हिचकी को कुछ लोग आध्यात्मिक दृष्टि से शुभ और अशुभ से जोड़कर देखते हैं। परंतु क्या आपने सोचा है कि हिचकी क्यों आती है?, हिचकी आने के क्या कारण है? यहां पर हम विज्ञान की दृष्टि से हिचकी आने के कारण को समझेंगे और जानेंगे की हिचकी आना किस बात का संकेत देती है।
हिचकी क्यों आती है?
हिचकी आने के दो कारण होते हैं एक शारीरिक और दूसरा मानसिक कारण होता है। शारीरिक कारणों में यह समस्या डायाफ्राम गम के कारण होती है और तांत्रिक में आई दिक्कत मानसिक कारण होता है। अक्सर जल्दी-जल्दी खाना खाने से या बहुत ज्यादा खाने से हमें हिचकी आनी शुरू हो जाती है। हिचकी आने के और भी कारण है जैसे कार्बोनेटेड ड्रिंक पीना या अधिक मात्रा में शराब का सेवन आदि।
हमारे पेट और फेफड़ों के बीच में एक गुंबद के आकार की मांसपेशी मौजूद होती है जिसे हम डायाफ्राम कहते हैं। जब हम सांस लेते हैं तो यह डायाफ्राम नीचे की तरफ खींचता है, और सांस छोड़ने पर दोबारा से अपनी आराम वाली स्थिति में आ जाता है। परंतु किसी कारण से यदि डायाफ्राम सही से कम नहीं कर पता तो हिचकी आती है।
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कार्बोनेटेड ड्रिंक या अल्कोहल के ज्यादा सेवन से भी डायाफ्राम, नर्वस या उत्साहित हो जाता है जिस कारण डायाफ्राम की मांसपेशियों में ऐंठन होने लगती है। मांसपेशियों में ऐंठन होने के कारण गले में हवा अचानक रुक जाती है और इस अचानक आई रुकावट के कारण “हिच” की आवाज आती है। इस आवाज को हिचकी कहते हैं।
हिचकी आने के कारण
- अधिक मात्रा में कार्बोनेटेड ड्रिंक जैसे सोडा, कोल्ड ड्रिंक इत्यादि का सेवन करने से हिचकी आ सकती है।
- अधिक मात्रा में अल्कोहल का सेवन करने से डायाफ्राम की मांसपेशियों में ऐंठन होने लगती है और हिचकी आने का कारण बनती है।
- अधिक मात्रा में खाना खाने से डायग्राम की मांसपेशियों में खिंचाव होता है और वह अपना काम ठीक तरह से नहीं कर पाता और हिचकी आती है।
- जब हम किसी बात को लेकर एकदम से उत्साहित हो जाते हैं तो उससे भी डायाफ्राम की मांसपेशियां खींच सकती हैं और हिचकी का कारण बन सकती हैं।
- यदि आप किसी बात को लेकर गहन सोच कर रहे हैं तो उसे मस्तिष्क की तंत्रिकाओं में बदलाव होता है। इसके कारण मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है और यदि डायाफ्राम में ऐंठन होती है, तो वह हिचकी का कारण बनता है।
- तापमान में अचानक से परिवर्तन होने पर भी हिचकी आना स्वाभाविक है। और तापमान का बदलना हिचकी आने के कारण में से एक है।
हिचकी आने के फायदे
- यदि आपको थोड़े समय के लिए हिचकी आती है तो यह आपके लिए फायदेमंद है, क्योंकि हिचकी आने से डायाफ्राम की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
- हिचकी आना आपके पेट में ज्यादा खाने या अन्य बीमारियों का संकेत देता है जिससे आप पहले से ही उसके बारे में पता लगा सकते हैं।
- दिन में दो से चार हिचकी आना अच्छी सेहत का संकेत होता है।
हिचकी के नुकसान
वैसे तो हिचकी आना एक आम बात है, और आप यह भी समझ चुके हैं की हिचकी क्यों आती है, परंतु हिचकी यदि लंबे समय तक आ रही है तो कुछ हिचकी के नुकसान का सामना भी आपको करना पड़ सकता है।
- हिचकी के नुकसान में एक सबसे बड़ा नुस्कसान यह है कि लंबे समय तक हिचकी रहने से नर्व डैमेज हो सकती हैं, डायाफ्राम की इन नसों के डैमेज होने से आपको अन्य समस्याओं से भी जूझना पड़ सकता है।
- सेंट्रल नर्वस सिस्टम में संक्रमण हो सकता है और यह ट्यूमर को भी जन्म दे सकता है। परंतु यह है तब होता है जब आपको हिचकी लंबे समय तक रहती हो।
- आपके शरीर का मेटाबॉलिक डिसऑर्डर बिगड़ा है और यह अन्य बीमारियों को भी बढ़ा सकता है।
- डायाफ्राम की मांसपेशियां डैमेज हो सकती है, जिस कारण आपको दर्द का सामना भी करना पड़ सकता है।
हिचकी को रोकने के उपाय
- एक पेपर बैग में फूंक मार कर उसी से सांस लेने से हिचकी रुक जाती है क्योंकि ऐसा करने से कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा ज्यादा बढ़ती है और डायाफ्राम को इससे आराम मिलता है। यह सबसे उपयोगी हिचकी को रोकने के उपाय में से एक है।
- यदि अल्कोहल की मात्रा ज्यादा लेने से डायाफ्राम नर्वस होता है तो नींबू पानी या साधारण पानी पीने से डायाफ्राम को आराम मिलता है और हिचकी आनी बंद हो जाती है।
- कुछ समय तक सांस रोकने से भी डायाफ्राम को आराम मिलता है और वह अपने सामान्य कार्य को करना शुरू कर देता है और हिचकी रुक जाती है।
- जीभ को बाहर निकाल कर सांस लेने से हिचकी रुक जाती है।
- नाक बंद करके पानी पीने से हिचकी रूकती है।
- यदि किसी व्यक्ति को हिचकी आ रही है तो उसे अचानक से किसी बात पर चुका देना, उसकी हिचकी को रोक देता है। यह जल्दी से हिचकी को रोकने के उपाय में से एक है।
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