शनिवार, सितम्बर 23, 2023

ग्लेशियर किसे कहते हैं? – Siachen Glacier की जानकारी

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दोस्तों अक्सर हम लोगों को ग्लेशियर और ग्लेशियर के बारे में बातें करते हुए सुनते हैं। जब बात कहीं पर प्राकृतिक आपदा की आती है या फिर किसी ऊंचाई वाले जगह या पहाड़ों की होती है तो वहां पर ग्लेशियर का जिक्र जरूर होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ग्लेशियर किसे कहते हैं? और ग्लेशियर का निर्माण कैसे होता है यदि नहीं तो आप यहां पर ग्लेशियर के बारे में सभी जानकारी ले सकते हैं।

ग्लेशियर से हमारा जीवन जुड़ा हुआ है और यदि आप कहें कि ग्लेशियर अगर समाप्त होते हैं तो हमारा जीवन भी समाप्ति की ओर जाएगा तो यह गलत नहीं होगा। क्योंकि पृथ्वी पर मौजूद मीठे पानी के सबसे बड़े स्त्रोत हैं।

ग्लेशियर किसे कहते हैं?

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Glacier

पृथ्वी की सतह पर मौजूद वह सघन बर्फ जो अपने भर की वजह से पर्वतों की चोटियों से नीचे की तरफ गतिमान होती है, उसे ग्लेशियर कहते हैं। “ग्लेशियर किसे कहते हैं?” सवाल से सम्बंधित सभी जानकारी आपको यहाँ मिलेंगी, जैसे – ग्लेशियर किसे कहते हैं?, ग्लेशियर कैसे बनते हैं?, सियाचिन ग्लेशियर की जानकारी इत्यादि।

ग्लेशियर को हिंदी में हिमनद या हिमानी कहा जाता है और इसको अंग्रेजी में Glacier लिखते हैं। हिमनद की बर्फ बहुत सघन होती है और नदियों का निर्माण भी हिमनद से होता है।

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ग्लेशियर का निर्माण कैसे होता है?

ग्लेशियर का निर्माण पहाड़ों पर पड़ने वाली बर्फ से होता है। साल दर साल पहाड़ों पर बर्फ़बारी होती है, जिससे यह बर्फ पहाड़ों पर जैम जाती है। कुछ बर्फ गर्मी के कारण पिंघल कर नदी के रूप में बहती है, और बची हुई बर्फ हर साल इक्कठा होती रहती है। इस प्रकार से साल दर साल बर्फ जमा होती रही और नीचे मौजूद बर्फ पर दबाव बढ़ता जाता है, जिससे नीचे मौजूद बर्फ और सघन होती जाती है। इस प्रकार से ग्लेशियर का निर्माण होता है।

पृथ्वी का 90% से भी अधिक बर्फ उत्तरी और दक्षिण ध्रुव पर मौजूद है, परन्तु ऊँचे पहाडों पर भी बहुत सारे हिमनद पाए जाते हैं जिनसे नदियों का निर्माण होता है। यह हिमनद पहाड़ों से नीचे लगातार खिसकते रहते हैं, और नीचे मौजूद बर्फ पिघलने पर पानी बनता है।

हिमनद ही पृथ्वी पर मौजूद सबसे बड़े मीठे पानी के स्त्रोत हैं और इन्हें पृथ्वी की सतह पर पाए जाने वाला मीठे पानी का सबसे बड़ा भंडार माना जाता है।

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ग्लेशियर कैसे टूटता है?

ग्लेशियर टूटने के अलग-अलग कारण हैं। क्योंकि हिमनद पहाड़ों की ऊंचाइयों पर मौजूद होता है इसीलिए वह पहाड़ों की ढलान से धीरे-धीरे नीचे की तरफ नहीं सकता रहता है। नीचे की तरफ मौजूद बर्फ पिघलती है और पानी का रूप धारण कर बहती है। इस प्रकार से हिमनद धीरे धीरे पिघलता है।

परंतु आज के समय में हिमनद बहुत तेजी से पिघल रहे हैं और टूट रहे हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण ग्लोबल वार्मिंग है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण पृथ्वी के वातावरण का तापमान तेजी से बढ़ा है जिससे पर्वतों पर मौजूद ग्लेशियर और अधिक तेजी से टूट रहे हैं।

हमारी पृथ्वी का 90% से भी अधिक बर्फ उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण इस पर भी बहुत बुरा असर पड़ रहा है जिस कारण यह बहुत तेजी से टूट रहे हैं और समुद्र का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है। तेजी से टूटते हुए ग्लेशियर के कारण समुद्र का जल स्तर तो काफी तेजी से बढ़ ही रहा है इसके साथ इन क्षेत्रों में रहने वाले जीव जंतुओं पर भी काफी बुरा असर पड़ता है।

ग्लोबल वार्मिंग ने बहुत सारी समस्याएं हमारे सामने लाकर खड़ी कर दी हैं जिन से छुटकारा पाना काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि इसके कारण बहुत सारी प्राकृतिक आपदा का जन्म होता है।

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भारत में ग्लेशियर कितने और कौन-कौन से हैं?

हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के लद्दाख इलाके में भारत के ग्लेशियर पाए जाते हैं। मुख्य भारत के हिमनद की लिस्ट नीचे दी गई है।

अरुणाचल प्रदेश के ग्लेशियर

  • कांगटो हिमनद
  • बिचोम हिमनद
  • माज़गोल हिमनद

हिमाचल प्रदेश के ग्लेशियर

  • बारा शीघ्री हिमनद
  • Beas Kund Glacier
  • Bhadal
  • Chandra Glacier
  • Chandra Nahan
  • BCB Glacier
  • Dhaka Glacier
  • Chhota Shigri Glacier
  • North Dakka
  • Gora Glacier
  • Miyar Glacier
  • The lady of keylong
  • Mukkila Glacier
  • Parvathi and Dudhon
  • Perad Glacier
  • Sonapani Glacier
  • Gor Gorang Glacier
  • Gara Glacier
  • Shaune Gorang
  • Nagpo Tokpo

जम्मू एंड कश्मीर के ग्लेशियर

  • सियाचिन ग्लेशियर
  • हरी पर्वत ग्लेशियर
  • Chong Kmdan Glacier
  • Drang-Drung Glacier
  • Kazi N
  • Machoi Glacier
  • Nun Kun
  • Nubra Glacier
  • Parkachik Glacier
  • Shafat Glacier
  • Rimo Glacier
  • Shirwali Glacier
  • Tayseer Glacier

उत्तराखंड के ग्लेशियर

  • Bagini Glacier
  • Bhagirathi Kharak
  • Arwa Glacier
  • Bandrapunch
  • Changabang Glacier
  • Chaturangi Glacier
  • Chorabari Glacier
  • Dakshini Rishi Glacier
    Dokriani Glacier
  • Ghanohim Bamak
    Jaundhar Glacier
  • Dakshini Nanda Devi Glacier
  • Gangotri Glacier
  • Kedar Bamak Glacier
  • Kirti Bamak
  • Kafni Glacier
  • Kalabaland Glacier
  • Lawan Glacier
  • Maiandi Bamak
  • Mana Glacier
  • Panpatia Glacier
  • Paschimi Kamet Glacier
  • Pindari Glacier
  • Purbi Kamet Glacier
  • Raikana Glacier
  • Raktavarn Glacier
  • Meola Glacier
  • Meru Bamak
  • Milam Glacier
  • Namik Glacier
  • Panchchuli Glacier
  • Ralam Glacier
  • Ramani Glacier
  • Satopanth Glacier
  • Seeta Glacier
  • Shalang Glacier
  • Sona Glacier
  • Thelu Glacier
  • Tipra Bamak
  • Trisul Glacier
  • Uttari Nanda Devi Glacier
  • Uttari Rishi Glacier
  • Vasuki Glacier
  • Suralaya Glacier
  • Sunderdhunga Glacier
  • Swachhand Glacier
  • Swetvarn Glacier

सियाचिन ग्लेशियर

सियाचिन ग्लेशियर हिमालय के पूर्वी क्षेत्र में काराकोरम पर्वत श्रृंखला में भारत-पाक नियंत्रण रेखा के पास मौजूद है। यह काराकोरम पर्वत श्रृंखला के 5 बड़े हिमनदों में से सबसे बड़ा है और विश्व में यह दूसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर है। विश्व का सबसे बड़ा ग्लेशियर फ़ेदचेन्को ग्लेशियर है जो तजाकिस्तान में मौजूद है।

सियाचिन हिमनद की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 5753 मीटर है। यह क्षेत्र जम्मू एंड कश्मीर में आता है परंतु जम्मू कश्मीर और लद्दाख के अलग केंद्र शासित प्रदेश बनने के पश्चात यह अब लद्दाख के लेह जिले में मौजूद है।

Rashvinder
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मैं Rashvinder Narwal टेक्निकल फील्ड में एक्सपर्ट हूं और कंटेंट राइटिंग के साथ-साथ SEO में भी एक्सपर्टीज रखता हूं। मैं हमेशा जनरल नॉलेज और ज्ञानवर्धक टॉपिक्स के साथ ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर भी रिसर्च करता रहता हूं और उससे संबंधित लेख इस वेबसाइट पर पब्लिश करता हूं। मेरा मकसद हिंदी डाटा वेबसाइट पर सही जानकारी को लोगों तक पहुंचाना है।
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