हर्निया पेट से संबन्धित बीमारियों में से एक है, जो की सामान्य होती है। कुछ स्थितियों में यह बीमारी गंभीर रूप भी धरण कर सकती है। हर्निया के 5 प्रकार हैं – 1. हाइटल हर्निया 2. इंग्वाइनल हर्निया 3. अंबिलिकल हर्निया 4. वेंट्रल हर्निया 5. इंसिजनल हर्निया। इस लेख में आपको वेंट्रल हर्निया क्या होता है, इसके कारण, लक्षण और इलाज के विषय में संक्षिप्त में बताया गया है।
वेंट्रल हर्निया क्या है?
वेंट्रल हर्निया में नाभि के ऊपरी हिस्से में उभार आ जाता है। इसमें पेट की आँतें पेट की झिल्ली को पार करके पेट में उभर आती है। पेट की मांसपेशी का कमजोर होना या पुरानी ख़ासी इसका मुख्य कारण होती है। इसमें काफ़ी दर्द देता है, ऐसे तो इसका इलाज सम्भव है ओर सर्जरी से इसे ठीक किया जा सकता है, लेकिन अगर आपको ख़ासी है तो इससे निजात पाना काफ़ी मुश्किल है।
कारण
- उल्टी: अगर आपको ज़्यादा उल्टी होती है तो इसके होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
- खांसी: खांसी वेंट्रल हर्निया के मुख्य करणो में से एक है, जब हम खाँसते हैं तो पेट की आँतें हमारे पेट की मांसपेशियों पर दबाव डालती है, और अगर ऐसा लगातार होता है तो पेट की झिल्ली फ़ैट जाती है तो आँतें झिल्ली से बाहर आ जाती हैं।
- ज़्यादा वजन उठाना: जब हम लगातार वजन उठाते हैं तो पेट में दबाव बनता है, जिसके कारण पेट की जिली कमजोर पद जाती है। तो अगर आप भारी वजन उठाते हैं या पहले उठाते थे तो ये इसका कारण बन सकता है।
- गर्भ से होना: महिलाओं को गर्भ के समय पर वेंट्रल हर्निया का सामना करना पड़ सकता है।
- वजन का बढ़ना: वजन बढ़ने से पेट में हमेशा दबाव बना रहता है, जो इसे बढ़वा दे सकता है।
- उम्र का ज़्यादा होना: ज़्यादा उम्र में पेट की झिल्ली कमजोर पद जाती है, और थोड़ा बहुत दबाव आने पर भी आंते झिल्ली से बाहर आ सकती है, जो नाभि के ऊपरी हिस्से में हमें उभरी दिखाई देती है।
लक्षण
- पेशाब या माल त्याग करने पर नाभि के उबर उभार आना या दर्द होना।
- वजन उठाते समय पेट में उभार महसूस होना।
- खाँसते वक्त सूजन या उभार का होना।
- लम्बे समय तक खड़े होने पर पेट के ऊपरी हिस्से में उभार आना।
इलाज
- कभी भी भूख से ज़्यादा खाना ना खाए, क्योंकि ज़्यादा खाना खाने से पेट में दबाव बढ़ जाता है और ये वेंट्रल हर्निया का कारण बन सकता है।
- अगर आप ख़ासी से ग्रस्त हैं तो इसका इलाज करे, ज़्यादा ख़ासी से बार बार पेट पर दबाव बढ़ता है।
- कोशिश करें की आपको लगातार उल्टी ना आए, ज़्यादा उल्टी पेट की मांसपेशियों को कमजोर बना सकती हैं।
- शरीर का वजन बढ़ने से रोके।
- ज़्यादा भर ना उठाए।
अगर कोई व्यक्ति वेंट्रल हर्निया से ग्रस्त है तो इसका सर्जरी से इलाज सम्भव है। इसके लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।