लोक सभा के नाम से ही झलक रहा है कि यह एक प्रकार की लोगों की सभा होती है। इस लेख में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 79 में वर्णित लोक सभा के विषय में जानकारी दी गई है। सामान्य शब्दों में लोक सभा का अर्थ समझ में आता है की लोगों की सभा। लेकिन यहाँ बात की जाएगी भारतीय संसद के निचले सदन की, जिसको ”लोक सभा” के नाम से जाना जाता है। यह एक जनप्रतिनिधियों की सभा है, जिनको भारत की जनता द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव के माध्यम से सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर चुना जाता है। इस लेख में लोक सभा की संक्षिप्त जानकारी दी गई हैं।
लोक सभा क्या है
भारतीय संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है। भारतीय संसद द्विसदनीय निकाय है, जिसमें उच्च सदन ”राज्य सभा” है और निचला सदन ”लोक सभा” हैं। यह प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा वयस्क मताधिकार के आधार पर जनता द्वारा चुने गए गए प्रतिनिधियों की सभा है। इसका गठन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 79 में वर्णित किया गया है। इसके सदस्यों का निर्धारित कार्यकाल होता। इसमें सदस्यों की संख्या पूर्वनिर्धारित है। यह एक संवैधानिक निकाय है। लोक सभा को इंग्लिश में हाउस ऑफ द पीपुल (House of The People) भी कहते हैं। इसके सदस्य लोगों द्वारा व्यस्क्त मताधिकार द्वारा चुने जाते हैं इसलिए इसको हम ”लोकप्रिय चेम्बर” भी कहते हैं।
गठन
इसका गठन 25 अक्तूबर 1951 से लेकर 21 फरवरी 1952 तक चले आम चुनाव के पश्चात 17 अप्रैल 1952 को हुआ था। पहले आम चुनावों के पश्चात जो जनता की चुने हुए प्रतिनिधि थे वो इस सभा के सदस्य बने और उनसे ही पहली बार इस सभा का गठन हुआ। इस सभा का पहला सत्रह 13 मई 1952 को शुरू हुआ था।
लोक सभा सदस्यों की योग्यता
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 87 के अंतर्गत इसके सदस्य बनने के लिए उम्मीदवार में निम्नलिखित योग्यताएँ होनी चाहिए;-
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- उम्मीदवार की उम्र कम से कम 25 वर्ष होनी चाहिए।
- वह भारत का नागरिक होना चाहिए।
- उसको भारत के किसी भी संसदीय क्षेत्र का मतदाता अवश्य होना चाहिए।
- वह अस्वस्थ मानसिक स्थिति में नहीं होना चाहिए।
- उम्मीदवार को केंद्र सरकार में कोई भी लाभप्रद पद संभाला नहीं होना चाहिए।
- उम्मीदवार को अमुक्त दिवालिया नहीं होना चाहिए।
कार्यकाल
लोक सभा का कार्यकाल 5 वर्ष पूर्वनिर्धारित होता है। चुनाव के बाद इस सभा के गठन होने के अगले 5 वर्षों तक इस सभा के सदस्य बने रहते हैं, 5 वर्ष पूरे होने के उपरांत स्वतः ही यह सभा भंग हो जाती है। लेकिन राष्ट्रपति के द्वारा इस सभा को इसके निर्धारित कार्यकाल से पहले भी विघटित किया जा सकता है। इसके अलावा अगर इस सभा के 5 वर्ष पूर्ण होने पर भंग होने से पहले अगर अनुच्छेद 352 के अंतर्गत अगर आपातकाल की घोषणा हो जाती है तो इसके कार्यकाल को आगे भी बढ़ाया जा सकता है, इसके लिए संसद में सामान्य अधिनियम पारित करके इसके कार्यकाल को बढ़ाया जाता है। किसी भी स्थिति में इसके कार्यकाल को एक बार में एक साल से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता है और आपातकाल खत्म होने के बाद अगले 6 महीने से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता है।
शक्तियाँ
- इसके सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में हिस्सा लेते हैं।
- यह सभा भारत के राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चला सकती है।
- यह अपने उपाध्यक्ष और अध्यक्ष को चुनती है।
- इस सभा की स्वीकृति के बाद ही किसी विधेयक को विधि बनाया जाता है।
- भारत के संचित निधि या आकस्मिकता निधि खाते में पैसे जमा करना या निकालना।
- धन विधेयक को केवल इसी सभा में पेश किया जा सकता है।
- संचित निधि पर किसी व्यय को भारित व्यय घोषित करना और ऐसे व्यय को इस सभा द्वारा बढ़ाया जा सकता है।
- किसी प्रकार के कर में परिवर्तन करना और उसके विनियमन कार्य।
- भारत सरकार द्वारा प्रतिभूतियों को देने या धन उधार लेने के विनियमन के कार्य।
पदाधिकारी
लोक सभा में तीन मुख्य पदाधिकारी होते हैं – कार्यवाहक अध्यक्ष/ स्पीकर, अध्यक्ष/ स्पीकर, उपाध्यक्ष। लोक सभा की सदस्यता खत्म होते ही अपने आप ही उस सदस्य के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद भी खत्म हो जाता है। लोक सभा सदस्यों द्वारा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को लोक सभा में बहुमत से पास हुए प्रस्ताव द्वारा पदच्युत भी किया जा सकता है।
कार्यवाहक अध्यक्ष/ स्पीकर:- आम लोक सभा चुनाव होने के पश्चात राष्ट्रपति सबसे वरिष्ठ लोकसभा सदस्य को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त करता है। इसको हम इंग्लिश में प्रोटेम स्पीकर (Protem Speaker) भी कहते हैं। इसका मुख्य कार्य होता है लोक सभा सदस्यों को सपथ दिलाना और अध्यक्ष/ स्पीकर का चुनाव करना।
अध्यक्ष/ स्पीकर:- लोक सभा सदस्य अपने में से किसी एक सदस्य को इसके अध्यक्ष के रूप में चुनते हैं। इसका मुख्य कार्य होता है – अध्यक्षता करना, लोक सभा की गरिमा, प्रतिष्ठा और अनुशासन बनाए रखना (परंतु इन कार्यों के लिए अध्यक्ष को किसी न्यायालय में उत्तरदायी नहीं ठहराया जाता है), वह लोक सभा से संबन्धित सचिवाल्य का प्रशासनिक अध्यक्ष की भूमिका के रूप में भी कार्य करता है जिसके लिए उसको न्यायालय में उत्तरदायी ठहराया जा सकता है।
उपाध्यक्ष:- लोक सभा के सदस्य अध्यक्ष के साथ साथ उपाध्यक्ष का चुनाव भी करते हैं। इसका मुख्य कार्य अध्यक्ष इसके संचालन के कार्यों में सहायता करना है। वर्तमान में लोक सभा उपाध्यक्ष का पद रिक्त है।
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लोक सभा के अध्यक्षों की सूची:-
क्रम संख्या | अध्यक्ष का नाम | कार्यकाल | क्रम संख्या | अध्यक्ष का नाम | कार्यकाल |
1 | गणेश वसुदेव मावलंकर | 15.05.1952 – 27.02.1956 | 10 | रवि राय | 19.12.1989 – 09.07.1991 |
2 | अनंत श्यनम अयंगार | 08.03.1956 – 16.04.1962 | 11 | शिवराज पाटिल | 10.07.1991 – 22.05.1996 |
3 | हुकुम सिंह | 17.04.1962 – 16.03.1967 | 12 | पी. ए. संगमा | 25.05.1996 – 23.03.1998 |
4 | नीलम संजीव रेड्डी | 17.03.1967 – 19.07.1969 | 13 | जी. एम. सी. बालयोगी | 24.03.1998 – 03.03.2002 |
5 | जी. एस. ढिल्लों | 08.08.1969 – 01.12.1975 | 14 | मनोहर जोशी | 10.05.2002 – 02.06.2004 |
6 | बलि राम भगत | 15.01.1976 – 25.03.1977 | 15 | सोमनाथ चटर्जी | 04.06.2004 – 30.05.2009 |
7 | नीलम संजीव रेड्डी | 26.03.1977 – 13.07.1977 | 16 | मीरा कुमार | 04.06.2009 – 04.06.2014 |
8 | के एस हेगड़े | 21.07.1977 – 21.01.1980 | 17 | सुमित्रा महाजन | 06.06.2014 – 17.06.2019 |
9 | बलराम जाखड़ | 22.01.1980 – 18.12.1989 | 18 | ओम बिरला | 19.06.2019 से अब तक |
सदस्यों की संख्या
इस सभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 550 है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 81 के अंतर्गत प्रावधान के अनुसार लोक सभा में 530 सदस्य राज्यों के प्रतिनिधित्व करेंगे हैं और 20 केंद्र शासित प्रदेशों का और अनुच्छेद 331 के प्रावधानों के अनुसार राष्ट्रपति अगर यह माने की आंग्ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व कर्ताओं की संख्या अपर्याप्त है तो 2 सदस्य लोक सभा के लिए राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं। अगर संसद के अधिनियम राज्य के पुनर्गठन के कारण राज्य के प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्यों की संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है। वर्तमान में लोक सभा के सदस्यों की संख्या 543 है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सदस्यों की संख्या निम्नलिखित है:-
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क्रम संख्या | राज्य/ केंद्र शशित प्रदेश का नाम | लोक सभा सदस्यों की संख्या | क्रम संख्या | राज्य/ केंद्र शशित प्रदेश का नाम | लोक सभा सदस्यों की संख्या | क्रम संख्या | राज्य/ केंद्र शशित प्रदेश का नाम | लोक सभा सदस्यों की संख्या |
1 | उत्तर प्रदेश | 80 | 14 | तेलंगाना | 17 | 27 | मेघालय | 2 |
2 | बिहार | 40 | 15 | असम | 14 | 28 | सिक्किम | 1 |
3 | मध्य प्रदेश | 29 | 16 | पंजाब | 13 | 29 | दिल्ली | 7 |
4 | पश्चिम बंगाल | 42 | 17 | छतीसगढ़ | 11 | 30 | जम्मू और कश्मीर | 5 |
5 | आंध्र प्रदेश | 25 | 18 | झारखंड | 14 | 31 | अंडमान और निकोबार | 1 |
6 | महाराष्ट्र | 48 | 19 | उत्तराखंड | 5 | 32 | पौण्डिचेरी | 1 |
7 | तमिल नाडु | 39 | 20 | अरुणाचल प्रदेश | 2 | 33 | लक्षद्वीप | 1 |
8 | कर्नाटक | 28 | 21 | त्रिपुरा | 2 | 34 | चंडीगढ़ | 1 |
9 | राजस्थान | 25 | 22 | हिमाचल प्रदेश | 4 | 35 | दादर और नागर हवेली, दमन व दीव | 2 |
10 | गुजरात | 26 | 23 | मणिपुर | 2 | 36 | लद्दाख | 1 |
11 | हरियाणा | 10 | 24 | मिजोरम | 1 | |||
12 | केरल | 20 | 25 | नागालेंड | 1 | |||
13 | उड़ीसा | 21 | 26 | गोआ | 2 |
लोक सभा चुनाव
यह चुनाव हर 5 वर्ष के बाद होते हैं। इसके सदस्य सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार द्वारा जनता द्वारा चुने जाते हैं, जो लोक सभा में अपने – अपने निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। चुनाव होने के अगले 5 वर्ष तक यह लोक सभा के सदस्य बने रहते हैं अर्थात हर 5 वर्ष बाद चुनाव होते हैं। इसके अलावा अगर राष्ट्रपति 5 वर्ष से पहले ही केंद्रीय मंत्री परिषद की राय पर सदन को भंग कर देते हैं तो यह चुनाव 5 वर्ष से पहले भी हो सकते हैं और यदि आपात काल की स्थिति हो तो 5 वर्ष की अवधि को आगे भी बढ़ाया भी जा सकता है। अभी 18वीं लोक सभा चुनाव 2024 में होने वाले हैं।
लोक सभा चुनावों की सूची:-
क्रम संख्या | लोक सभा चुनाव का वर्ष | विजयी पार्टी |
पहली लोक सभा | 1952 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
दूसरी | 1957 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
तीसरी | 1962 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
चौथी | 1967 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
5वीं | 1971 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
6वीं | 1977 | जनता पार्टी |
7वीं | 1980 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
8वीं | 1984-85 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
9वीं | 1989 | समाजवादी पार्टी |
10वीं | 1991 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
11वीं | 1996 | जनता दल |
12वीं | 1998 | भारतीय जनता पार्टी |
13वीं | 1999 | भारतीय जनता पार्टी |
14वीं | 2004 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
15वीं | 2009 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
16वीं | 2014 | भारतीय जनता पार्टी |
17वीं | 2019 | भारतीय जनता पार्टी |
18वीं | 2024 | चुनाव होने बाकी हैं |
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