महात्मा गांधी ने भारत देश की आज़ादी में अपना योगदान दिया और अपने द्वारा चलाए गये आंदोलन से लोगों को एक जुट किया। वह अहिंसावादी थे और अहिंसा पर विश्वास रखते थे। उन्होंने अपने जीवन में कई सारी किताबें लिखी, जिनमें उन्होंने अपने विचार व्यक्त किए। कई विषयों पर उन्हें द्वारा लिखी गयी किताबें मौजूद हैं।
यहाँ पर महात्मा गांधी की पुस्तकों के नाम और उनसे सम्बंधित जानकरी आपको मिलेगी। महात्मा गांधी की पुस्तकों के नाम की लिस्ट में उन सभी पुस्तकों के बारे में भी बताया गया है।
महात्मा गांधी की पुस्तकों के नाम
1. हिंद स्वराज
हिंद स्वराज पुस्तक को 1909 में गांधी जी ने रचित किया था। हिंद स्वराज को गुजराती भाषा में लिखा गया था और इसमें लगभग तीस हज़ार शब्द हैं। यह पुस्तक गांधी जी ने पानी के जहाज़ में इंग्लैंड से दक्षिण अफ़्रीका की यात्रा में लिखा था।
इस किताब में उन्होंने आधुनिक़ सभ्यता, स्वराज, मशीनीकरण के साथ अन्य विषों के बारे में अपने विचार व्यक्त किए हैं। हिंद स्वराज पुस्तक को 1910 में ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया, क्योंकि इसमें गांधी जी ने स्वराज, प्रशासन, सभ्यता और सत्याग्रह के बारे में लिखा था।
किताब का नाम | हिंद स्वराज / Indian Home Rule |
लेखक | मोहन दास कर्मचंद गांधी |
कब लिखी गयी | 1909 |
संबंधित | स्वराज, प्रशासन, आधुनिक़ सभ्यता और सत्याग्रह |
ज़रूरी जानकारी: चार वेद किसने लिखे – वेदों की जानकारी सरल हिंदी भाषा में
2. दक्षिण अफ़्रीका में सत्याग्रह
दक्षिण आफ़्रिका में 8 सालों तक सत्याग्रह संघर्ष चला, जिसके सम्बंध में यह किताब लिखी गयी है। यह किताब 1928 में प्रकाशित हुई। ट्रांसवाल एशियाई अध्यादेश का विरोध गांधीजी ने सितंबर 1996 किया था और अपना सबसे पहला सत्याग्रह अभियान चलाया।
यह अध्यादेश दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतीयों के खिलाफ था जिसका गांधी जी ने विरोध किया इसके बाद जून 1960 में भी अंग्रेजों के खिलाफ गांधी जी ने सत्याग्रह किया था, और इसके ठीक 1 साल बाद 1960 में अहिंसक आंदोलन आयोजित करने पर गांधी जी को जेल में डाल दिया गया।
पुस्तक का नाम | दक्षिण अफ़्रीका में सत्याग्रह / Satyagrah in South Africa |
लेखक | महात्मा गांधी |
कब प्रकाशित हुई | 1928 |
विषय | दक्षिण अफ़्रीका में सत्याग्रह संघर्ष |
3. सत्य के प्रयोग अथवा आत्मकथा
द स्टोरी ऑफ माय एक्सपेरिमेंट विथ ट्रुथ किताब महात्मा गांधी द्वारा लिखी गई है। इस किताब में उन्होंने अपने बचपन से लेकर 1920 के दशक की शुरुआत तक के अपने जीवन के बारे में बताया है। उन्होंने विस्थापन कथा में अपने राजनीतिक और व्यक्तिगत अनुभव को इस महात्मा गांधी की आत्मकथा पुस्तक में व्यक्त किया है।
पुस्तक का नाम | सत्य के प्रयोग अथवा आत्मकथा / The Story Of My Experiments With Truth |
लेखक | महात्मा गांधी |
कब प्रकाशित हुई | 1929 |
विषय | महात्मा गांधीजी की आत्मकथा |
4. नैतिक धर्म
यह किताब नैतिकता के मूल्यों पर आधारित है और इसमें महात्मा गांधी ने नैतिक विचारों के साथ समाज में अच्छे मूल्य पैदा करने वाली अवधारणाओं और धर्म के रूप में नैतिकता को व्यक्त किया है। यह पुस्तक मोहनदास कर्मचंद गांधी ने लिखी थी जिसे 1931 में प्रकाशित किया गया।
पुस्तक का नाम | नैतिक धर्म / Ethische religie |
लेखक | महात्मा गांधी |
कब प्रकाशित हुई | 1931 |
विषय | नैतिकता |
5. मेरे सपनों का भारत
इस किताब में भारत की स्वतंत्रता के सपनों के बारे में विचार हैं। महात्मा गांधी ने ऐसे भारत की कल्पना की है, जो ब्रिटिश राज से मुक्त है और वहां पर गरीबी, है स्पर्श था और निरक्षरता जैसी बुराइयां मौजूद नहीं है। मेरे सपनों का भारत पुस्तक में भविष्य के भारत की कल्पना की है और इसमें देश के सारे नागरिक समान रूप से समृद्धि और सुख के साथ उनकी आजादी के विचार मिलते हैं।
पुस्तक का नाम | मेरे सपनों का भारत / India of my dreams |
लेखक | महात्मा गांधी |
कब प्रकाशित हुई | 1947 |
विषय | भारत की स्वतंत्रता और उसके भविष्य के बारे में विचार |
6. ग्राम स्वराज
ग्राम स्वराज पुस्तक में गांधी जी ने स्वदेशी उत्पादों के बारे में और विदेशी कारोबार के विरुद्ध अपने विचार व्यक्त किए हैं। इसमें औद्योगिकरण और मशीनों के उपयोग से लोगों की जॉब नौकरियां जा रही हैं उनका भी वर्णन है। इस पुस्तक में महात्मा गांधी के औद्योगिकरण से संबंधित उनके पुराने विचार मिलते हैं।
महात्मा गांधी के इन विचारों से कुछ लोग यह भी मानते हैं कि गांधीजी औद्योगिकरण के खिलाफ थे। लेकिन यह पूर्णता सत्य नहीं है क्योंकि वह मशीनीकरण के खिलाफ नहीं बल्कि मशीनों के कारण जो लाखों लोगों के नौकरियां जा रही थी वह उसके खिलाफ थे।
इस पुस्तक में उन्होंने इन से संबंधित अपने विचार रखे हैं और स्वदेशी वस्तुओं के उत्पादन और भारतीय संस्कृति को बढ़ाने के साथ भारत की आत्मनिर्भरता के बारे में अपना दृष्टिकोण रखा है।
पुस्तक का नाम | ग्राम स्वराज / Village Swaraj |
लेखक | महात्मा गांधी |
कब प्रकाशित हुई | |
विषय | भारत की स्वतंत्रता और उसके भविष्य के बारे में विचार |
7. स्वयं पर विजय
स्वयं पर विजय पुस्तक 1943 में प्रकाशित हुई, इस महीने गांधी जी ने स्वयं पर विजय पाने के बारे में अपने विचार व्यक्त किए हैं।
पुस्तक का नाम | स्वयं पर विजय / Conquest of self |
लेखक | महात्मा गांधी |
कब प्रकाशित हुई | 1943 |
विषय | भारत की स्वतंत्रता और उसके भविष्य के बारे में विचार |
अन्य महात्मा गांधी की पुस्तकों के नाम
- स्वास्थ्य की कुंजी
- नैतिक धर्म
- शिक्षा पर मेरे विचार
- गांधी के अनुसार गीता
- शाकाहार के नैतिक आधार
- गांधी के शब्द
- चरित्र और राष्ट्र निर्माण
- मेरा धर्म
- पंचायत राज
- हिंदू धर्म का सार
- गीता का संदेश
- कानून और वकील
- गांधी की उम्मीद
- सत्य भगवान है
यह कुछ और अन्य महात्मा गांधी की पुस्तकों के नाम है। इन सभी पुस्तकों को महात्मा गांधी द्वारा लिखा गया और समय-समय पर इनके नए एडिशन भी प्रकाशित हुए हैं। महात्मा गांधी न केवल एक अच्छे राजनेता थे बल्कि वह बहुत अच्छे लेखक भी थे। इन्होंने अपने जीवन में बहुत सारी किताबें लिखी है और अपने विचारों को अपने किताबों और लेखन द्वारा व्यक्त किया है।
इन्होंने सबसे पहले हिंद स्वराज पुस्तक वर्ष 1919 में लिखी थी जिसके बाद उन्होंने अलग-अलग किताबों द्वारा अपने विचारों को अलग-अलग विषयों के लिए व्यक्त किया है।