रोपण कृषि मुख्यतः उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में की जाती है जिनमें से भारत, श्रीलंका, ब्राजील और मलेशिया मुख्य देशों में से हैं। कृषि में कॉफी, चाय, केला, रबड़, कपास, नारियल आदि उगाए जाते हैं। ऐसी कृषि में बड़े बड़े बाग़ान लगाए जाते हैं, और लम्बे समय में उत्पादन होता है।
रोपण कृषि क्या है?
रोपण कृषि वह कृषि होती है जिसमें उत्पादन के लिए बड़े-बड़े बागान लगाए जाते हैं और उनमें आधुनिक कृषि यंत्रों के साथ कीटनाशकों और उन्नत बीज का उपयोग किया जाता है। रोपण कृषि मुख्य व्यापारिक उद्देश्य और निर्यात के लिए की जाती है, और इनमें उत्पादन बड़े स्तर पर किया जाता है।
यह कृषि मुख्यतः उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में की जाती है और यह वाणिज्य कृषि का ही देख प्रकार है। रोपण कृषि में चाय, काजू, रबड़, केला, कपास, कॉफी, नारियल जैसी फसलें उगाई जाती हैं।
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रोपण कृषि में उत्पादन
रोपण कृषि में उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है और मुख्यतः व्यापार के लिए इस प्रकार की खेती की जाती है। इस प्रकार की खेती से व्यापारिक उद्देश्यों को पूरा किया जाता है और बहुत बड़े बागानों में वृक्षों को लगाकर उत्पादन प्राप्त किया जाता है।
इस कृषि में नगदी फसलों का उत्पादन होता है और इसमें बड़े-बड़े बागान कृषि के लिए उपयोग किए जाते हैं। उत्पादन को बढ़ाने के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग होता है और वैज्ञानिक तरीकों से उत्पादन को उच्च स्तर तक बढ़ाया जाता है।
रोपण कृषि की विशेषताएं
रोपण कृषि की दो विशेषताएं मुख्यतः पूंजी और श्रम का प्रयोग और वैज्ञानिक विधि से उत्पादन करना होता है। इसके अलावा अन्य रोपण कृषि की विशेषताएं नीचे दी गई हैं।
- रोपण कृषि बड़े पैमाने पर की जाती है और इसमें बड़ी पूंजी और श्रम की आवश्यकता पड़ती है।
- इस कृषि में आधुनिक कृषि यंत्रों और वैज्ञानिक विधि का उपयोग किया जाता है जिससे उत्पादन को बढ़ाया जा सके।
- इस कृषि को बड़े पैमाने पर बहुत बड़े क्षेत्र में किया जाता है और इसके लिए वैज्ञानिक प्रबंधन की भी जरूरत पड़ती है।
- मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की जांच की जाती है जिसके अनुसार पौधों का रोपण किया जाता है।
- परिवहन नेटवर्क की आवश्यकता होती है क्योंकि यह नकदी फसलें सीधा कारखानों और बाजारों तक पहुंचानी पड़ती है।
- ब्राजील में कॉफी का उत्पादन, भारत में चाय का उत्पादन और मलेशिया में रबड़ का उत्पादन इसके ही उदाहरण है।
- इस तरह की कृषि एक बहुत बड़े क्षेत्र में की जाती है, और उस क्षेत्र में पौधों को लगाकर उत्पादन किया जाता है।
रोपण कृषि के लाभ
- इस कृषि से किसान समृद्ध बनता है।
- किस प्रकार की कृषि के उत्पादन को तुरंत भेजा जा सकता है।
- लंबे समय तक कमाई होती है।
- एक साथ कई मजदूरों को काम मिलता है।
रोपण फसल के नुकसान
- यह कृषि शुरू करने के लिए लंबे समय की आवश्यकता होती है।
- ज्यादा पूंजी की आवश्यकता पड़ती है।
- आधुनिक कृषि यंत्रों की जरूरत।
- छोटे पैमाने पर नहीं की जा सकती
- छोटे किसान पूंजी की कमी के कारण यह कृषि नहीं कर सकते हैं।
छोटे पैमाने पर रोपण कृषि की जा सकती है परंतु उससे कोई अधिक लाभ प्राप्त नहीं होता और इसमें आधुनिक कृषि यंत्रों की आवश्यकता पड़ती है और इनके लिए पूंजी और एक बड़े क्षेत्र की जरूरत होती है।
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