Service charge law in India: आपने यह अक्सर देखा होगा कि जब भी हम किसी होटल या रेस्टोरेंट में खाना खाते हैं तो होटल नियर रेस्टोरेंट वाले मनमानी करके हमसे सर्विस चार्ज (Service Charge) वसूलते हैं। भारत में भी अन्य देशों की तरह यह सर्विस चार्ज वसूला जाता था लेकिन अब कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने Service Charge वसूलने से मना किया है।
सर्विस चार्ज के बारे में सरकार का यह कहना है कि यह गैरकानूनी है, जबकि रेस्टोरेंट मालिक इस बात से इनकार करते हैं। इस पोस्ट में हम Service Charge के बारे में सभी जानकारियां साझा करेंगे, जिससे आप यह आसानी से समझ पाएंगे कि आखिर सर्विस चार्ज क्या होता है, रेस्टोरेंट्स क्यों इसे लेते हैं, क्या हमें यह देना चाहिए इत्यादि।
सर्विस चार्ज क्या है? – Service charge law in India
सर्विस चार्ज रेस्टोरेंट्स और होटल द्वारा लगाए जाने वाला ऐसा चार्ज है जो खाने के बिल के साथ जोड़ दिया जाता है। यह Service Charge जीएसटी से अलग होता है, होटल में अंदर बने रेस्टोरेंट में 18 फ़ीसदी जीएसटी लिया जाता है जबकि बाकी जगह यह 5 फ़ीसदी होता है।
जीएसटी चार्ज के बाद होटल और रेस्टोरेंट मालिक बिल में Service Charge को भी जोड़ देते हैं जो वैकल्पिक होता है, यह Service Charge कुल बिल का 5 फीसद से लेकर 15 फीसद तक हो सकता है। लेकिन कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ऑफ इंडिया ने सर्विस चार्ज वसूलने पर रोक लगा दी है।
क्या सर्विस चार्ज गैरकानूनी है?
भारत में अभी तक कोई भी ऐसा कानून नहीं है जिससे Service Charge को गैरकानूनी ठहरा सकें, इसीलिए रेस्टोरेंट्स और होटल अपने ग्राहकों से सर्विस चार्ज वसूलते हैं।
वैसे तो सर्विस चार्ज देना वैकल्पिक है, यदि ग्राहक Service Charge देना चाहे तो वह दे सकता है अन्यथा वह मना भी कर सकता है। लेकिन बहुत सारे रेस्टोरेंट और होटल अपनी मनमर्जी से सर्विस चार्ज जोड़ देते हैं जिस वजह से कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने Service Charge वसूलने के लिए मना किया है।
सर्विस चार्ज का रेस्टोरेंट और होटल क्या करते हैं?
सर्विस चार्ज जो ग्राहक से वसूला जाता है उसे होटल या रेस्टोरेंट में काम करने वाले व्यक्तियों के बीच में बांट दिया जाता है। इस Service Charge को होटल और रेस्टोरेंट के स्टाफ में या तो बराबर बराबर हिस्सों में बांट दिया जाता है अन्यथा इस रकम को वरिष्ठ था और अनुभव के अनुसार स्टाफ में बांटा जाता है।
कई होटल और रेस्टोरेंट के मालिक ग्राहकों से यह सर्विस चार्ज वसूलते हैं लेकिन अपने स्टाफ के साथ इस Service Charge को बाटा नहीं जाता, लेकिन अक्सर अच्छे और बड़े होटलों में ऐसा नहीं होता।
सर्विस चार्ज को लेकर जारी किए गए दिशा निर्देश
CCPA ने एक आदेश जारी किया है और जिसमें कहा गया है कि कोई भी रेस्टोरेंट अपने ग्राहक को सेवाएं देने के।नाम पर सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकता और सीसीपीए ने इस तरह Service Charge वसूलने को अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज कहा है।
CCPA स्पष्ट रूप से कहा गया कि होटल और रेस्टोरेंट में जो भी खाने की कीमत होती है उसमें खाने और सर्विस की कीमत पहले से ही शामिल होती है, तथा कोई भी रेस्टोरेंट्स या होटल अलग से सर्विस चार्ज नहीं लगा सकता।
इसके खिलाफ नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया और फेडरेशन ऑफ़ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने हाईकोर्ट में इस दिशा निर्देश के खिलाफ शिकायत दर्ज की और इस फैसले को चुनौती दी है। कोई भी रेस्टोरेंट्स और होटल 5 से 10% Service Charge लेते हैं, जिसे हटाने के लिए उपभोक्ता कह सकता है और यदि कोई होटल या रेस्टोरेंट जबरदस्ती सर्विस चार्ज वसूलता है तो वह इसकी शिकायत कर सकता है।
CCPA की फुल फ़ॉर्म : Central consumer protection authority
सर्विस चार्ज और सर्विस टैक्स में अंतर
सर्विस चार्ज और सर्विस टैक्स अलग-अलग होते हैं जिसमें सर्विस टैक्स एक ऐसा टैक्स है जो सर्विस प्रोवाइडर द्वारा उपभोक्ता से लिया जाता है और बाद में सर्विस प्रोवाइडर इसे सरकार को भुगतान करता है। जबकि Service Charge सर्विस टैक्स से अलग होता है, सर्विस चार्ज देना उपभोक्ता के लिए अनिवार्य नहीं है।
सर्विस चार्ज को सर्विस प्रोवाइडर द्वारा बिल में जोड़ा जाता है, जिससे देने से उपभोक्ता इनकार भी कर सकता है। क्योंकि Service Charge देना या ना देना यह उपभोक्ता की मर्जी पर निर्भर है।
जबरदस्ती सर्विस चार्ज लेने पर शिकायत कैसे करें?
कोई भी रेस्टोरेंट्स या होटल आपसे सर्विस चार्ज जबरदस्ती करके नहीं ले सकता, वैसे तो कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने Service Charge लगाने पर मना किया है लेकिन यदि कोई रेस्टोरेंट या होटल आपसे Service Charge जबरदस्ती वसूलता है तो आप 1915 पर कॉल करके इसकी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
यदि आप अपनी मर्जी से सर्विस चार्ज देना चाहते हैं तो आप दे सकते हैं लेकिन इसके लिए कोई भी होटल या रेस्टोरेंट आपको बाध्य नहीं कर सकता।
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