रविवार, सितम्बर 24, 2023

ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है? परिभाषा, गैसों के नाम, लाभ व दुष्परिणाम

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ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण ही पृथ्वी पर जीवन की इतनी विविधता संभव हो पाई है। और अगर हमेशा कहते हैं तो यह गलत नहीं है क्योंकि ग्रीन हाउस प्रभाव से ही ऋतु का बदलना और जीवन योग्य तापमान का पृथ्वी पर बने रहना संभव हो पाया है। ग्रीन हाउस प्रभाव को अंग्रेजी में greenhouse effect कहते हैं।

इस लेख में हम जानेंगे green house effect in hindi और आपके कई सवालों के जवाब यहां पर मिलेंगे जैसे – ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है?, ग्रीन हाउस क्या है, ग्रीन हाउस गैस कौन सी है, ग्रीन हाउस परिभाषा इत्यादि। इसके साथ हम इसके लाभ और ग्रीन हाउस प्रभाव के दुष्परिणाम और ग्रीन हाउस प्रभाव को कम करने के उपाय के बारे में भी चर्चा करेंगे।

ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है?

Green House effect in Hindi, ग्रीन हाउस प्रभाव
Green House effect in Hindi, ग्रीन हाउस प्रभाव

ग्रीन हाउस प्रभाव एक प्राकृतिक घटना है जो पृथ्वी को गर्म बनाए रखने में मदद करती है। जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पहुंचता है तो सूर्य के प्रकाश में मौजूद पैरा बैंगनी किरणे ओजोन लेयर के कारण अंतरिक्ष में ही रह जाती हैं, परंतु प्रकाश का जो भाग पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करता है उन्हें वातावरण में मौजूद ग्रीन हाउस गैसों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है।

पृथ्वी पर पहुंचने वाले प्रकाश को पृथ्वी की सतह, पेड़ पौधे, ग्रीन हाउस गैसें, इत्यादि अवशोषित करते हैं और कुछ भाग पृथ्वी से परावर्तित होकर वापस चला जाता है। परंतु जो भाग ग्रीन हाउस गैस, पेड़ पौधों व पृथ्वी की सतह द्वारा अवशोषित होता है उसी कारण ही हमारी पृथ्वी गरम रहती है। इस सारी घटना को ग्रीन हाउस प्रभाव कहते हैं।

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यदि पृथ्वी पर ग्रीन हाउस प्रभाव प्रक्रिया नहीं होती तो हमारी पृथ्वी का तापमान बहुत कम होता और जीवन की विविधता का पृथ्वी पर होना संभव ना हो पाता। कम तापमान के कारण सभी प्रकार के जीव जंतु यहां पर नहीं रह पाते और जिस तरह की पृथ्वी को आज हम जानते हैं जिस पर हजारों लाखों तरह के जीव जंतु और पेड़ पौधे मौजूद हैं, ग्रीन हाउस प्रभाव के बिना संभव नहीं था।

पढ़ें: प्राकृतिक आपदा क्या है? इसके कारण और प्रकार

ग्रीन हाउस प्रभाव का चित्र

ग्रीन हाउस प्रभाव का चित्र, green house photo in hindi
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Green House effect in Hindi
A loose necktie, CC BY-SA 4.0, via Wikimedia Commons

ग्रीन हाउस गैस कौन सी है?

  • जल वाष्प: हमारी पृथ्वी पर पानी (H2O) तीनों ही रूप में मौजूद है जो बर्फ, द्रव और वाष्प के रूप में है। जल वाष्प वातावरण में मौजूद होता है और सूर्य से आने वाली किरणों को जलवाष्प सबसे अधिक मात्रा में अवशोषित करता है।
  • कार्बन डाइऑक्साइड: कार्बन डाइऑक्साइड का कार्बनिक नाम CO2 है।
  • मेथेन गैस: मीथेन गैस का कार्बनिक नाम CH4 है।
  • नाइट्रस ऑक्साइड: नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) भी वातावरण में मौजूद रहती है जो सूर्य की किरणों को अवशोषित कर ग्रीन हाउस प्रभाव को बढ़ाती है।
  • ओजोन: ओजोन (O3) न केवल पराबैंगनी किरणों को रोकती है बल्कि सूर्य की किरणों को सूचित कर ग्रीन हाउस प्रभाव को बढ़ाती है।
  • क्लोरोफ्लोरोकार्बन: CFCs क्लोरोफ्लोरोकार्बन के कारण ग्रीन हाउस इफेक्ट बढ़ता है।

ग्रीन हाउस प्रभाव के लाभ

  • ग्रीन हाउस इफेक्ट के कारण हमारी पृथ्वी का तापमान सही स्तर पर रहता है जो जीवन के लिए जरूरी है।
  • ग्रीन हाउस इफेक्ट में सूर्य के प्रकाश को अवशोषित कर लिया जाता है क्योंकि सूर्य की किरणों में पैरा बैंगनी गिरने जैसे काफी हानिकारक होती हैं जो हमारे लिए और हमारे स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। इन किरणों को अवशोषित कर यह प्रभाव हमारे लिए जीवन को और अधिक सुगम बनाता है।
  • इसी प्रभाव के कारण पृथ्वी पर ऋतु में बदलाव संभव है।
  • यह प्रभाव पृथ्वी के तापमान को नियंत्रण में रखता है और इसे अत्याधिक कम नहीं होने देता।
  • ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण पेड़ पौधों और वनस्पतियों में विविधता फलती फूलती है।

ग्रीन हाउस प्रभाव के दुष्परिणाम

  • मानव जीवन में आधुनिकता के कारण ग्रीन हाउस गैसें लगातार बढ़ रही हैं जिनसे पृथ्वी का तापमान और अधिक बढ़ रहा है जिससे कई प्रकार के दुष्परिणाम देखे जा रहे हैं और भविष्य में और अधिक बढ़ेंगे।
  • ग्रीन हाउस इफेक्ट के कारण तापमान बढ़ता है और यदि यह एक स्तर से अधिक बढ़ता है तो वर्षा का कम होना और रेगिस्तान जैसे इलाकों में बाढ़ का आना जैसी समस्याएं और अधिक बढ़ेगी।
  • वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों के बढ़ने से यह प्रभाव और अधिक होता है जिससे ग्लोबल वॉर्मिंग जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती है।
  • ग्लेशियर की बर्फ का पिघलना इस प्रभाव की अधिकता के कारण ज्यादा तेजी से बढ़ता है।
  • आज के समय में समुद्र का जलस्तर उसके कारण काफी तेजी से बढ़ रहा है जिससे रहने योग्य भूमि की कमी और पीने योग्य पानी की कमी जैसी समस्याएँ बढ़ रही हैं।

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ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण

वैसे तो ग्रीन हाउस प्रभाव एक प्राकृतिक प्रक्रिया है परंतु मानव नहीं इस प्रक्रिया को पिछले कुछ सालों में बहुत अधिक तेजी से बढ़ा दिया है जिसके अलग-अलग कारण है।

  • पेड़ों का कटना: पेड़ों के कटने से पृथ्वी के जीवन में बहुत अस्थिरता आ गई है। पेड़ों की कमी के कारण ऑक्सीजन बनने में कमी आई है और जो CO2 जैसी केशव को पेड़ अवशोषित करते थे उन पेड़ों के ना होने के कारण वातावरण में CO2 की मात्रा बहुत तेजी से बढ़ी है। और यह इस प्रभाव को और अधिक बढ़ाता है।
  • औद्योगीकरण: हमने हर शहर और जगह पर उद्योगों को लगाया है। उद्योगों के लगने से हमारे आधुनिक जीवन की जरूरत है तो पूरी हुई है परंतु इनसे निकलने वाली हानिकारक गैसों ने Green House Effect को बढ़ाया है। क्योंकि औद्योगिकीकरण से ग्रीन हाउस गैसों में वृद्धि हुई है जिस कारण यह प्रभाव और अधिक तेजी से होता है।
  • नगरीकरण: साल दर साल हमारे नगर बढ़ते जा रहे हैं जिससे प्राकृतिक जमीन घट रही है। और यह भी इसका एक बहुत बड़ा कारण है।
  • वाहन: धीरे-धीरे मानव यह समझ रहा है कि वाहनों से निकलने वाला धुआं हमारे सेहत के साथ-साथ हमारी पृथ्वी के लिए कितना हानिकारक है। इसीलिए वाहनों को कम हानिकारक बनाने की कोशिश जारी है जिसके उत्तर में हम बिजली से चलने वाली और जीवाश्म ईंधन से चलने वाली गाड़ियों को बढ़ावा दे रहे हैं। परंतु आज के समय में भी वाहनों से डीजल और पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों की संख्या बहुत अधिक है जो इस प्रभाव का एक मुख्य कारण है।

ग्रीन हाउस प्रभाव को कम करने के उपाय

ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण ही ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। और इसी कारण समुद्रों के जलस्तर का बढ़ना, ग्लेशियरों का कम होना लगातार जारी है। इसे कम करने के बहुत सारे उपाय हैं यदि इन हो पाए उनको हम अपनाते हैं, तो इस प्रकार की समस्याओं से बचा जा सकता है।

  • बिना प्रदूषण वाले वाहन
  • उद्योगों को ग्रीन एनर्जी द्वारा चलाना
  • अधिक से अधिक पेड़ लगाना
  • उद्योगों से निकलने वाले हानिकारक गैसों का निपटारा
  • ग्रीन हाउस गैसों को उत्सर्जित करने वाली वस्तु जैसे टेलीविजन, एयर कंडीशनर फॉर रेफ्रिजरेटर का उपयोग करना
  • प्राकृतिक स्रोतों से बिजली बनाना

यह कुछ ऐसे महत्वपूर्ण उपाय हैं जिनसे हम ग्रीन हाउस प्रभाव को कम कर सकते हैं और जो मानवीय कारण हैं उन्हें अधिक से अधिक कम करने का प्रयास कर सकते हैं। Green House Effect एक प्राकृतिक प्रक्रिया है परंतु हमने ग्रीन हाउस गैसों को बढ़ाया है, और ग्रीन हाउस प्रभाव को सीमित स्तर पर रखने के लिए जरूरी प्राकृतिक स्त्रोतों को कम किया है। जिस कारण हमें इससे संबंधित समस्याओं को झेलना पड़ रहा है और इसके बहुत गहरे परिणाम हमें भविष्य में देखने को मिलेंगे।

यदि हम अपनी पृथ्वी को और अधिक सुरक्षित और अपने भविष्य में आने वाली इन समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो हमें इन उपायों को लागू करना होगा।

Rashvinder
Rashvinder
मैं Rashvinder Narwal टेक्निकल फील्ड में एक्सपर्ट हूं और कंटेंट राइटिंग के साथ-साथ SEO में भी एक्सपर्टीज रखता हूं। मैं हमेशा जनरल नॉलेज और ज्ञानवर्धक टॉपिक्स के साथ ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर भी रिसर्च करता रहता हूं और उससे संबंधित लेख इस वेबसाइट पर पब्लिश करता हूं। मेरा मकसद हिंदी डाटा वेबसाइट पर सही जानकारी को लोगों तक पहुंचाना है।
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