शनिवार, सितम्बर 23, 2023

शुगर और डायबिटीज में क्या अंतर है? – सरल हिंदी भाषा में

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अक्सर हमने लोगों को शुगर और डायबिटीज के बारे में बात करते हुए देखा है। बहुत सारे लोग इस असमंजस में रहते हैं कि क्या शुगर और डायबिटीज एक ही बीमारी है, अगर नहीं तो शुगर और डायबिटीज में क्या अंतर है।

सबसे पहले इस बात को हम जान लेते हैं कि शुगर और डायबिटीज अलग नहीं है, यह दोनों एक ही बीमारी के नाम है। शुगर की बीमारी को ही डायबिटीज बोला जाता है।

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शुगर और डायबिटीज में क्या अंतर है?

हमें उम्मीद है कि आपको आपके सवाल का जवाब मिल गया होगा परंतु यदि आप डायबिटीज के बारे में अधिक विस्तार से जानना चाहते हैं तो आप इस लेख को जरूर पढ़ें। इस लेख में हमने डायबिटीज के तीन प्रकार के बारे में बताया है। ऐसा नहीं है कि डायबिटीज अपने आप ही हो जाती है परंतु इसके कुछ कारण भी होते हैं। इन सभी जानकारियों को आप इस लेख में पढ़ सकते हैं।

डायबिटीज क्या है?

हमारे शरीर में इंसुलिन मौजूद होता है जो खून तक ग्लूकोस को पहुंचाता है। यदि यह इंसुलिन हमारे शरीर में बनना बंद हो जाए या कम मात्रा में इसका निर्माण हो तो खून तक ग्लूकोज नहीं पहुंच पाता और इसी बीमारी को डायबिटीज या शुगर होना कहते हैं। इसके साथ हमारा शरीर इंसुलिन की मात्रा को अधिक बनाने लगता है तो भी इससे शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है और शुगर की बीमारी होती है।

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शुगर बीमारी के प्रकार

  • टाइप 1 डायबिटीज: टाइप 1 डायबिटीज में हमारे शरीर में इंसुलिन का निर्माण बहुत अधिक कम हो जाता है जिससे खून तक ग्लूकोज नहीं पहुंचता और शुगर बढ़ जाती है। टाइप 1 डायबिटीज बहुत ही खतरनाक होती है और इसके लक्षण कुछ ही समय में दिखाई देने शुरू हो जाते हैं। इसका इलाज के लिए इंसुलिन के इंजेक्शन या फिर इन्सुलिन पंप द्वारा इंसुलिन शरीर में डाली जाती है। जिससे बढ़ती हुई शुगर को कंट्रोल किया जाता है।
  • टाइप 2 डायबिटीज: टाइप 2 डायबिटीज में इंसुलिन का निर्माण होता है परंतु हमारा शरीर इसे उपयोग नहीं कर पाता, इसी कारण खून तक ग्लूकोस नहीं पहुंचता और शुगर की समस्या होती है। इस प्रकार की डायबिटीज के लक्षण अधिक समय के बाद दिखाई देते हैं और यह 40 वर्ष से अधिक के उम्र के बाद अक्सर इसके होने की संभावना रहती है। टाइप 2 डायबिटीज कम खतरनाक होती है और 90% से भी अधिक मामले टाइप 2 डायबिटीज  के ही होते हैं।
  • जेस्टेशनल डायबिटीज: इस प्रकार की डायबिटीज गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में देखी जाती है। इस दौरान महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिससे महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मधुमेह यानी शुगर का सामना करना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं में ज्यादा पेशाब आना, भूखा रहना, ज्यादा प्यास लगना और धुंधला दिखाई देने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। व्यायाम करके और स्वस्थ आहार लेकर इस प्रकार के डायबिटीज पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

डायबिटीज के मुख्य कारण

  • डायबिटीज का मुख्य कारण इंसुलिन की कमी या इंसुलिन का ना बनना होता है। जब हमारा शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है तो हमारे शरीर में शुगर लेवल बढ़ जाता है जिससे शुगर की बीमारी होती है। एक्सरसाइज करके और स्वस्थ भोजन करके इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
  • जेनेटिक कारणों से भी डायबिटीज हो सकती है। यदि आपके माता-पिता को डायबिटीज है तो आपको बढ़ जाती है।
  • हार्मोन में बदलाव के समय डायबिटीज की समस्या देखने को मिलती है। जैसा कि हमें सभी को पता है कि हार्मोन का एक मुख्य रोल हमारे शरीर में होता है। यदि हार्मोन में बदलाव देखा जाता है तो इससे डायबिटीज जैसी बीमारी हो सकती है।
  • ज्यादा मीठा खाने से हमारे शरीर में शक्कर की मात्रा का स्तर अधिक हो जाता है। जिससे डायबिटीज की बीमारी का खतरा बढ़ता है।
  • नशा करने से हमारे शरीर में अलग-अलग प्रकार के बदलाव होते हैं। इन बदलाव के कारण कई सारी बीमारियां पनपती हैं जिनमें से शुगर की बीमारी भी एक है।

डायबिटीज के लक्षण

  • बार-बार पेशाब आना
  • भूख का बढ़ना और बार-बार खाने का मन करना
  • शरीर का भार अचानक से बढ़ना या कम हो जाना
  • आंखों में धुंधलापन
  • बार-बार प्यास लगना
  • चोट लगने पर घाव अधिक समय में भरना

यह से डायबिटीज की बीमारी के लक्षण है। जिनसे आप इन संकेतों को पहचान सकते हैं और डॉक्टर द्वारा इसकी जांच करवा कर सुनिश्चित कर सकते हैं।

निष्कर्ष

“शुगर और डायबिटीज में क्या अंतर है?” लेख में हमने यह जाना कि शुगर और डायबिटीज एक ही बीमारी के नाम है और इसके साथ-साथ हमने इससे संबंधित अन्य जानकारियां भी यहां से प्राप्त की हैं। मेरी आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे दूसरों के साथ जरूर साझा करें। ताकि वह भी इस प्रकार की ज्ञानवर्धक जानकारी को पा सकें।


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Neha
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मैं नेहा, ज्ञानवर्धक विषयों में हमेशा रिसर्च करती रहती हूं, जिनके बारे में मुझे लिखना और लोगों तक वह जानकारी पहुंचाना पसंद है। हिंदी डाटा वेबसाइट के माध्यम से मैं अपनी रिसर्च और उन विषयों के बारे में लिखती हूं, और आप लोगों तक वह जानकारी पहुंच पाती है। मेरी हमेशा कोशिश रहती है कि किसी भी टॉपिक पर लिखने से पहले अलग-अलग प्लेटफार्म से उनके बारे में साक्ष्य जुटाए जाए, ताकि आपको सही जानकारी मिल पाए।
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