Protein deficiency disease in hindi
प्रोटीन की कमी से हमारे शरीर को अनेकों तरह के रोगों का सामना करना पड़ता है जिनमें से क्वाशिओरकोर बीमारी (Kwashiorkor), शारीरिक थकान, हड्डियां कमज़ोर होना, बालों और नाखूनों का झड़ना, बच्चों में लंबाई रुक जाना, नींद में कमी होना, घावों का देरी से ठीक होना, चेहरे पर सूजन आना, हीमोग्लोबिन की कमी आदि मुख्य प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के नाम हैं।
प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग – Protein ki kami se hone wale rog
- क्वाशिओरकोर (Kwashiorkor): क्वाशिओरकोर बीमारी प्रोटीन की वजह से होने वाली मुख्य बीमारियों में से एक है जो कि प्रोटीन की कमी के कारण होती है। यह बीमारी ज़्यादातर छोटे बच्चों में देखी जाती है और भुखमरी और कुपोषण क्वाशिओरकोर बीमारी का मुख्य कारण है।
- शारीरिक थकान : प्रोटीन की कमी से हमारा शरीर हमेशा थका थका महसूस करता है। जब हमारे शरीर को ये प्रोटीन का पोषण नहीं मिलता तब हमारा शरीर शिथिल पड़ जाता है और जो शारीरिक थकान का कारण बनता है।
- हड्डियाँ कमजोर होना : जब हमारे शरीर को भी अच्छी मात्रा में प्रोटीन नहीं मिलता तब तक हमारा शरीर की हड्डियों से प्रोटीन लेना शुरू कर देता है जिस वजह से हमारी हड्डियां कमज़ोर पड़ जाती है और छोटी सी चोट लगने पर भी हड्डियों के फ्रैक्चर होने का ख़तरा बना रहता है।
- बालों के झड़ना : आजकल लोग बालों की समस्या से जूझ रहे हैं जिनमें बालों का झड़ना मुख्य हैं। शरीर में प्रोटीन की कमी के कारण हमारे बालों तक भरपूर मात्रा में प्रोटीन नहीं पहुँच पाता जिस वजह से हमारे बाल कमज़ोर और रूखे हो जाते हैं और प्रोटीन की कमी ही बालों की झड़ने का सबसे बड़ा कारण है।
- बच्चों की लम्बाई रुकना : जिन बच्चों को उनके भोजन में प्रोटीन की मात्रा कम मिलती है या प्रोटीन की कमी होती है तो बच्चों की लंबाई पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है और बच्चों की लंबाई बढ़ना रुक जाती है।
- नींद की कमी : रात को नींद न आना या नींद की समस्या से ग्रस्त होना प्रोटीन की कमी के कारण हो सकता है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी : हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता ही बीमारियों के ख़िलाफ़ लड़ती है और हमें बीमारियों से बचाती है। अगर हमारे शरीर में प्रोटीन की कमी होगी तो ये हैं हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमज़ोर बनाती है कि जिस वजह से हमें जल्दी जल्दी बीमारियां अपनी गिरफ़्त में ले सकती है।
- घाव का देर से ठीक होना : अगर हमारे शरीर में किसी कारण से घाव हो जाता है या चोट लगने पर घाव हो जाता है तो हमारी कोशिकाओं से उस घाव के ऊपरी परत बना लेती है और उस घाव को ठीक करती हैं। लेकिन प्रोटीन की कमी से हमारी कोशिकाएँ उस परत को देरी से बना पाती है जिस कारण हमारे घाव देर से ठीक होते हैं।
- चेहरे पर सूजन आना : अक्सर प्रोटीन की कमी से बहुत लोगों में चेहरे पर सूजन के लक्षण देखे गए हैं। प्रोटीन की कमी के कारण चेहरे पर सूजन आना एक अहम बात है। अगर आप इस तरह के लक्षण महसूस कर रहें हैं, तो आपको इसकी जाँच अवश्य करवा लेनी चाहिए।
- हीमोग्लोबिन की कमी : हमारे शरीर में मौजूद खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती या घटती रहती है लेकिन हीमोग्लोबिन बनाने के लिए हमारे शरीर को प्रोटीन की आवश्यकता होती है यदि आपके शरीर में हीमोग्लोबीन की कमी है तो इसका कारण आपके ख़ान पान में प्रोटीन की कमी हो सकती है।
- मांसपेशियों में दर्द : प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग में मांस पेशियों में दर्द होना इसका मुख्य लक्षण हैं। आपको चलते हुए या कुछ काम करते हुए अपनी मांसपेशियों में दर्द महसूस हो सकता है और प्रोटीन की कमी इसका मुख्य कारण होती है।
- त्वचा पर सफेद निशान : ये हमारे शरीर को सभी मांसपेशियों और कोशिकाओं को स्वस्थ रखने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है यदि प्रोटीन की कमी होती है तो ये हमारी कोशिकाएँ और मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती है जिनके लक्षण हम अपनी त्वचा पर भी देख सकते हैं। त्वचा पर सफ़ेद निशान होना है प्रोटीन की कमी के लक्षण हैं।
- खून का प्रवाह कम होना : नशों में अच्छी प्रकार से खून के प्रवाह के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है यदि शरीर में प्रोटीन की मात्रा कम हो तो खून का प्रवाह भी कम हो जाता है जिस कारण आप को और ज़्यादा थकान महसूस हो सकती है।
- मन में अस्थिरता : जब हमारे शरीर में प्रोटीन की मात्रा पर्याप्त नहीं होती तो हमारा मूड अस्थिर हो सकता है और बिना किसी बात की या फिर छोटी छोटी बातों पर ग़ुस्सा आना इसका एक लक्षण है।
- हाथ और पैर का कमजोर होना: अनेकों लोगों में यह लक्षण देखा जाता है कि उनका पेट और शरीर भारी है लेकिन उनके हाथ और पैर पतले दिखाई पड़ते हैं। हमारे हाथ और पैरों की मांसपेशियों को बढ़ने और मज़बूत होने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है और प्रोटीन की कमी के कारण हाथ और पैर का कमज़ोर हो जाना एक और प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों में से एक है।
प्रोटीन प्राप्ति के साधन
1. शाकाहारी भोजन
- सोयाबीन – शाकाहारी भोजन में सोयाबीन को प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है।
- पनीर – दूध से बनी सभी चीज़ों में प्रोटीन की मात्रा अच्छी होती है जिनमें से पनीर भी एक दूध से बनने वाला पदार्थ है।
- दूध और दही – दूध और दही में प्रोटीन की मात्रा भरपूर होती है, और 100g दूध में लगभग 3.4g प्रोटीन की मात्रा होती है।
- मूँगफली – ड्राई -फ़्रूट में मूँगफली को सबसे सस्ता और अच्छा प्रोटीन का स्त्रोत माना जाता है।
- चना – चना शाकाहारी भोजन में सोयाबीन का एक अच्छा और बेहतर विकल्प है। चने को भिगोकर लाभदायक माना जाता है।
- फल – फलों में भी प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है उदाहरण के तौर पर अमरूद और कीवी रूटीन के अच्छे स्रोत हैं।
- सब्ज़ियाँ – फलों की तरह सब्ज़ियों में भी प्रोटीन पाया जाता है और कटहल इसका एक अच्छा उदाहरण है।
2. मांसाहारी भोजन
- अंडा – अंडा प्रोटीन का बहुत अच्छा स्त्रोत है और इसे सबसे सस्ता और कुदरती प्रोटीन माना जाता है।
- चिकन – चिकन में भी अच्छी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। चिकन ब्रेस्ट में सबसे ज़्यादा प्रोटीन की मात्रा होती है।
- मछली – मछली में फ़ैट की मात्रा कम और प्रोटीन की मात्रा भरपूर होती है।
बच्चों में प्रोटीन की कमी से कौन सी बीमारी होती है?
प्रोटीन की कमी से बच्चों में क्वाशिओरकोर (Kwashiorkor) बीमारी हो जाती है। कुपोषित भोजन में प्रोटीन की मात्रा नहीं होती या बिलकुल ना के बराबर होती है और बच्चे को उचित मात्रा में पोषण नहीं मिल पाता व प्रोटीन की कमी हो जाती है। जब बच्चे को भरपूर मात्रा में प्रोटीन नहीं मिल पता तब क्वाशिओरकोर बीमारी होती है।
इसके अलावा बच्चों की लम्बाई ना बढ़ना, पेट का बाहर आना, पेट ख़राब रहना और भूख ना लगना कुछ अन्य प्रोटीन से होने वाली बीमारियाँ हैं।
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