सोमवार, अक्टूबर 2, 2023

नया साल और Gregorian Calendar – New year की रोचक जानकारी

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नए साल (New Year) को पुरे विश्व में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। लगभग पुरे विश्व में 31 दिसम्बर की रात 12 बजे के बाद नया साल शुरू माना जाता है। 1 जनवरी की सुबह नए साल की सुबह होती है। नए साल को मनाने के लिए लोग बहुत दिन पहले से ही योजना बनाने लग जाते हैं।

31 दिसम्बर की रात को 12 बजते ही सब नए साल के स्वागत में ख़ुशी से झूमते हैं, पटाखे फोड़ते हैं और अपनी पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार नया साल मानते हैं। नए साल को मनाने का उत्साह अधिकतर युवा लोगों में ज्यादा देखा जाता है। इस दिन सब एक दुसरे को बधाई देते हैं और एक दुसरे के लिए नया साल खुशियाँ लेकर आये ऐसी कामना करते हैं।

नए साल को कहाँ कहाँ किस तरह मनाया जाता है और किस कैलेंडर के अनुसार नया साल कब आता है उसकी सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में निचे संक्षिप्त में दी जा रही है।

ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian Calender)

new year and Gregorian Calender information

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पूरी दुनिया में 31 दिसंबर की रात के 12 बजते ही नए साल की शुरुआत हो जाती है। इसके साथ ही 1 जनवरी को एक नई बहस भी छिड़ जाती है की आज ही के दिन नया साल क्यों मनाया जाता है। नए साल को मनाने की शुरुआत कैसे और कब हुई? वैसे तो भारत और भारत के जैसे ही कुछ और देशों में भी पहले अंग्रेजी नव वर्ष को नहीं माना जाता था।

लेकिन अब वर्तमान समय में लगभग संपूर्ण दुनिया ने अंग्रेजी नववर्ष को स्वीकारा है, और ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपनाया है। अकेले भारत के अंदर ही 36 प्रकार के पुराने कैलेंडर वर्ष है।

भारत के अलावा भी बहुत सारे देशों में उनके अपने कैलेंडर भी चलन में हैं। लेकिन अब यह सब कैलेंडर चलन से बाहर हो चुके हैं और पूरी दुनिया ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार आने वाले नववर्ष कोही मनाती है।ग्रेगोरियन कैलेंडर सूर्य चक्र पर आधारित है। सूर्य चक्र पर आधारित कैलेंडर में 365 दिन और चन्द्रमा चक्र पर आधारित कैलेंडर में 354 दिन होते हैं।

ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत आज से 440 वर्ष पूर्व 15 अक्टूबर 1582 में हुई थी। इस कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष 25 दिसंबर को क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है और 31 दिसंबर को वर्ष का अंतिम दिन माना जाता है। इस कैलेंडर के अनुसार ही 1 जनवरी को हर साल नए साल के रूप में मनाया जाता है।

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इस कैलेंडर को अंतिम बार पोप ग्रेगरी 13वॆं के द्वारा संशोधित किया गया था। 15 अक्टूबर 1582 को एलाॅयसीस लिनिअस नामक अमेरिका के नेपल्स के फिजीशियन ने ग्रेगोरियन कैलेंडर के रूप में एक नए कैलेंडर के इस्तेमाल को प्रस्तावित किया था।

ग्रेगोरियन कैलेंडर को स्वीकारने का कारण

भारतवर्ष में अब भी अधिकतर धार्मिक कार्य हिंदू धर्म के लोग विक्रमी संवत के अनुसार तथा मुस्लिम धर्म के लोग हिजरी संवत के अनुसार करते हैं। दरअसल ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपनाना भारतवर्ष की एक मजबूरी थी।

क्योंकि जब ग्रेगोरियन कैलेंडर को भारतवर्ष में स्वीकार आ गया तब भारतवर्ष में ब्रिटिश शासन था। 1772 ईसवी में जब यूनाइटेड किंगडम ने ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपनाया तब पूरी दुनिया में जहां भी ब्रिटेन का शासन था या फिर ब्रिटेन के उपनिवेश थे वहां पर उन्होंने ग्रेगोरियन कैलेंडर को लागू कर दिया था।

ग्रेगोरियन कैलेंडर को किसने और कब स्वीकारा

  • जापान 1873
  • ग्रीस 1923
  • फ्रांस, इटली, स्पेन, पुर्तगाल और पोलैंड 1582
  • तुर्की 1927
  • चीन 1912
  • ऑस्ट्रिया एवं कैथोलिक देश 1583
  • रूस, एस्तोनिया 1918
  • अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और इनके उपनिवेश देश 1752

जूलियन कैलेंडर

ग्रेगोरियन कैलेंडर के चलन में आने से पहले जूलियन कैलेंडर को इस्तेमाल किया जाता था। इस कैलेंडर में 10 माह होते थे। इस कैलेंडर को जूलियस सीजर ने 46 ईसा पूर्व में संशोधित किया था। इस कैलेंडर में यह समस्या थी की इसमें क्रिसमस एक निश्चित दिन नहीं आता था। जूलियन कैलेंडर से पहले रोमन कैलेंडर प्रचलन में था। रोमन कैलेंडर में साल के केवल 304 दिन होते थे और 10 माह होते थे

नए साल को मनाने का इतिहास – New Year History

पहले अलग-अलग देशों में अलग-अलग दिनों को नया साल मनाया जाता था। जैसे कुछ देशों में 25 दिसंबर को नया साल मनाया जाता था तो वहीं दूसरी ओर कुछ देशों में 25 मार्च को नया साल मनाया जाता था। हिंदू धर्म में हिंदू पंचांग के अनुसार देखें तो हिंदुओं का नया साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन से शुरू होता है।

लेकिन बाद में दुनिया भर के लगभग सब देशों ने ग्रेगोरियन कैलेंडर को स्वीकार कर लिया और ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार नए साल को मनाने लग गए। 15 अक्टूबर 1982 को पहली बार नया साल मनाया गया और तब से लेकर आज तक इस परंपरा को हर देश द्वारा निभाया जा रहा है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार नया साल मनाने से पूर्व 25 दिसंबर को क्रिसमस डे भी हर साल मनाया जाता है।

नया साल अलग-अलग देशों में कैसे मनाया जाता है

  • मेक्सिको देश में लोग 31 दिसंबर की रात 12 बजे के बाद अंगूर खाकर नया साल मनाते हैं। मैक्सिकन लोगों का मानना है कि नए साल की शुरुआत में अंगूर खा कर अगर कोई कामना की जाए तो वह अवश्य पूरी होती है। इसलिए मेक्सिको में लोग अंगूर खाकर कोई भी मांगते हैं और इस तरह वह नए साल को मनाते हैं।
  • जापान में नया साल कुछ अलग ही तरीके से मनाया जाता है। जापान में नया साल आने की खुशी में बौद्ध धर्म के मंदिरों में लटकी हुई घंटियों को 108 बार बजाकर नए साल का जश्न मनाया जाता है। जापान के लोगों का मानना है कि 108 बार घंटी बजाकर वो लोग God of New Year को आमंत्रण देते हैं।
  • डेनमार्क में नए साल को मनाने का तरीका बहुत ही अजीब है। डेनमार्क में नए साल वाले दिन लोग अपने घर के बर्तनों को दूसरे घरों पर मारते हैं। यह इसलिए किया जाता है ताकि जिस घर पर वह बर्तन मारते हैं उस घर के लोगों के साथ उनकी दोस्ती हो जाए। नया साल मनाने का यह तरीका आपको बहुत अजीब लगा होगा लेकिन यह सत्य है।
  • अमेरिका में नया साल मनाने के लिए लोग काली मटर खाते हैं। अमेरिकन का मानना यह है कि जो भी इंसान नए साल के दिन काली मटर खाएगा तो वह उसकी लाइफ में खुशियां लेकर आएगी। इसलिए अमेरिका में 31 दिसंबर की रात के 12 बजे के बाद काली मटर खाकर अमेरिकन नए साल की शुरुआत करते हैं और जश्न मनाते हैं

नए साल के विषय में कुछ रोचक जानकारी

  • टाइम स्क्वेयर मैं लोग शौचालय की कमी होने के कारण नए साल को मनाने के लिए व्यस्त डायपर पहनते हैं।
  • स्पेस शटल ने आज तक कभी भी नए साल की पूर्व रात्रि या फिर नए साल के दिन कोई भी उड़ान नहीं भरी है, क्योंकि इसके कंप्यूटर 1 वर्ष के रोल ओवर को संभालने में सक्षम नहीं थी।
  • कोरिया और कुछ एशियाई देश ऐसे हैं जहां पैदा होते ही बच्चे को 1 वर्ष का मान लिया जाता है। और नया साल वाले दिन उसकी आयु 1 वर्ष और बढ़ जाती है। जैसे कि यदि किसी का जन्म 29 दिसंबर को होता है तो 1 जनवरी को उसकी आयु 2 वर्ष हो जाएगी।
  • दुनिया भर में सबसे पहले नया साल बेबीलोन के लोगों ने आज से करीब 4000 वर्ष पहले मनाया था।
  • फ्रांस ने 1 दशमलव प्रणाली को आधार मानकर फ्रांसीसी क्रांति के पश्चात एक नए कैलेंडर का संक्षेप में इस्तेमाल किया, इस कैलेंडर के अनुसार सप्ताह में 10 दिन, दिन में 10 घंटे, प्रति घंटे 100 मिनट, प्रति सेकंड 100 सेकंड और वर्ष 1 पर शुरू माना गया।
  • रूस में लोग नया साल दो बार बनाते हैं पहला 1 जनवरी को उसके बाद दूसरा 14 जनवरी को।
  • थाईलैंड में नया साल मनाने के लिए राज्य द्वारा जल युद्ध के कई प्रयोजन किया जाते हैं
  • अन्टार्टिक में हर वर्ष नए साल की पूर्व रात्री को संगीत उत्सव का आयोजन किया जाता है जिसे Every मवेशी कहा जाता है
  • नए साल वाले दिन अन्य दिनों की तुलना में अत्याधिक गाड़ियाँ चोरी होती हैं
  • मैक्सिकन लोग नए साल का स्वागत अंगूर खाकर करते हैं
  • चीन में नए साल की तारीख हर वर्ष बदलती है
  • कुछ देशों में साल के अंतिम दिन को Saint  Sylvester Day भी कहा जाता है
  • इंग्लैंड में भी 1752 तक 25 मार्च को ही नया साल मनाया जाता था
  • अमेरिका में कुछ प्रेमी जोड़े किस करके नए साल की शुरुआत करते हैं।
  • ऐसा माना जाता है की नए साल की छुट्टी सबसे प्राचीन छुट्टी है।
  • इटली के लोग नए साल के दिन लाल रंग की अंडर विअर पहनते हैं।
  • जुलियन कैलेंडर के लागू होने के बाद 1 जनवरी को नया साल पहले बार मनाया गया था।
  • स्पेन में भी लोग नए साल की पूर्व रात्री को अंगूर खाकर नया साल मानते हैं।
  • ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में नए साल को साल का सबसे बड़ा उत्सव मन जाता है।
  • नए साल पर सबसे पहले आतिशबाजी की शुरुआत चीन के लोगों ने की थी।
  • कुछ देशों में नया साल नई फसल आने या वसंत ऋतु आने पर मनाया जाता है
  • प्रेमी जोड़े किस करके नए साल की शुरुआत करते हैं।
  • ऐसा माना जाता है की नए साल की छुट्टी सबसे प्राचीन छुट्टी है।
  • इटली के लोग नए साल के दिन लाल रंग की अंडर विअर पहनते हैं।
  • जुलियन कैलेंडर के लागू होने के बाद 1 जनवरी को नया साल पहले बार मनाया गया था।
  • स्पेन में भी लोग नए साल की पूर्व रात्री को अंगूर खाकर नया साल मानते हैं।
  • ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में नए साल को साल का सबसे बड़ा उत्सव मन जाता है।
  • नए साल पर सबसे पहले आतिशबाजी की शुरुआत चीन के लोगों ने की थी।
  • नए साल की पूर्व रात्री को जो गीत गया जाता है उसको ‘ओल्ड लॉन्ग सिने’ कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है ‘बिता हुआ समय’
  • बुर्ज खलीफा में जो आतिशबाजी होती है नए साल के उपलक्ष में वह आतिशबाजी दुनिया की सबसे महँगी आतिशबाजी होती है
  • प्रेमी जोड़े किस करके नए साल की शुरुआत करते हैं।
  • ऐसा माना जाता है की नए साल की छुट्टी सबसे प्राचीन छुट्टी है।
  • इटली के लोग नए साल के दिन लाल रंग की अंडर विअर पहनते हैं।
  • जुलियन कैलेंडर के लागू होने के बाद 1 जनवरी को नया साल पहले बार मनाया गया था।
  • स्पेन में भी लोग नए साल की पूर्व रात्री को अंगूर खाकर नया साल मानते हैं।
  • ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में नए साल को साल का सबसे बड़ा उत्सव मन जाता है।
  • नए साल पर सबसे पहले आतिशबाजी की शुरुआत चीन के लोगों ने की थी।
  • नए साल पर टाइम्स स्क्वायर की बॉल ड्राप देखने के लिए लगभग १ मिलियन लोग इकठ्ठा हो जाते हैं
  • प्रेमी जोड़े किस करके नए साल की शुरुआत करते हैं।
  • ऐसा माना जाता है की नए साल की छुट्टी सबसे प्राचीन छुट्टी है।
  • इटली के लोग नए साल के दिन लाल रंग की अंडर विअर पहनते हैं।
  • जुलियन कैलेंडर के लागू होने के बाद 1 जनवरी को नया साल पहले बार मनाया गया था।
  • स्पेन में भी लोग नए साल की पूर्व रात्री को अंगूर खाकर नया साल मानते हैं।
  • ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में नए साल को साल का सबसे बड़ा उत्सव मन जाता है।
  • नए साल पर सबसे पहले आतिशबाजी की शुरुआत चीन के लोगों ने की थी।

भारत में नए साल को कैसे मनाया जाता है?

भारतवर्ष में भी ईसाई धर्म के अंग्रेजी कैलेंडर को माना जाता है। लेकिन फिर भी भारत में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग परंपरा और संस्कृति के आधार पर अलग-अलग दिन नया साल मनाया जाता है। भारत में किसी राज्य में अनाज के कटने और किस राज्य में सोलर कैलेंडर सिस्टम के आधार पर नया साल मनाया जाता है।

  • गुड़ी पड़वा, उगादि: चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही मराठी में नया साल गुड़ी पड़वा के नाम से मनाया जाता है और इसी दिन कर्नाटक तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में उगादि के नाम से यह दिन नए साल के रूप में मनाया जाता है।
  • हिंदू नव वर्ष: हिंदू धर्म में नए साल की शुरुआत चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से मानी जाती है। हिंदू धर्म मैं ऐसा माना जाता है की इस दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। इसके अलावा इसी दिन विक्रमी संवत के अनुसार नए साल की शुरुआत मानी जाती है। अगर अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार देखा जाए तो यह तिथि मार्च या अप्रैल के महीने में आती है।
  • विषु: विषु पर्व को नए साल के रूप में केरल में मनाया जाता है और वहीं दूसरी तरफ तमिलनाडु में बिसु परबा के नाम से नया साल मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह दोनों पर्व भी अप्रैल के माह में आते हैं।
  • नवरेह: कश्मीर में नवरेह नाम का पर्व चैत्र नवरात्र के पहले दिन नव चंद्र वर्ष के रूप में मनाया जाता है।
  • बैशाखी: हरियाणा और पंजाब के साथ ही कुछ राज्यों में बैसाखी का पर्व नए साल के रूप में मनाया जाता है।
  • नवरोज: पारसी धर्म को मानने वाले लोग नवरोज उत्सव को नए साल के रूप में मनाते हैं। नवरोज उत्सव 19 अगस्त को मनाया जाता है। शाह जमशेद जी ने 3000 वर्ष पहले नवरोज उत्सव मनाने की शुरुआत की थी।
  • जैन नववर्ष: जैन धर्म को मानने वाले लोग दीपावली से अगले दिन नए साल को मनाते हैं। जैन नववर्ष दिवाली से अगले दिन शुरू माना जाता है। इस दिन को वीर निर्वाण संवत के नाम से भी जाना जाता है। गुजरात में भी दिवाली से अगले दिन ही नए साल को शुरू माना जाता है।
  • बिहू: असम राज्य में बिहू पर्व के नाम से नए साल को मनाया जाता है। असम में बिहू पर्व पूरे हर्षोल्लास से 1 सप्ताह तक ड्रम और बाजो की गूंज के साथ मनाया जाता है। इस पर्व को असम में रंगाली बिहू के नाम से भी जाना जाता है। बिहू पर्व को मनाने के लिए कई तरह के खेलों का आयोजन भी किया जाता है। बिहू पर्व को फसलों का पर्व भी कहते हैं।
  • पोहिला बैशाख: पश्चिम बंगाल में चैत्र का महीना समाप्त होते ही बंगाली नववर्ष शुरू हुआ माना जाता है। बंगाल में इस दिन को पोहिला बैसाख के नाम से मनाया जाता है।
  • जुड़ शीतल: झारखंड और बिहार राज्य में नया साल मैथिली नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। इन राज्यों में इस पर्व को सतवानी नाम से भी जाना जाता है। रवि की फसल की कटाई किस खुशी में किसानों की बैसाखी के रूप में इस पर्व को मनाया जाता है। इस दिन सत्तू और गुड़ के साथ ऋतु फल और जल से भरा हुआ घड़ा दान में दिया जाता है। तिरहुत पंचांग का यह पहला दिन माना जाता है।

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Rashvinder
Rashvinder
मैं Rashvinder Narwal टेक्निकल फील्ड में एक्सपर्ट हूं और कंटेंट राइटिंग के साथ-साथ SEO में भी एक्सपर्टीज रखता हूं। मैं हमेशा जनरल नॉलेज और ज्ञानवर्धक टॉपिक्स के साथ ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर भी रिसर्च करता रहता हूं और उससे संबंधित लेख इस वेबसाइट पर पब्लिश करता हूं। मेरा मकसद हिंदी डाटा वेबसाइट पर सही जानकारी को लोगों तक पहुंचाना है।
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