शनिवार, सितम्बर 23, 2023

विश्व ब्रेल दिवस – World Braille Day (4 जनवरी)

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विश्व ब्रेल दिवस (World Braille Day) हर वर्ष 4 जनवरी के दिन मनाया जाता है। 4 जनवरी के दिन लुइस ब्रेल का जन्म हुआ था जिन्होंने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था। इसीलिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 6 नवंबर 2018 को एक प्रस्ताव पास करके लुइस ब्रेल के जन्मदिवस वाले दिन 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस घोषित किया गया।

ब्रेल लिपि का आविष्कारक

World Braille Day, ब्रेल लिपि का आविष्कारक
ब्रेल लिपि का आविष्कारक

4 जनवरी 1809 में फ्रांस के खोपरे नामक गांव में लुइस ब्रेल नाम के एक बच्चे का जन्म हुआ। उसके पिता का नाम साइमन रेलवे ब्रेल था। लुइस ब्रेल के पिता शाही घोड़ों के लिए जीन और काठी बनाने का कार्य करते थे। लुइस ब्रेल के परिवार की आर्थिक तंगी के कारण उसको 3 वर्ष की छोटी उम्र में ही अपने पिता के साथ काम करना पड़ा।

एक दिन वह दूकान में किसी छोटे लेदर के टुकड़े में किसी नुकीले औजार से छेड़ कर रहा था तब उसके हाथ से वह औजार फिसलकर उसकी आँख में लग गया जिसकी वजह से उनकी आंख में इंफेक्शन हो गया जिसके कारण उनकी आंख खराब हो गई और उनकी उम्र 8 वर्ष तक होते होते उनकी आंख पूरी तरह खराब हो गई और उनकी दोनों आंखों की रोशनी चली गई।

उसके पश्चात लुइस ब्रेल ने नेत्रहीनों के किसी विशेष स्कूल में दाखिला लिया। लुइस ब्रेल को 1 कूटलिपि के बारे में पता लगा जिससे अंधेरे मैं संदेशों को पढ़ने में सहायता मिलती थी जो कि सेना द्वारा इस्तेमाल की जा रही थी।

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इसके बारे में पता लगने के बाद लुइस ब्रेल के दिमाग में भी ऐसी ही किसी लिपि का विचार आया और आगे चलकर उन्होंने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया। मात्र 15 वर्ष की आयु में ही उन्होंने ब्रेल लिपि को तैयार कर दिया था। लुईस ब्रेल का निधन 6 जनवरी 1852 में 43 वर्ष की आयु में ही हो गया था।

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ब्रेल लिपि क्या है

ब्रेल एक प्रकार की लिपि है जो दृष्टिहीन लोगों के लिए वरदान साबित हुई है। ब्रेल को हम ऐसे स्पर्शनीय कोड भी कह सकते हैं जो कि पढ़ने और लिखने में सहायक होते हैं। इस लिपि में विशेष प्रकार के उभरे हुए कागज का प्रयोग होता है, जिस पर उभरे हुए बिंदु होते हैं जिनको उँगलियों से छूकर दृष्टिहीन लोग पढ़ सकते हैं।

ब्रेल लिपि को लिखने के लिए जैसे सामान्य टाइपराइटर होता है वैसे ही एक मशीन होती है जिसको ब्रेलराइटर कहते हैं। इसके अलावा हम स्लेट के जरिए भी ब्रेल और स्टायलस लिख सकते हैं। इस ब्रेल लिपि में जिन उभरे हुए बिंदुओं को छूकर पढ़ा जाता है उन बिंदुओं को हम सेल कहते हैं। ब्रेल कोई भाषा नहीं बल्कि एक प्रकार के कोड हैं।

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ब्रेल लिपि का आविष्कार कैसे हुआ?

लुइस ब्रेल के दृष्टिहीन होने के पश्चात उनके पिता ने उसको रॉयल नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ब्लाइंड चिल्ड्रन नामक स्कूल  जोकि पेरिस में था में दाखिला दिलवा दिया। इस स्कूल में दृष्टिहीन बच्चों के पढ़ने के लिए जिस लिपि का उपयोग होता था वह ‘’वेलन्टिन होऊ’’ थी।

लेकिन यह लिपि अधूरी थी। एक दिन उनके स्कूल में कैप्टन चार्ल्स बार्बियर नामक एक फ्रांस की सेना के अधिकारी प्रशिक्षण के लिए आए और उस अधिकारी ने सेना में इस्तेमाल होने वाली ‘’सोनोग्राफी’’ या ‘’नाइट राइटिंग’’ लिपि के बारे में बताया जो कि अंधेरे में पढ़ी जाने वाली थी। वही से लुइस ब्रेल के दिमाग में दृष्टिहीनों के लिए कोई नई लिपि बनाने का विचार आया।

सेना में प्रयोग होने वाली उस लिपि में 12 बिंदुओं को 6-6 की दो पंक्तियों में रखा जाता था और उस लिपि में कोई भी संख्या, गणितीय चिन्ह या विराम चिन्ह नहीं थे। लुइस ब्रेल ने इस लिपि के आधार पर ही एक लिपि बनाई जिसमें 6 बिंदुओं के प्रयोग से 64 अक्षर के साथ-साथ गणितीय चिन्ह, विराम चिन्ह और संगीत के नोटेशन भी शामिल थे।

लुइस ब्रेल ने जब यह लिपि बनाई तब उनकी उम्र सिर्फ 15 साल थी। लुइस ब्रेल द्वारा बनाई गई यह लिपि आज पूरे विश्व भर में सर्वमान्य है। लुईस ब्रेल ने अपनी इस लिपि को 1824 तक पूर्ण रूप से तैयार कर लिया था। तब से लेकर अब तक यही लिपि विश्व के सब देशों में पूर्ण रूप से मान्य है और इस्तेमाल हो रही है। 

विश्व ब्रेल दिवस कब से शुरू हुआ

लुइस ब्रेल, ब्रेल लिपि का आविष्कार करके दृष्टिहीन लोगों के लिए मसीहा बन गए लेकिन जब तक वह जीवित रहे उनके इस आविष्कार के लिए उन्हें सम्मान नहीं मिल पाया। लेकिन उनकी मृत्यु के पश्चात उनके जन्मदिन वाले दिन ही विश्व ब्रेल दिवस की शुरुआत करके उनको सम्मान दिया गया।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया भर में लगभग 39 मिलियन लोग ऐसे हैं जो देख नहीं पाते और 253 मिलियन लोग ऐसे हैं जो किसी न किसी तरह के आंखों के विकार से ग्रस्त हैं।

दृष्टि बाधित लोगों की इतनी बड़ी संख्या को देखकर संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 6 नवंबर 2018 को यह प्रस्ताव पास किया गया कि हर वर्ष लुइस ब्रेल के जन्मदिवस के दिन यानी 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाएगा।

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विश्व ब्रेल दिवस मानाने का उद्देश्य

  • लुइस ब्रेल जिन्होंने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था उनको सम्मान प्रदान करना।
  • ब्रेल लिपि का पूरी दुनिया में प्रचार, प्रसार करना और ब्रेल लिपि को बढ़ावा देना।
  • पूरे विश्व में संचार के साधन के रूप में ब्रेल लिपि के विषय में जागरूकता फैलाना।
  • दृष्टिबाधित लोगों को समाज में दूसरे लोगों के बराबर खड़े करने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • दृष्टिबाधित लोग पढ़ाई से वंचित ना रहे और आत्मनिर्भर बन कर अपना जीवन व्यतीत करें उसके लिए उनको प्रेरित करना।
  • ब्रेल लिपि की सहायता से दृष्टि से बाधित लोगों को उनके अधिकार प्रदान करना।
Rashvinder
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मैं Rashvinder Narwal टेक्निकल फील्ड में एक्सपर्ट हूं और कंटेंट राइटिंग के साथ-साथ SEO में भी एक्सपर्टीज रखता हूं। मैं हमेशा जनरल नॉलेज और ज्ञानवर्धक टॉपिक्स के साथ ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर भी रिसर्च करता रहता हूं और उससे संबंधित लेख इस वेबसाइट पर पब्लिश करता हूं। मेरा मकसद हिंदी डाटा वेबसाइट पर सही जानकारी को लोगों तक पहुंचाना है।
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