भाषा के रूप अनेक हैं जैसे: राज्यभाषा, राजभाषा, राष्ट्रीय भाषा, संपर्क भाषा, बोलचाल की भाषा, और मानक भाषा आदि। इस लेख में आपको भाषा के इन रूपों के विषय में संक्षिप्त में जानकारी दी गई है।
भाषा के रूप
1. राज्यभाषा
किसी भी राज्य की प्रदेश सरकार द्वारा उस राज्य के प्रशासनिक कार्यों को करने के लिए जिस भाषा का उपयोग उस राज्य में किया जाता है उसे राज्यभाषा कहते हैं।
राज्यभाषा उस राज्य के अधिकांश लोगों द्वारा बोली और समझी जाती है, अगर कोई भाषा उस राज्य के अधिकांश व्यक्ति नहीं समझ पाते या नहीं बोल पाते तो उसे राज्यभाषा नहीं रखा जा सकता। प्रशासन की दृष्टि से राज्य में राज्यभाषा को महत्व दिया जाता है।
2. राजभाषा
किसी भी देश में राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में बोली जाने वाली मुख्य भाषाओं को महत्व देकर उन्हें देश की मुख्य भाषाओं में सम्मिलित कर लिया जाता है तो उसे राजभाषा कहते हैं। जैसे भारतीय संविधान में हिंदी भाषा के अलावा 22 भाषाओं को राजभाषा के रूप में सम्मिलित किया गया है।
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दूसरे शब्दों में जिस भाषा का सरकार के कार्यों में या प्रशासनिक कार्यों में उपयोग होता है उसे राजभाषा कहते हैं। राजभाषा और राष्ट्रभाषा को कई व्यक्ति एक समान मानते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। राष्ट्रभाषा और राजभाषा में अंतर होता है और दोनों एक दूसरे से अलग है। राजभाषा को इंग्लिश में ऑफिशियल लैंग्वेज (official language) कहते हैं।
लेकिन कोई एक भाषा किसी भी देश की राजभाषा और राष्ट्रभाषा दोनों हो सकती है और हिन्दी इसका एक उचित उदाहरण है।
3. राष्ट्र भाषा
हर स्वतंत्र देश की एक सर्वसम्मति से चुनी गई भाषा होती है जो राष्ट्रभाषा कहलाती है। किसी भी देश की संस्कृति साहित्य और इतिहास की प्रेरणा राष्ट्रभाषा में निहित होती है। किसी भी देश में अलग अलग भाषा में बोलने वाले व्यक्तियों के बीच में एक पारस्परिक विचार विनिमय करने वाली भाषा को राष्ट्रभाषा कहते हैं। राष्ट्र भाषा को इंग्लिश में नैशनल लैंग्वेज (National Language) कहते हैं।
दूसरे शब्दों में जब किसी भाषा को राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार कर लिया जाता है और उस भाषा का उपयोग देश भर में विचारों का आदान प्रदान करने में और राजकीय कार्यों को करने के लिए उपयोग होता है उसे राष्ट्रभाषा कहते हैं।
राष्ट्रीय भाषा की विशेषताएँ
- राष्ट्रभाषा किसी भी राष्ट्र या देश में बोली जाती है और इसका प्रभाव पूरे देश में होता है। इसका उपयोग पूरे देश में व्यक्तियों द्वारा एक दूसरे के विचार को सुनने या व्यक्त करने में किया जाता है।
- देश का साहित्य इतिहास और संस्कृति राष्ट्रभाषा में निहित होती है।
- राष्ट्रभाषा किसी भी देश में सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा होती है और यह है बहुसंख्यक व्यक्तियों द्वारा उपयोग में लाई जाती है।
4. संपर्क भाषा
विश्व भर में अनेक भाषाओं का अस्तित्व है लेकिन जिस भाषा के माध्यम से व्यक्ति से व्यक्ति या राज्य से राज्य या एक देश में रहने वाले व्यक्ति किसी अन्य देश के व्यक्तियों से संपर्क स्थापित करते हैं या बातचीत करते हैं उसे संपर्क भाषा कहा जाता है।
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ऐसा ज़रूरी नहीं है की एक राज्य में बोली जाने वाली भाषा किसी दूसरे राज्य में रहने वाले व्यक्ति को समझ में आए। तो इसलिए एक ऐसी भाषा जो किसी दूसरे देश में रहने वाले व्यक्ति से या फिर किसी दूसरी भाषा बोलने यह समझने वाले व्यक्ति से संपर्क बनाने में मदद करती है या संपर्क का साधन बनती है ऐसी भाषा को संपर्क भाषा कहा जाता है।
भारत देश में हिंदी ऐसी भाषा है जो एक सम्पर्क भाषा के तौर पर प्रतिष्ठित होती जा रही है भारत के राज्यों में अलग अलग भाषाएँ बोली जाती है। लेकिन हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसे हर राज्य का व्यक्ति समझता है और बोलता है। अगर हम भारत देश की बात करें तो हिन्दी एक संपर्क भाषा है और अगर हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बात करें तो इंग्लिश एक अंतरराष्ट्रीय संपर्क भाषा है।
5. बोलचाल की भाषा
बोलचाल की भाषा को हम एक बोली की तरह समझ सकते हैं। जब कई व्यक्तियों और बोलियों का लगातार या पारस्परिक संपर्क एक दूसरे के साथ होता है तब बोलचाल की भाषा का विस्तार होता है।
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आपस में मिलती जुलती बोली या उपभाषाओं का उपयोग करके जब बोल चाल होता है या विचार का आदान प्रदान किया जाता है तो इसे बोलचाल की भाषा कहते हैं।
6. मानक भाषा
किसी भी भाषा की स्थिर रूप को मानक भाषा कहा जाता है। हिन्दी, अंग्रेज़ी, फ्रेंच और संस्कृत इत्यादि मानक भाषाओं का ही उदाहरण है। मानक भाषा को सामाजिक प्रतिष्ठा का भी प्रतीक माना जाता है क्योंकि मानक भाषा का संबंध इसकी संरचना से न होकर सामाजिक स्वीकृति से होता है।