Kids story in Hindi – वसुंधरा और पक्षियों की दोस्ती
एक गांव में हीरालाल नामक किसान रहा करता था, उसकी एक पुत्री थी जिसका नाम वसुंधरा था। वसुंधरा को जीव जंतुओं और पक्षियों से बहुत प्यार था इसीलिए वसुंधरा ने अपने घर पर 2 पक्षियों को पाला हुआ था, और वसुंधरा की उन दोनों पक्षियों से बहुत अच्छी दोस्ती थी। वसुंधरा जिस विद्यालय में पढ़ रही थी उच्च विद्यालय के रास्ते में एक हरा-भरा उद्यान था वहां पर सैकड़ों की संख्या में पक्षी रहते थे, वह उन सभी के लिए दाना और पानी हर रोज लेकर जाती और उन सभी पक्षियों को भोजन कराती थी। सभी पक्षियों से उसकी बहुत गहरी दोस्ती थी।
ऐसा करते-करते कई साल बीत गए और वसुंधरा अब बड़ी हो चुकी थी। एक दिन सेठ किशोरी मल के बेटे अर्जुन ने वसुंधरा को देखा और वह उस पर मोहित हो गया। अर्जुन ने वसुंधरा के बारे में अपने घर पर बताया और सेठ किशोरी मल ने हीरालाल के घर आकर वसुंधरा से अर्जुन की शादी की बात की। हीरालाल किसान यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और उसने अपनी बेटी वसुंधरा की शादी अर्जुन के साथ करने के लिए हामी भरी।
वसुंधरा और अर्जुन की शादी बहुत धूमधाम से हुई। क्योंकि वसुंधरा पक्षियों से बहुत प्रेम करती थी इसलिए उसने जो दो पक्षी अपने घर पर पाले हुए थे वह उन्हें अपने साथ ससुराल लेकर आ गई। हर रोज की तरह वह इन पक्षियों को दाना पानी खिलाती और इनके साथ खेलती थी, लेकिन यह बात अर्जुन की मां को पसंद नहीं थी। अर्जुन की मां यानी वसुंधरा की सास ने इन पक्षियों को सताना शुरू कर दिया क्योंकि वह इन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थी।
1 दिन वसुंधरा ने देखा कि अर्जुन की माता उन पक्षियों को सता रही है और वसुंधरा ने उनके लिए जो दाना पानी रखा था वह भी नीचे गिरा दिया। यह देखकर वसुंधरा को बहुत दुख हुआ और उसने यह बात अपने घर अपने पिताजी को बताई। वसुंधरा के पिताजी हीरालाल ने वसुंधरा को उन पक्षियों को आजाद करने की सलाह दी और कहा की “बेटी तुम्हारी सास इन पक्षियों से प्यार नहीं करती है और उसे पक्षियों को घर में रखना पसंद नहीं है, इसीलिए इन पक्षियों की भलाई के लिए तुम इनको आजाद कर दो”।
वसुंधरा के ससुराल के पास एक तालाब था, और उस तालाब के पास बहुत सारे घने पेड़ थे। तालाब के पास पेड़ों पर बहुत सारे पक्षी रहते थे। वसुंधरा ने उन दोनों पक्षियों को तालाब के पास पेड़ों पर छोड़ दिया और वह दोनों पक्षी वहीं पर रहने लगे। अब वसुंधरा की दोस्ती तालाब के पास रहने वाले सभी पक्षियों से हो गई थी, वह हर रोज अपनी सास से छुपकर पक्षियों के लिए दाना पानी लेकर आती थी और उन्हें खिलाती थी।
वसुंधरा की सास ने उसे पक्षियों के लिए दाना पानी लेकर जाते हुए देख लिया और वसुंधरा को डांट लगाई, जिस पर अर्जुन ने भी अपनी मां का साथ दिया। अब वसुंधरा पक्षियों के लिए दाना पानी लेकर नहीं जा पाती थी और इस बात से वह बहुत अधिक दुखी थी।
कुछ ही दिन पश्चात वसुंधरा की सास और अर्जुन गांव से शहर में जा रहे थे और तालाब के पास एक सुनसान रास्ते पर चोरों ने उन दोनों को लूटने के लिए हमला कर दिया। तालाब पर रहने वाले सभी पक्षियों ने यह देखा तो पक्षियों ने उन चोरों पर हमला बोल दिया। यह देखकर वह चोर घबरा गए और वहां से भाग खड़े हुए।
वह दोनों घर पर वापस आए और वसुंधरा को देख कर रोने लगे। उन दोनों को एहसास हो चुका था और उन्होंने वसुंधरा के सामने अपनी गलती मानी। अब अर्जुन और उसकी मां का पक्षियों के प्रति प्रेम जाग गया था। वसुंधरा की सास ने सभी पक्षियों के लिए दाना पानी लेकर जाने की बात कही और पूरा परिवार पक्षियों के लिए दाना पानी लेकर तालाब के पास गया। वसुंधरा और सभी पक्षी बहुत खुश थे। अब वसुंधरा और उसकी सास हर रोज सुबह पक्षियों के लिए दाना पानी लेकर जाते थे और उनके साथ समय बिताते थे।
‘वसुंधरा और पक्षियों की दोस्ती’ कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें सभी के साथ मिलजुल कर रहना चाहिए और सभी के साथ दोस्ती वाला व्यवहार करना चाहिए। जीव-जंतु, पशु और पक्षी सभी हमारी दुनिया का हिस्सा है और उन सभी के साथ हमें प्यार से रहना चाहिए।
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