इस लेख में हम जानेंगे कि “द्रव्यमान किसे कहते हैं?” और इसके साथ साथ द्रव्यमान का मात्रक, द्रव्यमान और भार में अंतर, हल्दीराम द्रव्यमान के नियम, द्रव्यमान की परिभाषा और द्रव्यमान का सूत्र इत्यादि के बारे में भी यहां पर जानने को मिलेगा।
द्रव्यमान किसे कहते हैं?
किसी भी वस्तु में मौजूद कुल पदार्थ की मात्रा को द्रव्यमान कहते हैं। वस्तु के ऊपर बाहरी बल लगने पर Dravyaman में कोई भी बदलाव नहीं होता है वह हमेशा अपरिवर्तनीय और स्थिर रहता है।
द्रव्यमान को अंग्रेज़ी में Mass कहते हैं।
द्रव्यमान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:
- द्रव्यमान किसी भी वस्तु में उसके द्रव्य का परिमाण होता है।
- वस्तु के स्थान इत्यादि बदलने पर द्रव्यमान में कोई भी बदलाव नहीं होता।
- द्रव्यमान कभी भी शून्य नहीं हो सकता है।
- द्रव्यमान को किलोग्राम, ग्राम और मिलीग्राम इत्यादि में मापा जाता है।
- द्रव्यमान का SI मात्रक किलोग्राम है।
- द्रव्यमान एक अदिश राशि है।
द्रव्यमान संरक्षण का नियम
द्रव्यमान संरक्षण नियम को अविनाशीता का नियम भी कहा जाता है। इस नियम के अनुसार एक प्रत्येक प्रणाली में द्रव्य-मान को ना तो नष्ट किया जा सकता है और ना ही बनाया जा सकता है। परंतु इसे एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित करना संभव है।
द्रव्यमान संरक्षण के नियम का सूत्र: ∂ρ/∂t + ∇ (ρv)=0
द्रव्यमान संरक्षण के उदाहरण
- लकड़ी जलने की प्रक्रिया: लकड़ी के जलने में दरभंगा के संरक्षण का नियम लागू होता है क्योंकि इसके जलने में ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य गैसों के साथ जलवाष्प और राख शामिल होती है।
- रासायनिक प्रक्रिया: पानी जिसका आणविक भार 10 है, इसका एक अणु प्राप्त करने के लिए 2 आणविक भार वाले हाइड्रोजन और 8 आणविक भार वाली ऑक्सीजन को मिलाया जाता है। इसमें द्रव्यमान का संरक्षण होता है।
द्रव्यमान संख्या किसे कहते हैं?
परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन मौजूद होते हैं। परमाणु के नाभिक में मौजूद इन न्यूट्रॉन और प्रोटॉन की संख्या के जोड़ को द्रव्यमान संख्या कहा जाता है। द्रव्यमान संख्या को A से दर्शाया जाता है और द्रव्यमान संख्या को न्यूक्लियन संख्या भी कहते हैं।
परमाणु संख्या क्या है?
सभी तत्वों में अलग-अलग परमाणु संख्या मौजूद होती है जिसको हम रसायन और भौतिक विज्ञान के तहत पढ़ते हुए समझते हैं। तत्वों में मौजूद अलग-अलग परमाणु संख्या उन्हें एक दूसरे से अलग बनाती है और किसी भी तत्व के नाभिक में मौजूद प्रोटोनों की संख्या के बराबर ही परमाणु संख्या होती है जिसे हम Z से दर्शाते हैं।
जिस परमाणु पर आवेश नहीं है उस में इलेक्ट्रॉनों की संख्या भी परमाणु संख्या के बराबर होती है। द्मीत्री मेन्देलीब़ एक रूसी रसायन शास्त्री थे जिन्होंने आवर्त सारणी में परमाणु भार को क्रम में व्यवस्थित किया था।
द्रव्यमान का सूत्र: M=gR2G
द्रव्यमान केंद्र किसे कहते हैं?
द्रव्यमान केंद्र (Mass Point) उस केंद्र को कहते हैं जिस केंद्र पर किसी वस्तु या निकाय का द्रव्यमान एकत्रित या निहित माना जा सके। जब कोई वस्तु या निकाय किसी बाहरी बल के अंतर्गत गतिमान होती है तो यह केंद्र बिंदु उसके साथ इस प्रकार से गतिमान होता है कि उस वस्तु या निकाय का समस्त द्रव्यमान एक बिंदु पर केंद्रित हो, और इस केंद्र बिंदु को ही Mass Point कहते हैं।
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इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन न्यूट्रॉन का द्रव्यमान
प्रोटॉन और न्यूट्रॉन का द्रव्यमान एक समान होता है जबकि इलेक्ट्रॉन सबसे हल्का कारण होता है जो परमाणु में मौजूद रहता है। इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के द्रव्यमान से 1839 गुना कम होता है।
- प्रोटॉन और न्यूट्रॉन का द्रव्यमान: 1.67493 × 10-27kg
- इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान: 9.1093837 × 10-31kg
द्रव्यमान और भार में अंतर
द्रव्यमान किसी भी वस्तु में कुल पदार्थ की मात्रा को कहा जाता है जबकि उस वस्तु या पदार्थ पर जब गुरुत्वाकर्षण बल लगता है तो वह बल उस पदार्थ या वस्तु का भार कहलाता है।
द्रव्यमान और भार में अंतर के संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:
- किसी भी पदार्थ या वस्तु का द्रव्यमान एक समान रहता है, जबकि उसका भार उसके स्थान और स्थिति पर निर्भर करता है।
- भार किसी भी वस्तु पर लगने वाला वह बाल होता है जो पृथ्वी के केंद्र की तरफ़ केंद्रित होता है, जबकि द्रव्यमान उस वस्तु के जड़त्व का माप है।
- द्रव्य-मान एक अदिश राशि है जबकि भार एक सदस्य राशि है।
- द्रव्य-मान कभी भी ज़ीरो नहीं होता, परंतु भार ज़ीरो हो सकता है।
- भार में परिमाण और दिशा निहित होती है, जबकि द्रव्य-मान में सिर्फ़ परिमाण निहित होता है।
- द्रव्यमान को मापने की इकाई किलोग्राम है जबकि भार को किलोग्राम और न्यूटन में मापा जाता है।
- स्थान के बदलने से द्रव्य-मान में कोई बदलाव नहीं होता जबकि भार स्थान के बदलने से अलग हो सकता है।