प्रकृति विज्ञान की तीन बड़ी शाखाएं होती हैं जिनमें से जीव विज्ञान एक विशाल शाखा है। इसमें जीव जंतुओं का अध्ययन किया जाता है और यह जाना जाता है कि जीवों की संरचना क्या है उनका विकास कैसे होता है और अलग-अलग प्रकार से उनकी पहचान और उन पर अध्ययन किया जाता है। Jeev Vigyan को अंग्रेज़ी में Biology कहते हैं।
जीव विज्ञान किसे कहते हैं? – Jeev Vigyan kya hai?
जीव विज्ञान में जैविक जीवन पर अध्ययन किया जाता है जिसे सभी जीवो की कोशिकाओं और उनके जिन कैसे हैं या उनका विकास किस प्रकार से हुआ इत्यादि को समझा जाता है। यह दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें जीव का अर्थ है कोई भी जीव या जंतु और विज्ञान का अर्थ है उनके बारे में अध्ययन करना या उनके बारे में ज्ञान प्राप्त करना।
जीव विज्ञान की परिभाषा यह है कि वह विज्ञान जिसमें जीवों का अध्ययन, उनके कार्यों और उनके वर्गीकरण का अध्ययन या उनके विकास का अध्ययन किया जाता है, वह जीव विज्ञान कहलाता है।
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जीव विज्ञान की अलग-अलग शाखाएं हैं जिनको वर्गीकृत करके उन्हें अलग भागों में बांटा गया है। क्योंकि जीव-विज्ञान एक बहुत बड़ा क्षेत्र है इसीलिए जीवन को उनके अध्ययन के आधार पर अलग-अलग भागों में बांटा गया है।
जीव विज्ञान के जनक
अरस्तु को जीव विज्ञान का जनक माना जाता है। और वहीं पर एंटोनी लेवोज़ियरर को केमिस्ट्री का पिता कहा जाता है। अरस्तु द्वारा जीव-विज्ञान को दो भागों में वर्गीकृत किया था जिनमें से पहले जंतु और दूसरा वनस्पति है।
जीव विज्ञान के प्रकार
जीव विज्ञान के तीन प्रमुख शाखाएं हैं इसके बाद उन्हें भी अलग-अलग शाखों में विभाजित किया गया है।
- वनस्पति विज्ञान
- जंतु विज्ञान
- सूक्ष्मजीव विज्ञान
यह तीन Jeev Vigyan की प्रमुख शाखाएं हैं। इन तीन प्रकार के Jeev Vigyan का अध्ययन अलग-अलग प्रकार से किया जाता है। इनका विभाजन उन्हें अध्ययन करने के आधार पर किया गया है।
- जैविक विज्ञान – जैविक विज्ञान बहुत तेजी से विकसित हुआ है और आज के समय में मानव शरीर में होने वाली बीमारियों का पता और उनका इलाज इसी विज्ञान से किया जाता है।
- वनस्पति विज्ञान – वनस्पति विज्ञान में वनस्पतियों का अध्ययन किया जाता है, और उनके विकास के अध्ययन के साथ उन में बेहतर बदलाव वनस्पति विज्ञान के अंतर्गत उनका अध्ययन करने के बाद किए जाते हैं।
- जूलॉजी विज्ञान – जीव विज्ञान के इस शाखा में पशुओं का अध्ययन किया जाता है जिसमें उनके विकास के साथ-साथ जो प्रजातियां पृथ्वी पर विलुप्त हो रही है उन्हें कैसे संरक्षित रखा जा सकता है यह भी अध्ययन किया जाता है। इसके साथ इसके साथ दो अलग प्रजातियों के मिलन से नई प्रजाति को बनाना आदि भी जूलॉजी विज्ञान का ही हिस्सा है।
- एनाटॉमी – इस शाखा के अंतर्गत जीवों के अंदरूनी भागों की संरचना को जाना जाता है। मानव शरीर के अंदर या पशु के आंतरिक भागों की संरचना किस प्रकार है वह सभी एनाटॉमी के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है।
- फिजियोलॉजी – इसके अंतर्गत मानव शरीर के तंत्र और उसकी विशेषताओं के बारे में जाना जाता है। मानव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता की जानकारी और उसके बारे में अध्ययन फिजियोलॉजी में ही किया जाता है। मानव शरीर के तंत्र को किस प्रकार से मजबूत किया जाए या उसकी रोक प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढ़ाया जाए वह फिजियोलॉजी शाखा का हिस्सा है।
आधुनिक जीव विज्ञान के आधार क्या है?
- कोशिका
- कर्म विकास
- अनुवांशिकता
- ऊर्जा
- समस्थापन
यह विज्ञान की वह शाखा है जिसमें हर प्रकार के जीव का अध्ययन किया जाता है। अंग्रेजी में जीव-विज्ञान को बायोलॉजी कहा जाता है जो एक ग्रीक शब्द है। वैसे तो अरस्तु को जीव विज्ञान का जनक माना जाता है, परंतु बायोलॉजी शब्द का प्रयोग सबसे पहला फ्रांसीसी वैज्ञानिक लैमर्क और वैज्ञानिक ट्रैविरेनस ने किया था।
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