन सारा दिन शांत बना रहता है और इससे आपको अधिक लाभ प्राप्त होता है। कुछ व्यक्ति शाम को भी ध्यान लगाते हैं।

मेडिटेशन कैसे करते हैं? – कुछ महत्वपूर्ण टिप्स

ध्यान लगाना आपको मानसिक शांति तो प्रदान करता है परंतु इसे सही तरीके से किया जाना अति आवश्यक है। यदि आप मेडिटेशन को सही प्रकार से करते हैं तो आप इसका अत्यधिक लाभ उठा सकते हैं।

  • जगह का चयन – ध्यान न जाने से पहले आपको जगह का चयन करना अति आवश्यक है। ऐसी जगह चुने जहां पर आपको आत्मिक शांति मिलती है। यदि आप मेडिटेशन करने के लिए किसी कमरे का चयन करते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि कमरे में ज्यादा डार्क कलर नहीं होने चाहिए और ना ही ज्यादा लाइट कलर होने चाहिए।
  • वातावरण – यदि आप एक कमरे में बैठकर ध्यान लगाना चाहते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आपके आसपास का वातावरण ना ही ज्यादा गरम हो ना ही ज्यादा ठंडा। यदि बाहर के मौसम के कारण कमरा अधिक ठंडा है तो चिंता की बात नहीं है परंतु यदि आप कमरे में AC इत्यादि का प्रयोग करके उसे ठंडा किया हुआ है तो ऐसा नहीं करना चाहिए। आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि जिस कमरे में आप ध्यान करेंगे उसके आस पास ज़्यादा शोर ना हो। यदि आप शहर में या भीड़भाड़ वाले माहौल में रहते हैं तो सुबह का समय आपके लिए उपयुक्त रहेगा।
  • मेडिटेशन करने की सही अवस्था – ध्यान करने के लिए सही अवस्था का होना ज़रूरी है। वैसे तो आप खड़े होकर, बैठ कर, लेट कर भी मेडिटेशन कर सकते हैं। परंतु अलग अलग अवस्थाओं के अपने कुछ लाभ और नुक़सान भी हैं।आप किसी एक अवस्था में मेडिटेशन ना करके अपनी अवस्था बादल भी सकते हैं।
    • बैठकर मेडिटेशन करना – बैठकर मेडिटेशन करना सबसे सहज माना जाता है और आप अपनी इच्छा अनुसार पद्मासन, वज्रासन या फिर जिस स्थिति का चयन करना चाहे उस स्थिति में बैठ सकते हैं। बैठकर मेडिटेशन करने में आप अपनी इच्छा अनुसार किसी व्यवस्था में बैठ सकते हैं परंतु आप का सीना तना हुआ और गर्दन बैलेंस होना जरूरी है। हाथ और उंगलियों की स्थिति भी आप अपनी इच्छा अनुसार चुन सकते हैं।
    • लेट कर मेडिटेशन करना – लेट कर मेडिटेशन करने के लिए आपको एक तरफ होकर लेटना चाहिए। इस प्रकार के मेडिटेशन में यदि आप दाएं साइड होकर लेटते हैं तो आपको अपना दाया हाथ अपने सिर के नीचे और बाया हाथ आपके शरीर के ऊपर सीधी अवस्था में होना जरूरी होता है। यदि आप बाएं तरफ देखते हैं तो आपको बाया हाथ अपने सर के नीचे और दाया हाथ आपके शरीर के ऊपर सीधे अवस्था में रखना चाहिए। यदि आप किसी शारीरिक सुख दुख के कारण ऐसा नहीं कर सकते तो आप सीधा भी लेट सकते हैं।
    • खड़े होकर मेडिटेशन करना – कुछ व्यक्तियों का यह मत है कि खड़े होकर मेडिटेशन नहीं किया जा सकता परंतु यह पूर्णता सत्य नहीं है। वैसे खड़े होकर ध्यान लगाना कठिन होता है परंतु जो व्यक्ति ज्यादा देर तक बैठ नहीं सकते और जिन्हें लेट कर मेडिटेशन करने में असहजता महसूस होती है वह खड़े होकर मेडिटेशन कर सकते हैं। खड़े होकर मेडिटेशन करने के लिए आपको सीधे खड़े होना होता है। आपको इस बात का ध्यान रखना है कि जब आप खड़े होकर मेडिटेशन करें तो आपको पेट और कमर को आराम देना है और उन पर कोई भी दबाव नहीं रखना। आप हाथ जोड़कर खड़े हो सकते हैं या फिर अपनी इच्छा अनुसार हाथों की स्थिति चयन कर सकते हैं।
  • ध्यान केंद्रित करना – जब आप मेडिटेशन करने की अवस्था का चयन कर ले तो अपने शरीर को रिलैक्स होने दें और दिमाग में चल रहे विचारों को विराम दें। ध्यान की स्थिति में मन में आ रहे विचार जैसे घर की बातें, ऑफिस या दोस्त या परिवार से संबंधित विचार अपने दिमाग में न आने दें और अपने मन को शांत बनाएं।ध्यान करते समय आपको सभी विचारों से मुक्त होना है और अपने आपको महसूस करवाना है कि आप इस दुनिया में नहीं है और किसी प्रकार का भी दुख या दर्द से आप मुक्त हैं। विचारों को अपने वश में करने की कोशिश करें। ऐसा करने के लिए आपको समय लग सकता है परंतु धीरे-धीरे आप अपने विचारों को वश में करना सीख जाएंगे। और एक समय ऐसा आएगा जब ध्यान लगाते हुए आप सभी विचारों से मुक्त हो जाएंगे।
  • प्रतिदिन यह क्रिया दोहराना – जब आप अपना ध्यान केंद्रित करना चाहेंगे तो शुरुआत में आप अपने विचारों पर कंट्रोल नहीं कर पाएंगे। परंतु निरंतर ऐसा करने से आप धीरे-धीरे अपने विचारों पर काबू पाना सीख जाएंगे। यदि आप शुरुआत में ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे तो यह कोई चिंता की बात नहीं है। धीरे-धीरे फिर से ध्यान लगाने की कोशिश जारी रखें और बार-बार ऐसी कोशिश करने से आप आसानी से अपना ध्यान केंद्रित करना सीख जाएंगे। ऐसा करने के लिए प्रतिदिन मेडिटेशन करें।

10+ मेडिटेशन करने के लाभ

  • तनाव से मुक्ति मिलती है।
  • चिंता दूर करने में मदद मिलती है।
  • विचारों पर काबू पाना सीखते हैं।
  • सारा दिन मन शांत बना रहता है।
  • गुस्से पर काबू करने में मदद मिलती है।
  • व्यर्थ के विचारों में समय व्यतीत नहीं होता।
  • मन में प्यार और करुणा की भावना जागृत होती है।
  • अच्छी नींद आती है।
  • अध्यात्म में मन लगता है।
  • व्यक्ति अपने आपको सही से समझ पाता है।

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Rashvinder
Rashvinder
मैं Rashvinder Narwal टेक्निकल फील्ड में एक्सपर्ट हूं और कंटेंट राइटिंग के साथ-साथ SEO में भी एक्सपर्टीज रखता हूं। मैं हमेशा जनरल नॉलेज और ज्ञानवर्धक टॉपिक्स के साथ ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर भी रिसर्च करता रहता हूं और उससे संबंधित लेख इस वेबसाइट पर पब्लिश करता हूं। मेरा मकसद हिंदी डाटा वेबसाइट पर सही जानकारी को लोगों तक पहुंचाना है।
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