इंसान की जिज्ञासा कभी खत्म नहीं होती और ब्रह्मांड रहस्यों से भरा हुआ है। यह जिज्ञासा उस समय ज्यादा बढ़ जाती है जब हमारे सामने बहुत सारे रहस्य हों और हमारे पास उनकी कोई जानकारी ना हो। इसलिए मंगल ग्रह के विषय में जानने के लिए भी हमने कई सारे उड़ान अभियान ब्रह्मांड में भेजे जिससे की मंगल ग्रह से संबंधित रहस्यों से पर्दा उठाया जा सके। इस लेख में मंगल ग्रह पर भेजे गए उड़ान अभियान के विषय में जानने को मिलेगा।
मंगल ग्रह पर मानव अभियान
मंगल ग्रह पर आज तक मानव ने कदम नहीं रखा है, परंतु मानव द्वारा भेजे गए उपग्रह मंगल ग्रह तक पहुंचे हैं। मानव द्वारा भेजे गए इन अभियानों की मदद से मानव मंगल ग्रह पर रोवर उतारने में सफल रहा है, जिसकी मदद से मंगल ग्रह की सतह और वहां के खनिज पदार्थ और वातावरण से संबंधित जानकारियां प्राप्त हुई है। मंगल पर मानव द्वारा भेजे गए अभियान की जानकारी नीचे दी गयी है।
- मंगल ग्रह पर पहुँचने वाला प्रथम देश सोवियत संघ/ रूस है। अब तक मंगल ग्रह पर 8 देशों द्वारा 59 मिशन भेजे गए हैं। संख्या के आधार पर मंगल पर भेजे गए मिशनों की सूचि में सबसे पहले अमेरिका का नाम आता है उसके बाद सोवियत संघ/ रूस और यूरोपियन यूनियन आता है।
- अमेरिका ने अब तक 29 मिशन भेजे हैं। सोवियत संघ/ रूस ने 22 और यूरोपियन यूनियन ने 4 मिशन भेजे हैं। जापान, भारत, चीन और युएई इन चारों देशों ने एक एक मिशन भेजे हैं। इन 59 मिशनों में 23 मिशन तो असफल हो गए हैं और 31 सफल तथा 3 आंशिक असफल हुए हैं।
- इन 59 मिशनों में एक मिशन अमेरिका द्वारा भेजा गया है जो अभी मंगल ग्रह के पथ पर ही है जिसके 18 फ़रवरी तक मंगल की कक्षा में पहुँचने का अनुमान है। आज के समय में केवल 9 मिशन ही कार्यरत हैं। फिलहाल मंगल पर कार्य कर रहे लेंडर की संख्या 13 है, लेकिन रोवर सिर्फ एक ही है जो मंगल की सतह पर अभी काम कर रहा है।
- यह कार्यरत रोवर अमेरिका द्वारा भेजा गया था। यह 2012 से अब तक कार्य कर रहा है। दुनिया में अपनी धाक ज़माने की सोच से सोवियत संघ ने सबसे पहले लेंडर भेजा था लेकिन वो असफल हो गया था। लेंडर भेजने से पहले वह फ्लाईबाय मिशन भेज रहा था जिसको मंगल के पास से होकर गुजरना होता है।
- 19 मई, 1971 को सोवियत संघ पहली सफलता मिली मंगल की कक्षा में चक्कर लगाने वाले ऑर्बिटर मिशन के रूप में। 28 मई, 1971 को सोवियत संघ ने एक रोवर भी भेजा लेकिन वो असफल रहा लेकिन रोवर के साथ भेजा गया लेंडर सफल हो गया और उस लेंडर ने सफलता का झंडा गाड़ दिया।
- उसके बाद अमेरिका को सफलता हासिल हुई 30 मई, 1971 को एक ऑर्बिटर के रूप में। अमेरिका इस होड़ में सोवियत संघ से पिछड़ गया। अमेरिका को 20 अगस्त, 1975 को अपने लेंडर उतारने की सफलता हासिल हुई।
नोट: भविष्य में भेजे जाने वाले अभियानों को इस जानकारी में जोड़ा जाएगा।
मंगल ग्रह पर मानव अभियान के लिए भारत की स्पेस एजेन्सी कार्यरत है, और भारत ने अपना सबसे पहले मंगल ग्रह पर मिशन 5 नवंबर 2013 को भेजा था। भारत द्वारा भेजे गए मंगल ग्रह के इस मिशन का नाम मंगल कक्षित्र मिशन है। जब यह उपग्रह मंगल की कक्षा में स्थापित हुआ तो भारत विश्व का चौथा ऐसा देश बन गया जिसने मंगल ग्रह पर मानव अभियान की तरफ एक सफल कदम बढ़ाया है।
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हम मंगल ग्रह पर मानव अभियान भेजने के लिए कार्यरत है और आने वाले कुछ ही समय में मानव मंगल पर मानव अभियान को सफल बन पाएगा, जिसमें मनुष्य सबसे पहले मंगल पर कदम रखने में सफल होगा।
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