शनिवार, सितम्बर 23, 2023

बिजली का आविष्कार किसने किया?

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आज के समय हमारे घरों में लगे हुए उपकरण और यहां तक की जिसकी मदद से आप पढ़ रहे हैं उस डिवाइस के लिए भी बिजली की आवश्यकता होती है। आपने कभी ना कभी तो यह सोचा होगा कि आखिर बिजली क्या है, बिजली का आविष्कार किसने किया और इसका इतिहास कितना पुराना है।

इन सभी तरह के सवालों का जवाब आपको यहां पर मिलेगा और हमने विस्तार से बिजली के बारे में बताया है।

बिजली का आविष्कार

बिजली क्या है? – What is Electricity in hindi

बिजली क्या है यह जानने के लिए हमें परमाणु और परमाणु के अति सूक्ष्म कणों के विषय में समझना पड़ेगा। आसान शब्दों में कहें तो विश्व के सभी पदार्थों के जैसे ही बिजली भी अति सूक्ष्म कणों से ही बनी होती है। परमाणु जिन सूक्ष्म कणों से मिलकर बना होता है उन्हें न्यूट्रॉन, प्रोटोन और इलेक्ट्रॉन कहते हैं।

परमाणु का नाभिक न्यूट्रॉन और प्रोटोन से बनता है और इलेक्ट्रॉन परमाणु के नाभिक के चारों और निश्चित कक्षाओं में घूमते हैं। न्यूट्रॉन और प्रोटोन तो नाभिक के अंदर ही रहते हैं लेकिन इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों और चक्कर लगाते हैं और जब इन इलेक्ट्रॉन को तीव्र गति से धकेला जाता है तो यह चलकर दूसरे परमाणु में भी पहुँच जाते हैं।

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यही क्रिया बिजली की उत्पत्ति में भी होती है। बिजली किसी पदार्थ के माध्यम से दौड़ने वाले इलेक्ट्रॉन का ही परिणाम होती है। असल में इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्मक आवेश होता है और इसकी गतिशीलता की वजह से विद्युत धारा अथवा बिजली का जन्म होता है। यही बिजली हमारे घरों, दफ्तरों और फैक्ट्रियों आदि में पहुँचती है, जिससे हम बिजली से चलने वाले उपकरण इस्तेमाल कर पाते हैं।

बिजली का इतिहास – History of Electricity in hindi

आज से लगभग 600 साल पहले थेल्स नामक एक महान यूनानी दार्शनिक और भौतिक वैज्ञानिक ने बिजली की खोज की। उसने हमको बताया की किस तरह एम्बर (चिड़ के पेड़ का सड़ा हुआ गोंद या फिर रस) को कपड़े पर रगड़ते हैं तो इससे कैसे पंखों, सूखे पत्तों इत्यादि को आकर्षित किया जा सकता है।

ग्रीक में एम्बर को इलेक्ट्रॉन कहते हैं, इसलिए उन्होने इसको विद्युत कहा और आगे चलकर यही शब्द बिजली के लिए इस्तेमाल होने लगा। उसके पश्चात बेंजामिन फ्रेंकलिन नामक वैज्ञानिक ने एक परीक्षण द्वारा बिजली को उत्पन्न करने की खोज की और उन्होने बताया की आकाश में चमकने वाली बिजली का ही दूसरे रूप यह बिजली होती है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे।

उनके पश्चात एक गिला बेटरी का निर्माण करके फ्रांस के जॉर्ज लेकलांशे नामक वैज्ञानिक ने बिजली उत्पन्न की। उन्होने कार्बन और जस्ता का छड़ बनाया और उसको अमोनियम क्लोराइड के घोल में डुबोकर बिजली का निर्माण कर के लोगों को दिखाया। उसके पश्चात सन्न 1800 में एलेसांड्रो वोल्टा ने विद्युत धारा प्राप्त करने के लिए पहली विद्युत सेल बनाई।

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सन्न 1831 में हमें एक क्रांतिकारी सिद्धांत के विषय में पता चला, यह सिद्धांत था माइकल फेराडे का। उन्होने बताया की कैसे एक तांबे के तार की कुंडली के अंदर एक चुंबक को आगे पीछे करेंगे तो बिजली पैदा होगी। इसी सिद्धांत के आधार पर बिजली उत्पन्न करने वाले जेनरेटरों का आविष्कार किया गया। सन्न 1867 में जर्मनी में पहले जेनरेटर (Generator) या विद्युत डायनमो (Dynamo) बनाया गया था।

वर्तमान समय में तो हम पानी, हवा और सूर्य की किरणों से भी बिजली उत्पन्न करने लग गए हैं। बिजली के आविष्कार ने हमारी दुनिया को एक नयी ऊंचाई प्रदान की है। आज के समय शायद ही कोई ऐसा काम हो जिसमें हमें बिजली का इस्तेमाल ना करना पड़े। लगभग हर कार्य के लिए बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है।

बिजली का आविष्कार किसने और कब किया? – Bijli ka avishkar

दरअसल बिजली का आविष्कार नहीं हुआ था बल्कि खोज हुई थी, क्योंकि विद्युत या फिर बिजली ऊर्जा का ही एक रूप होती है जो हमारी प्रकृति में पहले से ही मौजूद थी। इसकी खोज करने का श्रेय जाता है बेंजामिन फ्रेंकलिन को, क्योंकि कई प्रयोगों द्वारा उन्होने ही बिजली और प्रकाश के बीच के संबंध के विषय में बताया।

लेकिन बिजली के उत्पादन और बिजली पैदा करने तथा उसको वास्तविक रूप से उपयोग में लाने का श्रेय जाता है माइकल फेराडे को। क्योंकि उनके दिये गए सिधान्त के आधार पर ही विद्युत या बिजली पैदा करने वाले जेनरेटर का आविष्कार हुआ।

उन्होने 1831 में विद्युत चुम्बकीय प्रेरणा के सिधान्त का आविष्कार किया और बिजली उत्पन्न करने वाले जेनरेटर का निर्माण किया। इसके पश्चात ही बिजली का वास्तविक रूप में इस्तेमाल संभव हो पाया और बिजली उत्पन्न करने की समस्या दूर हुई। इसलिए बिजली के जन्मदाता माइकल फेराडे को ही माना जाता है।

बिजली कितने प्रकार की होती है? – Types of Electricity

बिजली मुख्यतः दो प्रकार की होती है, जिसका वर्णन निम्नलिखित है:-

  • गतिशील विध्युतधारा (Dynamic Electricity): एक जगह से दूसरी जगह गति करने वाली बिजली को हम गतिशील विध्युतधारा कहते हैं। इसको अधिक मात्र में बनाया जा सकता है। यह बिजली हम सेल, बेटरी, डायनमो और अल्टरनेटर इत्यादि से बना सकते हैं। यह दो प्रकार की होती है: 1. प्रत्यावर्ती धारा (AC, Alternating Current),  2. दिष्ट धारा (DC, Direct Current)।
  • स्थिर विध्युतधारा (Static Electricity): एक जगह पर ही ठहरने या स्थिर रहने वाली बिजली को ही हम स्थिर विध्युतधारा कहते हैं।

बिजली के उत्पादन के मुख्य स्त्रोत क्या हैं?

  • पवन चक्की द्वारा (Wind Mill): इसकी लिए हवा की आवश्यकता होती है।
  • पानी से चलने वाली टर्बाइन द्वारा: इसके लिए पानी को तीव्र गति से टर्बाइन पे गिराया जाता है।
  • सोलर पैनल द्वारा (Solar Panel): इसके लिए सूर्य की किरणों की आवश्यकता होती है।
  • निभिकीय विखंडन द्वारा (Nuclear Fission): इसमें यूरेनियम 235 पर न्यूट्रॉन की वर्षा की जाती है।
  • निभिकीय संलयन द्वारा (Nuclear Fusion): इसमें हाइड्रोजन का संलयन करके बिजली उत्पन्न की जाती है।

बिजली को मापने की इकाई और यंत्र – Unit of Electricity

बिजली (Electricity) को मापने के लिए हम जिस यंत्र का इस्तेमाल करते हैं उसका नाम है एमिटर (Ammeter)। बिजली को मापने के लिए SI इकाई एम्पियर (Ampere) है।

बिजली का महत्व

बिजली का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। वर्तमान समय में ऐसा कहें की बिजली के बिना जीना मुश्किल हो जाएगा तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी। पुराने समय से ही बिजली बहुत महत्वपूर्ण रही है। पहले के समय जब हम बिजली का उपयोग नहीं करते थे, उस समय भी आकाश में बिजली चमकने का बहुत महत्व था। आकाश में बिजली चमकती थी तो हम बारिश का अंदेशा लगा लेते थे।

वर्तमान समय में जैसा की आप सबको पता है की हमने बिजली का उत्पादन करना शुरू कर दिया है और बिजली से चलने वाले अनेकों उपकरणों का भी आविष्कार कर लिया है। बिजली के आने से हमारे जीवन को नई दिशा मिल गई है। अब हमारा जीवन पहले से ज्यादा सहज और सुखद हो गया है। बिजली का हमारे जीवन में कितना महत्व है यह इस बात से ही समझ आ जाएगा की सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक और सोते हुये भी हम बिजली का इस्तेमाल करते हैं। हमारी दिनचर्या के छोटे – बड़े सब कार्यों में बिजली की कहीं न कहीं भूमिका होती ही है।

बिजली के आने से हमारा अनेक कार्यों में लगने वाला समय बच जाता है। बिजली से चलने वाले ऐसे उपकरण हमने बना लिए हैं की सिर्फ एक स्विच को ON करने की ही आवश्यकता होती है किसी कार्य के लिए। किसी भी जगह के बारे में सोचकर देख लो बिजली हर जगह महत्वपूर्ण हो गई है। फेक्टरियों में लगभग सब मशीनें बिजली से चलने वाली हैं, कार्यालयों में कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर इत्यादि उपकरण सब बिजली से चलते हैं।

घरों के साथ साथ किसानों को कृषि कार्यों में भी बिजली की आवश्यकता होती है, जैसे खेतों में पानी की मोटरें बिजली से चलती हैं। घर से बाहर निकाल जाएँ तो इधर उधर जाने के लिए बिजली से चलने वाले वाहनों का भी आविष्कार हो चुका है। बैंक, हॉस्पिटल, स्कूल, रेल्वे स्टेशन, ट्रेन, बस स्टैंड, फैक्ट्रियाँ, ऑफिस जहां देखो वहीं पर आपको बिजली से चलने वाले उपकरण देखने को मिलेंगे। आज के समय में हमारी तीन मूलभूत आवश्यकताओं में (रोटी, कपड़ा, मकान) के अलावा बिजली भी शामिल हो गई है।

आप उपरोक्त वर्णित बिजली के उपयोगों और उसकी महता को समझ गए होंगे। इसलिए बिजली का जीवन में क्या महत्व है यह सोचकर हमें बिजली का सदुपयोग करना चाहिए। क्योंकि अगर बिजली हम दुरुपयोग करेंगे और एक समय ऐसा आ जाये जब बिजली ना हो तो सोच सकते हो की हमारा जीवन कैसा होगा बिजली के बिना। क्योंकि बिजली का हम प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करके उत्पादन करते हैं और यह संसाधन सीमित हैं, इसलिए हमें बिजली का सदुपयोग करना चाहिए।

बिजली के लाभ

  • बिजली के उपकरणों से कार्य जल्दी हो जाते हैं जिससे समय की बचत होती है।
  • बिजली से चलने वाले पंखे, कूलर, फ्रीज़, एयर कंडीशनर इत्यादि से हमारा जीवन बहुत सुखद और आरामदायक हो गया है।
  • कार्यालयों में कार्य करने में सुविधा हो गई है।
  • बिजली से चलने वाले कंप्यूटर की सहायता से पेपरलेस क्रियाएँ संभव हो गई है।
  • फैक्ट्रियों में बिजली से चलने वाली मशीनों के आने से एक बार पूंजी लगाकर सीमित मानव शक्ति के सहारे फैक्ट्रियों में कार्य संभव हो गया है।
  • बिजली बल्ब, ट्यूब लाइट इत्यादि से घर प्रकाशमय हो जाते हैं।
  • बिजली से चलने वाले उपकरणों या मशीनों के होने से भारी और ज्यादा काम भी कोई एक इंसान आसानी से कर लेता है।
  • पर्यावरण के लिए भी बिजली बहुत महत्वपूर्ण है। जैसे – पहले हम पानी गरम करने के लिए लकड़ी के ईंधन को जलाते थे तो उससे पर्यावरण प्रदूषित होता था, लेकिन अब इलैक्ट्रिक रोड, गीजर, इलैक्ट्रिक हीटर से पानी गरम कर सकते हैं।
  • बिजली के आने से हम हर मौसम में सुविधाजनक रूप से अपना जीवन जीते हैं। जैसे – गर्मी से बचने के लिए पंखे, कूलर, एयर कंडीशनर इत्यादि, सर्दी से बचने के लिए रूम हीटर, गीजर, इलैक्ट्रिक रोड इत्यादि का इस्तेमाल करते हैं।
  • एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए बिजली से चलने वाले वाहनों का भी आविष्कार हो चुका है।
  • रात में कार्य करना आसान हो गया है। बिजली के आभाव में या तो रात में कार्य नहीं होता था या फिर बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है, बल्ब, ट्यूब लाइट के सहारे में सुविधाजनक ढंग से रात में भी कार्य कर सकते हैं।
  • बिजली से चलने वाले टेलिविजन से हम घर बैठे पूरी दुनिया की खबर देख सकते हैं।

बिजली की हानियाँ

बिजली से हमको बहुत सारे लाभ हैं लेकिन उसके साथ साथ इसकी कुछ हानियाँ भी हैं जिसके बारे में हमको पता होना चाहिए। बिजली से होने वाली हानियाँ निम्नलिखित हैं:-

  • बिजली के आगमन से इंसान आलसी हो सकता है। बिजली के उपकरणों से कार्य आसानी से हो जाता है, इसकी वजह से पहले की तुलना में इंसान को मेहनत कम करनी पड़ती है जिसके चलते ऐसा हुआ है।
  • बिजली के आगमन से इंसान बेसब्रता में रहता है कार्य के प्रति, पहले की तुलना में अब बिजली की वजह से कार्य जल्दी हो जाता है, जिसके चलते इंसान कार्य के पूर्ण होने के लिए बहुत तत्परता दिखाता है।
  • बिजली के कारण इंसान विलासिन होता जा रहा है। वर्तमान समय में बिजली से चलने वाले उपकरण जैसे – फ्रिज, कूलर, एयर कंडीशनर, गीजर, रूम हीटर इत्यादि के इस्तेमाल के कारण इंसान की गर्मी और सर्दी को सहन करने की क्षमता घटती जा रही है। इन उपकरणों के इस्तेमाल के कारण इंसान का जीवन विलासिनता की तरफ चला जा रहा है।
  • बिजली के आने के बाद करंट लगने का खतरा रहता है। इसलिए बिजली से संबन्धित कार्यों को बहुत समझदारी से करना होता है।
  • बिजली के आगमन के बाद, वर्तमान समय में हम बिजली के गुलाम बन चुके हैं। हमारा लगभग हर कार्य बिजली पर निर्भर रहने लगा है, यह स्थिति बहुत खराब है। अगर भविष्य में बिजली नहीं होगी तो जीने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं बिजली के बिना।
  • बिजली के उत्पादन के लिए हम प्रकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे हमारी प्रकृति को नुकसान होता है। लगातार प्राकृतिक संसाधनों के इस्तेमाल से इन संसाधनों के खत्म होने का खतरा है।
  • बिजली के तारों में शॉर्ट सर्किट होने से बहुत बड़ा हादसा हो सकता है। जिसकी वजह से जान और माल को खतरा हो सकता है।
  • हम बिजली के इतने अधीन हो चुके हैं की बिजली के बिना जीना मुश्किल हो गया है। बिजली पर इतनी निर्भरता बहुत खराब है।

भारत में सबसे पहले बिजली कब और कहाँ आई

भारत में बिजली सबसे पहले सन्न 1879 में कोलकाता में आई थी। जिसका मुख्य उद्देश्य भारत में बिजली को बढ़ावा देना था, जिससे की भारत में भी आम जीवन को सुखद और सरल बनाया जा सके।

जिसके बाद सन्न 1899 में बिजली को उत्पन्न करने के लिए कोलकाता में सबसे पहली फैक्ट्री लगाई गई थी जिसका नाम Calcutta Electricity Supply Corporation था। उसके पश्चात सन्न 1902 में मैसूर में जल विध्युत उत्पादन केंद्र की स्थापना की गई। उसके पश्चात डीजल से भी बिजली को उत्पन्न किया जाने लगा। सन्न 1905 में दिल्ली में डीजल से बिजली का उत्पादन शुरू हुआ। उसके पश्चात पूरे भारतवर्ष में बिजली का उत्पादन होने लग गया।

बिजली से संबन्धित रोचक तथ्य:

  • टेलिविजन, फ्रिज और वॉशिंग मशीन जैसे घरेलू बिजली के उपकरण 5 Amp करंट पर चलते हैं।
  • लगभग 3000 इंसान भारत में हर साल बिजली गिरने से मर जाते हैं।
  • आकाश से गिरने वाली बिजली 10 करोड़ Volt अथवा 10000 Amp करंट की होती है। यह 30000 डिग्री सेलसियस तक गरम होती है, जो की सूर्य की सतह के तापमान से भी 5 गुना अधिक होती है। आकाश से गिरने वाली बिजली से 100 वॉल्ट वाला इलैक्ट्रिक बल्ब लगातार 3 महीने तक जलाया जा सकता है।
  • घरों में इस्तेमाल होने वाली बिजली सिर्फ 220 Volt की होती है।
  • Roy Cleveland Sullivan नामक व्यक्ति बार सबसे ज्यादा 7 बार बिजली गिरि है, और हर बार वह बच गया है। यह U.S. के Virginia के निवासी हैं। 7 बार बिजली गिरने के बाद भी यह बच गए इसलिए इनको हम ”Human Lightning Conductor” और ”Human Lightning Rod” के नाम से भी जानते हैं। यह Guinness World Records होल्डर हैं।
  • बिजली की सबसे सुचालक धातु चाँदी है।
  • बिजली की गति प्रकाश की गति के बराबर ही होती है।
  • सबसे ज्यादा बिजली का उत्पादन पानी से किया जाता है।
  • सबसे ज्यादा बिजली (Electricity) का उत्पादन करने वाला देश चीन है।
  • भारत बिजली (Electricity) के उत्पादन में तीसरे स्थान पर है।
  • बिजली गिरने से मरने वालों में लगभग 80 प्रतिशत पुरुष हैं और 20 प्रतिशत महिलाएं।
  • भारत में गुजरात राज्य में सबसे ज्यादा सोलर बिजली बनाई जाती है।
  • आकाश से बिजली गिरने की सबसे ज्यादा संभावना दोपहर के समय होती है।
  • समुद्र की तुलना में बिजली जमीन पर ज्यादा गिरती है।
  • बिजली 6696000 मील/ घंटा की रफ्तार से चलती है।

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Rashvinder
Rashvinder
मैं Rashvinder Narwal टेक्निकल फील्ड में एक्सपर्ट हूं और कंटेंट राइटिंग के साथ-साथ SEO में भी एक्सपर्टीज रखता हूं। मैं हमेशा जनरल नॉलेज और ज्ञानवर्धक टॉपिक्स के साथ ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर भी रिसर्च करता रहता हूं और उससे संबंधित लेख इस वेबसाइट पर पब्लिश करता हूं। मेरा मकसद हिंदी डाटा वेबसाइट पर सही जानकारी को लोगों तक पहुंचाना है।
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