हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्र संतुलित होनी चाहिए। कोलेस्ट्रॉल की मात्र हमारे शरीर में कम होने या ज्यादा बढ्ने से हमारे शरीर को नुकसान होता है। इस लेख में हम आपको कोलेस्ट्रॉल के कम होने से होने वाले नुकसान के विषय में जानकारी देंगे।
कोलेस्ट्रॉल कम होने के नुकसान
वैसे तो कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होना अच्छा समझा जाता है, लेकिन अगर यह मात्रा बहुत कम हो जाती है तो इससे हमें कुछ बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके स्तर को बढ़ने से रोकने के साथ-साथ, हमें इसको इसके आदर्श स्तर पर बनाये रखने की कोशिश भी करनी चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को इसके आदर्श स्तर से ज्यादा कम नहीं होने देना चाहिए। अगर यह मात्रा ज्यादा कम हो जाती है तो हमें केंसर, उम्र कम होना अर्थात् जल्दी मरने की सम्भावना बढ़ना, मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। नीचे कोलेस्ट्रॉल कम होने के नुकसान और लक्षण दिए गए हैं।
- केंसर: हमारे शरीर में वैसे तो LDL ज्यादा होना हानिकारक होता है। लेकिन LDL हमारे शरीर में केंसर होने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अगर ज्यादा कम हो जाती है तो केंसर होने की संभावना बढ़ जाती है और इससे लड़ने के लिए हमारे शरीर की क्षमता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- उम्र कम होना: एक अध्ययन में पता चला है कि अगर हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा कम है तो इससे हमारी उम्र कम हो जाती है।
- मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव: कोलेस्ट्रॉल हमारे मस्तिष्क की याद रखने की क्षमता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी मात्रा अगर ज्यादा कम हो जाती है तो हमारी याद्दास्त पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अक्सर देखा गया है की कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाली दवाइयों को मस्तिष्क की क्षमता कम करने वाली दवाइयां भी कहा जाता है।
- हिंसक प्रवृति: कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होने से देखा गया है की गुस्सा ज्यादा आने लग जाता है। अधिक गुस्सा आने से व्यवहार हिंसक प्रवृति का हो जाता है। इसके निम्न स्तर गुस्से को बढ़ावा देने में बहुत अहम् भूमिका अदा करता है।
- संक्रमण का सामना करने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव: कोलेस्ट्रॉल की मात्रा का निम्न स्तर पर होने से हमारे शरीर की संक्रमण से लड़ने की जो क्षमता होती है, उसको यह कम कर देता है। इससे संक्रमण का हमारे शरीर में फैलने की सम्भावनाएँ बढ़ जाती हैं। इसे कम करने वाली दवाओं से हमारे शरीर की संक्रमण से लड़ने वाली शक्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- मितली आना: अच्छे कोलेस्ट्रोल का होना हमारे शरीर में जरूरी है। इसकी कमी होने पर शरीर में कमजोरी महसूस होती है और मितली आना इसका एक आम लक्षण है।
- सांस लेने में परेशानी: इसकी कमी होने के कारण सांस लेने में परेशानी हो सकती है, यदि किसी व्यक्ति की उम्र ज्यादा है तो यह समस्या और अधिक बढ़ सकती है।
- साँस फूलना: आमतौर पर चलने में सांस फूलना और ज्यादा मेहनत का काम न कर पाना भी इसकी कमी को दर्शाता है।
- बाहों और जबड़ों में दर्द: अक्सर जबड़े और बाहों में दर्द रहता है, और शरीर में बेचैनी बनी रहती है।
- अत्याधिक पसीना: अनावश्यक शरीर से पसीना आना इसके लक्षणों में से एक है।
- ज़्यादा रक्तचाप: इसके बढ़ने या घटने से रक्तचाप की समस्या पैदा होती है, और उच्च रक्तचाप कम कोलेस्ट्रोल के लक्षण में से एक है।
- पैरों में दर्द: कोलेस्ट्रॉल के कम होने से पैरों में दर्द रहता है।
- खून गाढ़ा होना: कोलेस्ट्रॉल की सामान्य दर से कम होने पर खून का गाढ़ा होना आम है।
यदि इस तरह के लक्षण शरीर में दिखाई देते हैं तो कोलेस्ट्रॉल की जाँच करवानी चाहिए ताकि शरीर को कोलेस्ट्रॉल कम होने के नुकसान से बचाया जा सके।
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