दोस्तों, म्यूचुअल फंड में निवेश पूरी दुनिया भर में किया जाता है। वर्तमान समय में यह निवेश का एक अच्छा साधन है। इस लेख में भारत में म्यूचुअल फंड का क्या भविष्य है और भारत में म्यूचुअल फंड को कैसे नियंत्रित किया जाता है की जानकारी दी गई है।
भारत में म्यूचुअल फंड
आज भी भारत में बहुत कम लोग ही यह जानते हैं कि म्यूचुअल फंड क्या है और किस प्रकार से इसमें निवेश किया जाता है। सभी देशों में अपनी एक अलग संस्था या बोर्ड होता है जो इसे संभालता है। भारत में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI, Security Exchange Board of India) और AMFI द्वारा म्यूचुअल फंड को विनियमित किया जाता है।
म्यूचुअल फंड को भारत में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Security and Exchange Board of India) और भारतीय म्यूचुअल फंड एसोसिएशन (AMFI) द्वारा विनियमित होता है। भारत में अनेक म्यूचुअल फंड हैं जब कोई भी म्यूचुअल फंड कोई स्कीम या योजना लेके आता है बाजार में निवेश के लिए तो SEBI को म्यूचुअल फंड कंपनी या योजना को लेके आने वाले Fund House द्वारा उस योजना से सम्बंधित सब जानकारी उपलब्ध करवानी पड़ती हैं।
‘स्कीम ऑफ ऑफर डॉक्यूमेंट’ नाम के दस्तावेज द्वारा उस योजना से जुड़ी जानकारी SEBI को दी जाती हैं। इस दस्तावेज में जोखिम कारक, निवेश उद्देश्य, योजना सम्बंधित शुल्कों इत्यादि की जानकारी दी जाती है। योजना को संचालित करने के लिए ऑडिट ट्रान्सफर एजेंट, कस्टोडियन, एडवाइजरी, एजेंट कमीशन और ट्रस्टी शुल्क इत्यादि खर्चे लगते हैं जिनकी पूर्ण जानकारी ऑफर डॉक्यूमेंट में दी जाती है।
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योजना में निवेश करने के लिए निवेश करने वाले को किस किस प्रकार के खर्चे करने पड़ेंगे उन सब खर्चों की जानकारी भी दी जाती है जैसे- एग्जिट लोड, एंट्री लोड, रेकरिंग व्यय और स्विचिंग व्यय इत्यादि। जिन योजनाओं में इस प्रकार के व्यय कम होंगे उस योजना में निवेशक के पास अधिक पैसा रहेगा और लाभ भी अधिक होगा।
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